Punjab Students News: पंजाब में सीबीएसई (CBSE) के विद्यार्थी ये जरूरी खबर जरूर पढ़ें। अब विद्यार्थियों (Students) को परीक्षा में लंबे-लंबे उत्तर लिखने के लिए विषयों (Subjects) को रटना नहीं पड़ेगा। हाल ही में सीबीएसई ने नया सर्कुलर (New Circular) जारी किया है। पढ़िए पूरी खबर…
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सीबीएसई (CBSE) के मुताबिक अब कक्षा 11वीं और 12वीं की परीक्षाओं में कॉम्पिटेंसी फोकस्ड (Competency Focused) सवालों की संख्या बढ़ाई जाएगी। यानी 12वीं बोर्ड में अब कॉम्पिटेंसी बेस्ड सवाल जैसे मल्टीपल चॉइस क्वेश्चन (MCQs), केस स्टडी और रियल लाइफ बेस्ड सवाल बढ़ाए जाएंगे।
वहीं, लॉन्ग (Long) और शॉर्ट आंसर (Short Answer) टाइप सवालों को घटाकर सिर्फ 30 प्रतिशत रखा जाएगा। इस बदलाव का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को विषय को रटने की आदत से बाहर निकालना और उन्हें प्रतियोगिता परीक्षा के लिए तैयार करना है क्योंकि इन परीक्षाओं में एप्लीकेशन बेस्ड सवाल ज्यादा पूछे जाते हैं। स्कूल से निकलते ही आगे करियर चुनने के लिए विद्यार्थियों को प्रतियोगिता परीक्षाओं का सामना करना होता है। ऐसे में उनको स्कूल स्तर पर तैयार करने के लिए यह बदलाव किया जा रहा है।
फिलहाल 9वीं और 10वीं की परीक्षाओं (Examinations) में कोई बदलाव नहीं किया गया है। लेकिन 2025 में 11वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा में बैठने वाले विद्यार्थियों को यह बदलाव पेपर में देखने को मिलेंगे।
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बोर्ड परीक्षा पैटर्न 2024 में यह था
- 40 प्रतिशत एम.सी.क्यू., केस आधारित सवाल, सोर्स बेस्ड इंटीग्रेटेड सवाल (कॉम्पिटेंसी फोकस्ड सवाल)
- 20 प्रतिशत मल्टीपल टाइप च्वाइस (सिलेक्ट रिस्पांस टाइप)
- 40 प्रतिशत शॉर्ट और लॉन्ग आंसर वाले सवाल (कंस्ट्रक्टेड रिस्पॉन्स वाले सवाल)
बोर्ड परीक्षा 2025 में ऐसी होगी
- 50 प्रतिशत एम.सी.क्यू., केस आधारित सवाल, सोर्स बेस्ड इंटीग्रेटेड सवाल (कॉम्पिटेंसी फोकस्ड सवाल)
- 20 प्रतिशत मल्टीपल टाइप च्वाइस (सिलेक्ट रिस्पांस टाइप)
- 30 प्रतिशत शॉर्ट और और सवाल (कंस्ट्रक्टेड रिस्पॉन्स वाले सवाल)
सीबीएसई के सिटी को-ऑर्डीनेटर ने क्या कहा?
सीबीएसई के सिटी को-आर्डीनेटर डॉ. एपी शर्मा (Dr. AP Sharma) ने बताया कि परीक्षा में अब तक लंबे-लंबे उत्तर स्टूडैंट को लिखने होते थे। अब ऐसे सवालों को कम कर दिया जाएगा जिससे स्टूडैंट को रटने की आदत से छुटकारा दिलवाया जा सके। इस नए पैटर्न से स्टूडैंट की एनालिटिकल स्किल को परखा जाएगा।
वहीं, कॉन्सेप्ट बेस्ड प्रश्नों से स्टूडैंट में विषयों की प्रैक्टिकल नॉलेज (Practical Knowledge) बढ़ेगी और रचनात्मक सोच भी विकसित होगी। इंटीग्रेटेड प्रक्रिया के होने से सभी विषय आपस में जुड़े होंगे। अभी तक अलग-अलग विषय पढ़ाए जाने से एक विषय की जानकारी दूसरे विषय में लागू नहीं कर पाते थे, लेकिन इस तरीके से यह गैप खत्म हो जाएगा।
टॉपिक्स को रियल लाइफ एग्जाम्पल से पढ़ाएंगे टीचर
पैटर्न में बदलाव से टीचर (Teacher) को भी पढ़ाने के तरीके बदलने होंगे। अब टीचर को टॉपिक लॉजिक (Topic Logic) के साथ समझाने के लिए किताब से पढ़ाने के अलावा प्रैक्टिकल और रियल लाइफ एग्जाम्पल भी देने होंगे। इसके लिए सीबीएसई टीचर्स को ट्रेनिंग दे रहा है। इसके अलावा स्टूडैंट को थीम बेस्ड एक्टीविटी से जोड़ा जाएगा। फील्ड ट्रिप, वर्कशॉप, इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स के जरिए भी पढ़ाया जाएगा।