यमन में भारतीय नर्स को मौत की सज़ा से बचाने के लिए सिर्फ 1 रास्ता!

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सूर्यांश सिंह, ख़बरीमीडिया
Indian Nurse in Yemen:
यमन में भारतीय नर्स को मौत की सजा (Punishment) से बचाने के लिए सिर्फ 1 रास्ता ही है। जहां निमिषा प्रिया की ओर से यमन की सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सजा माफ करने की अपील खारिज (Rejected) कर दी गई है। वकील सुभाष चंद्रन ने कहा कि यमन में प्रचलित शरिया कानून (Sharia law) के तहत पीड़ित परिवार के साथ सीधी बातचीत ही अब सजा माफी की दिशा में आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता है। नर्स की मां ने दिल्‍ली (Delhi) की अदालत में यमन जाने की अनुमति देने का अनुरोध किया है।

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आपको बता दें कि केरल की एक नर्स को यमन (Yemen) में सजा ए मौत की सजा दी गई है। वकील का कहना है कि नर्स को मौत की सजा से बचाने का एकमात्र तरीका पीड़ित के परिवार के साथ ब्लड मनी पर बातचीत करना है। नर्स की मां ने दिल्‍ली की अदालत में यमन जाने की अनुमति देने का अनुरोध किया है। नर्स निमिषा प्रिया (Nimisha Priya) को एक यमनी नागरिक की हत्या का दोषी पाए जाने के बाद मौत की सजा सुनाई गई है।

13 नवंबर को नर्स निमिषा प्रिया की अपील खारिज

कतर में 8 भारतीयों को मौत की सजा के फैसले के बीच यमन में एक भारतीय नर्स की फांसी का मामला अब एक बार फिर चर्चा में आ गया है। यमन कोर्ट ने भारतीय महिला निमिषा को हत्या का दोषी ठहराते हुए फांसी की सजा सुनाई थी। इस मामले में दोषी नर्स की मां ने यमन जाने की गुहार लगाते हुए दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। केंद्र सरकार की तरफ से अदालत को यह जानकारी दी गई कि यमन में सर्वोच्च न्यायालय ने 13 नवंबर को नर्स निमिषा प्रिया की अपील खारिज कर दी थी।
अब यमन में मौत की सजा पाने वाली केरल (Kerala) की नर्स को बचाने का एकमात्र तरीका पीड़ित के परिवार के साथ ब्लड मनी पर बातचीत करना है। नर्स की मां के वकील सुभाष चंद्रन ने कहा कि निमिषा प्रिया को एक यमनी नागरिक की हत्या के लिए मौत की सजा का सामना करना पड़ा है।सुप्रीम कोर्ट ने उनकी अपील खारिज कर दी। यमन में प्रचलित शरिया कानून के तहत पीड़ित परिवार के साथ सीधी बातचीत ही अब आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता है। लेकिन यह उतना आसान नहीं है जितना लगता है।

2016 से यमन की यात्रा पर प्रतिबंध

वकील ने बताया कि 2016 से यमन की यात्रा पर प्रतिबंध (Restrictions) है। जिसके कारण भारतीय नागरिक भारत सरकार की अनुमति के बिना यमन नहीं जा सकते। इसलिए हम ब्लड मनी वार्ता के लिए पीड़ित परिवार तक पहुंचने में सक्षम नहीं हैं। ब्लड मनी वह मुआवजा है जो पीड़ित के परिवार द्वारा उसकी रिहाई सुनिश्चित करने के लिए तय किया जाता है। लेकिन इस बातचीत के लिए उनकी मां का यमन जाना जरूरी है और दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्र से उनकी मां के अनुरोध पर एक सप्ताह के भीतर निर्णय लेने का आग्रह किया है।

जानिए क्या है मामला?

