MP News: मध्य प्रदेश सरकार ने नॉन रेगुलर कर्मचारियों के हित में बड़ा और राहत भरा फैसला लिया है।
MP News: मध्य प्रदेश सरकार ने नॉन रेगुलर कर्मचारियों (Non-Regular Employees) के हित में बड़ा और राहत भरा फैसला लिया है। सीएम मोहन यादव (CM Mohan Yadav) के नेतृत्व में सरकार ने वेतन भुगतान व्यवस्था को सरल और पारदर्शी बनाने की दिशा में अहम कदम उठाया है। अब प्रदेश के नॉन रेगुलर कर्मचारियों को भी नियमित कर्मचारियों की तरह हर महीने की 1 तारीख को सैलरी मिलने की व्यवस्था की जा रही है।

वित्त विभाग ने पूरी तरह बदली वेतन प्रक्रिया
वित्त विभाग को लंबे समय से निजी और नॉन रेगुलर कर्मचारियों के वेतन भुगतान में होने वाली देरी की शिकायतें मिल रही थीं। इसे देखते हुए सरकार ने वेतन के लिए क्लेम जनरेशन की प्रक्रिया को पूरी तरह ऑटोमेटिक कर दिया है। नई व्यवस्था ऑनलाइन प्रोसीजर पर आधारित होगी, जिससे न सिर्फ समय की बचत होगी, बल्कि डाटा फीड करने का काम भी आसान हो जाएगा। इससे वेतन भुगतान में होने वाली देरी लगभग खत्म होने की उम्मीद है।
सभी विभागों को पोर्टल अपडेट करने के निर्देश
इंदौर ट्रेजरी विभाग के अधिकारियों के अनुसार, फाइनेंस डिपार्टमेंट ने वेतन भुगतान प्रक्रिया में बदलाव करते हुए सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। अधिकारियों को अपने-अपने कार्यालयों में कार्यरत नॉन रेगुलर कर्मचारियों की संख्या, पद और वेतन से जुड़ी जानकारी 19 जनवरी तक पोर्टल पर अपडेट करनी होगी। समय पर जानकारी अपडेट होने के बाद इन कर्मचारियों का वेतन हर महीने की 1 तारीख को जारी किया जा सकेगा। माना जा रहा है कि नए साल से इस नई वेतन प्रणाली को लागू कर दिया जाएगा।
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पहले कैसे मिलती थी सैलरी
अब तक प्रदेश में कर्मचारियों के वेतन भुगतान की प्रक्रिया काफी लंबी और जटिल थी। विभागीय स्तर पर डाटा फीड करने के बाद जरूरी दस्तावेज संलग्न कर बिल जनरेट किया जाता था। इसके बाद बिल भोपाल भेजा जाता था, जहां जांच-पड़ताल के बाद भुगतान की प्रक्रिया शुरू होती थी। इस पूरी प्रक्रिया में 8 से 10 दिन लग जाते थे, जिसके कारण कर्मचारियों को अक्सर 8 से 15 तारीख तक वेतन का इंतजार करना पड़ता था।
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ऑनलाइन सिस्टम से होगी देरी खत्म
नई ऑटोमेटिक और ऑनलाइन व्यवस्था से क्लेम और बिल पहले के मुकाबले कहीं तेजी से जनरेट हो सकेंगे। इससे भोपाल और ट्रेजरी स्तर पर होने वाली देरी भी कम होगी। सरकार का मानना है कि इससे प्रशासनिक कामकाज में तेजी आएगी और भुगतान प्रक्रिया में पारदर्शिता भी बढ़ेगी।
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हजारों कर्मचारियों को मिलेगा सीधा लाभ
इंदौर जिले में ही विभिन्न विभागों में करीब 5 से 6 हजार कर्मचारी नॉन रेगुलर पदों पर कार्यरत हैं। नई व्यवस्था लागू होने से इन सभी कर्मचारियों को समय पर वेतन मिलने की सुविधा मिलेगी, जिससे उनकी आर्थिक परेशानियां काफी हद तक कम होंगी। सीएम मोहन यादव का यह फैसला नॉन रेगुलर कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत के तौर पर देखा जा रहा है।

