Karakat Lok Sabha Seat: लोकसभा चुनाव के बीच बिहार (Bihar) से एक बहुत बड़ी खबर सामने आईं है। जहां भोजपुरी गायक और काराकाट लोकसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार पवन सिंह (Pawan Singh) की मां ने आखिरी दिन नामांकन भरकर हर किसी को हैरान कर दिया है। इससे पहले 9 मई को भोजपुरी अभिनेता पवन सिंह ने काराकाट लोकसभा सीट (Karakat Lok Sabha Seat) के लिए निर्दलीय के रूप में नामांकन किया था।
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हालांकि नामांकन के अंतिम दिन पवन सिंह की मां प्रतिमा देवी (Pratima Devi) ने भी काराकाट सीट से नामांकन कर दिया है। सवाल उठता है कि पवन सिंह की माता ने आखिर नामांकन क्यों किया? प्रतिमा देवी 10-12 लोगों के साथ अंतिम समय में समाहरणालय में पहुंची और चुपचाप नामांकन पत्र (Nomination Form) दाखिल करके चली गई। इस दौरान मीडिया के समक्ष पूरी गोपनीयता रखी गई। पहले दो लोगों के साथ प्रतिमा देवी ने परिसर में प्रवेश की। बाद में धीरे-धीरे सभी प्रस्तावक समाहरणालय के परिसर में पहुंच गए तथा अपना नामांकन दाखिल कर चुपके से निकल गईं।
इस कारण से पवन सिंह की मां का हुआ नामांकन
दरअसल पवन सिंह (Pawan Singh) के टीम की ओर से बताया गया कि नॉमिनेशन एक संवैधानिक प्रक्रिया है और कोई भी प्रत्याशी अपना नामांकन पत्र दाखिल करने के अलावा अपने किसी करीबी रिश्तेदार के नाम पर भी नामांकन करता है। नामांकन में त्रुटि होने या अन्य कोई कारण यदि उसका नॉमिनेशन रद्द हो जाए तो उसके करीबी के नॉमिनेशन (Nomination) के आधार पर वह चुनाव लड़ सकता है। इसलिए एहतियातन के तौर पर पवन सिंह ने भी औरों की तरह अपनी मां प्रतिमा देवी का नामांकन काराकाट लोकसभा क्षेत्र से करवाया है। यह कोई अचंभित बात नहीं है यह सिर्फ संवैधानिक प्रक्रिया है।
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बता दें कि 1 जून को काराकाट सीट (Karakat Seat) पर मतदान होना है और यहां एनडीए ने उपेंद्र कुशवाहा को मैदान में उतारा है। वहीं बीजेपी से टिकट नहीं मिलने पर पवन सिंह (Pawan Singh) निर्दलीय ही मैदान में उतर चुके हैं। महागठबंधन की ओर से कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) ने राजा राम सिंह को उतारा है और वह इस बात से खुश भी हैं कि एनडीए के वोटर इस नाम पर बांट रहे हैं। बीजेपी नेता खुले तौर पर उपेंद्र कुशवाहा का साथ दे रहे हैं।
गौरतलब है कि बिहार पर्यटन मंत्री प्रेम कुमार ने डेहरी में बयान दिया था कि अगर पवन सिंह (Pawan Singh) ने नामांकन वापस नहीं लिया तो उन पर कार्रवाई होगी। उन्होंने ये भी कहा था कि कई ऐसे लोग हैं, जिन्होंने पार्टी में रहते हुए पार्टी के खिलाफ लड़ा तो तो उन पर कार्रवाई हुई। इन सारी बातों से परेशान होकर ही पवन सिंह ने अपनी मां को मैदान में उतार दिया। वो हर हाल में यहां से चुनाव लड़ेंगे। अब देखना ये होगा कि काराकाट की जनता का साथ किसे मिलता है।