Noida: jaypee के फ्लैट ख़रीदारों के लिए मायूस करने वाली ख़बर

ग्रेटर नोएडा- वेस्ट दिल्ली NCR नोएडा

Noida News: नोएडा की जेपी रियोजना (JP Project) के फ्लैट खरीदारों के लिए मायूस कर देने वाली खबर है। आपको बता दें कि पिछले एक साल में जेपी की परियोजना में मात्र 411 फ्लैट खरीदारों ने रजिस्ट्री कराई है। एक साल में सुरक्षा रियल्टर्स ने जेपी की परियोजनाओं के टेकओवर के बाद साढ़े तीन साल में 250 टावरों का काम पूरा करने का दावा किया था, लेकिन यह हकीकत में नहीं बदल पाया। टेकओवर करने के एक साल बाद भी काम की रफ्तार काफी कम है।

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Pic Social Media

इसको लेकर फ्लैट खरीदारों का कहना है कि टेकओवर के समय तीन महीने में काम शुरू करने की बात कही गई थी, लेकिन अभी तक सफलता नहीं मिल पाई है। टेकओवर के बाद इंम्प्लीमेंटेशन एंड मॉनिटरिंग कमेटी (IMC) बनाई गई। इसमें सुरक्षा रियल्टर्स के दो सदस्य, आईआरपी, एक फ्लैट खरीदार और एक बैंकर को शामिल किया गया। यह भी दावा किया गया था कि काम तेज गति से कराया जाएगा, लेकिन अब तक केवल छह टावरों का ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट मिला है।

62 टावरों की ही चल रहा है काम

सुरक्षा रियल्टर्स के आने के बाद अब तक केवल 62 टावरों का काम शुरू हो सका है। यहां मजदूरों की संख्या भी तेजी से कम हो रही है। दो टावरों की अब भी ओसी लंबित है, वहीं एक टावर पर कब्जे का प्रस्ताव आया है।

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आईएमसी बनने के बाद मात्र इतनी रजिस्ट्री

आंकड़ों की मानें तो आईएमसी बनने से पहले 13,393 लोगों को फ्लैटों पर कब्जे का ऑफर मिल चुका है। और आईएमसी बनने के बाद मात्र 61 खरीदारों को कब्जे का ऑफर मिला है। आईएमसी से पहले 11,926 खरीदारों की रजिस्ट्री हो गई है थी, जबकि इसके बाद केवल 411 खरीदारों के रजिस्ट्री का सपना पूरा हुआ है। इसी तरह से आईएमसी से पहले 11,243 तो इसके गठन के बाद केवल 344 को फिजिकल हैंडओवर (Physical Handover) मिला है। ऐसे में कुल 32,724 फ्लैटों में से अब भी 19,270 इकाइयों का निर्माण और कब्जा मिलना शेष है। आईएमसी बनने के बाद निर्माण की गति तेज नहीं हो सकी।

कोर्ट में है मामले

इनकम टैक्स (Income Tax) के मामले में एनसीएलटी के फैसले को सुरक्षा द्वारा सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। इसकी सुनवाई की अगले महीने के 15 अप्रैल तक होनी की उम्मीद है। इसी तरह से यीडा और जेएएल के मामले में एनसीएलएटी में लिस्टिंग की अगली तारीख 18 अप्रैल है। घर खरीदारों के अनुरोध पर एनसीएलएटी में यीडा के मामले में सुनवाई होगी।
आशीष मोहन गुप्ता, अध्यक्ष, जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड रियल एस्टेट अलॉटीज वेलफेयर सोसाइटी ने कहा कि सुरक्षा के टेकओवर के एक साल बाद भी काम रफ्तार नहीं पकड़ सका। घरों के समय से मिलने की संभावना काफी कम है। इससे खरीदार काफी परेशान हैं। सुरक्षा की स्वीकृत समाधान योजना में यह अनिवार्य है कि उपलब्ध धनराशि से निर्माण कार्य जारी रखा जा सकता है। कंपनी के पास एक हजार करोड़ से ज्यादा का फंड है लेकिन फिर भी निर्माण नहीं हो रहा है।