Japan Earthquake: जापान में धरती हिलते (Japan Earthquake) ही 100 से ज्यादा इमारतें ढह गई है। जापान (Japan) के पश्चिमी क्षेत्र में 7.5 तीव्रता के भूकंप (Earthquake) के झटके महसूस किए गए है। और वहीं आग लग गई और पूर्वी रूस तक सुनामी की चेतावनी जारी कर दी गई। जबकि जापान के तटीय इलाकों में रह रहे लोगों का वहां से चले जाने का आदेश दिया गया। पढ़िए पूरी खबर…
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जापान (Japan) के लोग परेशानी से जूझ रहे थे। बीते सोमवार को 7.5 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप से जापान (Japan Earthquake) की धरती बुरी तरह से कांप गई। इस घटना में करीब 48 लोगों की मौत हो गई और 155 लोगों के फंसे होने की आशंका है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक एक दिन में 155 भूकंप के झटके जापान में महसूस किए गए।
यूनाइटेड जूलॉजिकल सर्वे (United Zoological Survey) के मुताबिक यह भूकंप स्थानीय समय के मुताबिक शाम करीब 4:10 मिनट पर इशिकावा प्रान्त के नोटो प्रायद्वीप पर आया। भूकंप 10 किलोमीटर की गहराई में महसूस किया गया। जापान में धरती हिलते ही इमारतें ढह गई। आग लग गई और पूर्वी रूस तक सुनामी की चेतावनी जारी कर दी गई।
पीएम फुमियो ने की बैठक, अधिकारियों को दिए निर्देश
जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा (Fumio Kishida) ने बीते रात आपदा प्रतिक्रिया बैठक के बाद मीडिया से बात की। उन्होंने कहा कि मैंने रेसक्यू बल और आपदा प्रबंधन से जुड़े अधिकारियों और कर्मचारियों को निर्देश दिए हैं कि वे जल्द से जल्द घटनास्थल पर पहुंच जाएं। अभी ठंड अपने चरम पर है। मैंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि विमान, जहाज का इस्तेमाल करें और तत्काल पानी, भोजन, कंबल, हीटिंग तेल, गैसोलीन सहित अन्य आवश्यक चीजों की आपूर्ति करें।
भूकंप के बाद 100 से ज्यादा घर जलकर राख
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मध्य जापानी शहर वाजिमा (Wajima) में बीते सोमवार शाम भूकंप के झटके महसूस किए जाने के बाद भीषण आग लग गई। इस घटना में 100 से ज्यादा दुकानें और घर जलकर राख हो गए। परमाणु विनियमन प्राधिकरण के मुताबिक इशिकावा प्रांत में शिका न्यूक्लियर पावर फेसिलिटी में एक विस्फोट हुआ और जलने की बदबू आई। ऑपरेटर ने दावा किया कि एक ट्रांसफॉर्मर फेल हो गया, लेकिन बैकअप तंत्र 2 परमाणु रिएक्टरों के मुताबिक संचालन जारी रहा। वहीं जापान में बड़े मोबाइल फोन प्रोवाइडर्स का दावा है कि भूकंप प्रभावित जगहों पर उनकी सेवाएं बाधित हो रही है।
एक लाख लोगों को घर छोड़ना पड़ा
भूकंप प्रभावित इलाकों में लोगों की मदद करने के लिए जापान की सेल्फ डिफेंस फोर्स (SDF) के 10 हजार कर्मचारी तैनात किए जाएंगे। एसडीएफ (SDF) को सबसे पहले नोटो इलाके में भेजा जाएगा। जापान की सरकार ने एक लाख लोगों को घर खाली करने के आदेश दिए थे। इन्हें सुरक्षित जगहों पर भेजा गया है। लेकिन सुनामी की चेतावनी वापस लिए जाने के बाद काफी लोग अपने घर लौट रहे है।
पीड़ितों की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी
जापान के प्रधानमंत्री कार्यालय ने अधिकारियों से स्थानीय सरकारों के साथ समन्वय बनाकर मानव जीवन को प्राथमिकता देने के सिद्धांत के तहत कार्य करने का आदेश दिया। सरकार की तरफ से कहा गया है कि आपातकालीन आपदा प्रतिक्रियाओं में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी, जिसमें जान बचाना और आपदा पीड़ितों को बचाना शामिल है। सरकार एकजुटता से काम कर रही है। वहीं सुनामी के खतरे को देखते हुए जापान में भारतीय दूतावास ने एक आपातकालीन कक्ष स्थापित और हेल्पलाइन नंबर जारी किए है।
तटीय इलाकों की इमारतें ढहीं
मौसम विभाग (Weather Department) के एक अधिकारी ने बताया कि जापान में लगातार एक के बाद एक करके 155 भूकंप आए है। जिनमे 2 भूकंपों की तीव्रता तो 7.6 और 6 थी। वहीं 153 झटकों की तीव्रता 3 से अधिक मापी गई है। जापान में 7.6 और 6 की तीव्रता वाले जोरदार भूकंप के कारण पश्चिमी तट के किनारे पर स्थित इमारत ढह गई। भूकंप के कारण लगभग 48 लोगों की मौत हो गई है।
अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) का कहना है कि होंशू के मुख्य द्वीप इशिकावा प्रान्त में आए भूकंप की तीव्रता 7.5 थी। वहीं जापानी अधिकारियों का कहना है कि इशिकावा में आए भूकंप की तीव्रता 7.6 थी। जापानी अधिकारियों के मुताबिक वाजिमा बंदरगाह पर 4-4 फीट ऊंची लहरें उठ रहीं थी।
1400 लोग बुलेट ट्रेन में फंसे
जापान (Japan) के सरकारी मीडिया हाउस के मुताबिक नोटो में 500 लोग पार्किंग में गाड़ियों में फंसे हुए हैं। वहीं वेस्ट जापान रेलवे कॉर्पोरेशन के मुताबिक 1400 लोग बुलेट ट्रेन्स में 11 घंटों से फंसे हुए हैं। अधिकारियों ने ट्रैक चेक करने के लिए होकूरिकू शहर से तोयामा के बीच बुलेट ट्रेन रोक दी थी।
लेकिन कुछ ट्रेन फिर से चालू की गई हैं। जापान में भूकंप के बाद कई ट्रेन, फ्लाइट रद्द कर दी गई हैं। नोटो इलाके में सबसे ज्यादा तबाही मची है। यहां एयरपोर्ट के रनवे, टर्मिनल और एक्सेस रोड को काफी नुकसान पहुंचा है। इसके चलते यहां से सारी उड़ानें रद्द कर दी गई हैं।