Ram Mandir Vastu: क्या आप भी Ram Mandir के वास्तु से जुड़ी इन खास बातों को जानते हैं? किस शैली में तैयार हुआ मंदिर

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Ram Mandir Vastu: आज के दिन यानि कि 22 जनवरी को अयोध्या में भव्य आयोजन होने वाला है। मंदिर के दर्शन के लिए भीड़ काफी उत्साहित है और भगवान राम जी के प्राण प्रतिष्ठा को लेकर भारत समेत विश्व के कोने कोने से लोग यहां पहुंच रहे हैं। लेकिन बहुत से लोग मंदिर में होने वाले प्राण प्रतिष्ठा में हिस्सा नहीं ले रहे हैं। ऐसे में उन्हें परेशान होने कि जरूरत नहीं है।

दरअसल, आज हम यहां पर अयोध्या के राम मंदिर की कुछ बारीकी जानकारी के बारे में आपको डिटेल से बताने जा रहे हैं, जिससे कि प्रत्येक व्यक्ति को ये एहसास हो जाएगा कि कैसे वे प्रभु राम के दर्शन घर बैठे बैठे कर सकते हैं। आइए मंदिर के बारे में विस्तार से ये बातें जानते हैं :

सबसे पहले जानें मंदिर की वास्तुकला के निर्माण के बारे में:

अयोध्या ( Ayodhya) का राम मंदिर ( Ram Mandir) विश्व के सबसे सुंदर और भव्य मंदिरों में से एक है। ये मंदिर दिखने में भव्य और बेहद सुंदर है। प्रभु श्री राम मंदिर के पहले का डिजाइन 1998 में तैयार किया गया था जिसे फिर से इसके मूल डिजाइन में बदलाव करके साल 2020 में तैयार किया गया है। साथ ही ये भी बताते चलें कि प्रभु राम मंदिर को नागरा शैली की वास्तुकला पर तैयार किया गया है।

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सबसे पहले जानिए मंदिर की वास्तुकला के निर्माण के बारे में

अयोध्या का राम मंदिर विश्व के सबसे सुंदर और भव्य मंदिरों में से एक होगा। इस मंदिर में आपको कई सारी विशेषताएं देखने को मिलेंगी। जैसे इस Ram Mandir के पहले का डिजाइन सन 1988 में तैयार किया गया था जिसे फिर से मूल डिजाइन में बदलाव करके 2020 में फिर से तैयार किया गया। इस मंदिर का डिजाइन सोमपुरा परिवार ने किया है। इस परिवार की 15 पीढ़ी मंदिर को डिजाइन करने का काम किया करती थीं।

जानिए Ram Mandir से जुड़ी अन्य खास चीजों के बारे में

तीन मंजिल राम मंदिर की लंबाई 380 फुट है, चौड़ाई 250 फुट और ऊंचाई 161 फिट है। मंदिर में पूरे 392 खंभे है और 44 गेट हैं। इस मंदिर में पांच मंडप है। जिसमें नृत्य मंडप, प्राथना मंडप और कीर्तन मंडप होगा। मंदिर के चारों दीवारों के कोनों में सूर्यदेव, भगवान शिव, गणपति जी, मां भगपति के मंदिर भी बनाए गए हैं। खास बात ये भी है कि प्रभु श्री राम जी के मंदिर में लोहे का इस्तेमाल नहीं किया गया है।