Punjab सरकार अब पेड़ों की सुरक्षा और हरित आवरण बढ़ाने के लिए गंभीर पहल कर रही है।
Punjab News: पंजाब सरकार अब पेड़ों की सुरक्षा और हरित आवरण बढ़ाने के लिए गंभीर पहल कर रही है। इसके लिए द पंजाब प्रोटेक्शन ऑफ ट्री एक्ट-2025 (The Punjab Protection of Trees Act-2025) का मसौदा तैयार किया गया है। इस अधिनियम के तहत शहरी स्थानीय निकायों में ट्री अफसरों की नियुक्ति होगी और उनके फैसलों को चुनौती देने के लिए अपीलीय प्राधिकरण भी बनाया जाएगा।

पहली बार बनेगा ट्री एक्ट
अब तक पंजाब में केवल ट्री पॉलिसी (Tree Policy) के तहत काम चल रहा था। पहली बार वृक्ष संरक्षण के लिए अलग से अधिनियम बनाया जा रहा है। इसमें शहरी क्षेत्र को शामिल किया गया है, जबकि सेना, अर्धसैनिक बलों के कैंपस, पंजाब भूमि संरक्षण अधिनियम-1900 के अंतर्गत अधिसूचित भूमि और वन्यजीव क्षेत्र इस एक्ट से बाहर रखे जाएंगे।
हर निकाय में होगा ट्री अफसर
प्रदेश के 167 शहरी स्थानीय निकायों नगर निगम, नगर परिषद और नगर पंचायतों में एक-एक ट्री अफसर नियुक्त किया जाएगा। कोई भी व्यक्ति यदि पेड़ की कटाई, छंटाई या स्थानांतरण करना चाहता है तो उसे लिखित आवेदन ट्री अफसर को देना होगा।
जांच के बाद ही मिलेगी अनुमति
ट्री अफसर आवेदन की जांच कर यह देखेंगे कि पेड़ को काटना या हटाना कितना आवश्यक है। यदि पेड़ किसी संपत्ति या व्यक्ति के लिए खतरा है तो अनुमति दी जाएगी। लेकिन, बाढ़, तूफान, युद्ध या प्राकृतिक आपदा में पेड़ गिराने के बाद संबंधित एजेंसी को 24 घंटे में इसकी सूचना ट्री अफसर को देनी होगी।
तय समय सीमा में निर्णय
ट्री अफसर को आवेदन आने के बाद 7 से 30 दिनों के भीतर निर्णय लेना होगा। यदि किसी को अफसर के फैसले से आपत्ति है तो वह 30 दिनों के भीतर अपीलीय प्राधिकरण के पास अपील कर सकेगा। अपीलीय प्राधिकरण का निर्णय अंतिम माना जाएगा।
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पर्यावरण संरक्षण की दिशा में अहम पहल
पंजाब के प्रधान मुख्य वन संरक्षक धर्मेंद्र शर्मा (Dharmendra Sharma) ने कहा कि इकोलॉजिकल संतुलन बनाए रखने, प्रदूषण रोकने और मृदा संरक्षण के लिए ऐसे अधिनियम की बेहद आवश्यकता थी। मान सरकार की यह गंभीर पहल अब पेड़ों की अंधाधुंध कटाई पर रोक लगाएगी और आने वाली पीढ़ियों के लिए हरित आवरण सुनिश्चित करेगी।