निमिषा 2017 से यमन की जेल में बंद है। निमिषा को यमन के नागरिक तलाल एब्दो महदी (Talal Abdo Mahdi) की हत्या का दोषी पाया गया था। उस पर आरोप थे कि उन्होंने महदी के पास जमा अपना पासपोर्ट पाने के लिए उन्हें बेहोशी के इंजेक्शन दिए लेकिन इन इंजेक्शन की वजह से महदी की मौत हो गई। केरल के पलक्कड़ की रहने वाली नर्स निमिषा अपने पति और बेटी के साथ पिछले लगभग एक दशक से यमन में काम कर रही थी। 2016 में यमन में हुए गृहयुद्ध की वजह से देश से बाहर आने-जाने पर पाबंदी (Restrictions) लगा दी गई थी। लेकिन इससे पहले 2014 में ही उनके पति और बेटी भारत लौट आए थे।
लेकिन निमिषा वापस लौट नहीं पाई थी। इसके बाद नर्स पर जुलाई 2017 में एक यमनी नागरिक की हत्या (Murder) का आरोप लगाया गया। लिहाजा 7 मार्च 2018 को यमन में अदालत ने निमिषा की मौत की सजा को बरकरार रखा था। दिल्ली हाईकोर्ट में दायर याचिका में दावा किया गया था कि महदी ने नर्स को शारीरिक और आर्थिक रूप से प्रताड़ित किया था। उसका पासपोर्ट कब्जे में ले लिया था।

कौन हैं निमिषा प्रिया?

केरल के पलक्कड़ की रहने वाली नर्स निमिषा अपने पति और बेटी के साथ पिछले लगभग एक दशक से यमन में काम कर रही थीं। 2016 में यमन में हुए गृह युद्ध (Civil War) की वजह से देश से बाहर आने-जाने पर पाबंदी लगा दी गई थी। लेकिन इससे पहले 2014 में ही उनके पति और बेटी भारत लौट आए थे। निमिषा ने यमन में रहकर अपना क्लीनिक (Clinic) खोल लिया।

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किस मामले में हुई मौत की सजा?

2014 में निमिषा प्रिया ने यमन में क्लीनिक खोलने में मदद के लिए तलाल अब्दो महदी से संपर्क किया था। तलाल, निमिषा के पति टोनी थॉमस का दोस्त था। साल 2015 में निमिषा ने अपने दोस्त अब्दुल हनान (Abdul Hanan) की मदद से क्लीनिक खोल लिया। आरोप है कि उन्हें तलाल से कोई मदद नहीं मिली।
लेकिन जब निमिषा क्लीनिक से कमाई करने लगीं तो तलाल ने अपना हिस्सा मांगा। आरोप है कि उन्हें परेशान किया। तलाल ने निमिषा को अपनी दूसरी पत्नी बताने का दावा किया। 2016 में निमिषा ने तलाल की शिकायत पुलिस में दी। इसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया। जेल से बाहर आया तो निमिषा का पासपोर्ट अपने पास रख लिया। 2017 में अपना पासपोर्ट वापस लेने के लिए निमिषा ने तलाल को नशीला इंजेक्शन दिया था ताकि उसे काबू में कर सके। इंजेक्शन की ओवरडोज से तलाल की मौत हो गई।

निमिषा का दोस्त भी दोषी करार?

तलाल की मौत होने के बाद निमिषा और दोस्त अब्दुल हनान ने डेड बॉडी (Dead Body) को ठिकाने लगाने के लिए प्लान बनाया। इसके लिए दोनों ने तलाल की बॉडी के टुकड़े कर दिए और उन्हें पानी के टैंक में डिस्पोज कर दिया। पुलिस ने पता लगा लिया कि तलाल की हत्या इन दोनों ने ही की है। अगस्त 2017 में पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया और फिर आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। बाद में निमिषा की सजा को फांसी में बदल दिया गया और अब्दुल हनान की आजीवन कारावास की सजा बरकरार रखी गई।

निमिषा ने क्या दी थी दलील?

निमिषा प्रिया ने अपने ऊपर लगे आरोपों पर कहा कि तलाल उसको टॉर्चर करता था और कई बार मारपीट भी की। कहना है कि तलाल नशीले पदार्थों (Narcotics) का सेवन करता था और कई बार निमिषा को बहुत परेशान भी करता था।

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