मारा गया पहलगाम हमले में शामिल मूसा सुलेमानी
Jammu and Kashmir: जम्मू-कश्मीर में भारतीय सुरक्षा बलों ने सोमवार को श्रीनगर (Srinagar) के हरवान इलाके में लिडवास क्षेत्र के पास ऑपरेशन महादेव (Operation Mahadev) के तहत बड़ी सफलता हासिल की है। इस ऑपरेशन में तीन आतंकवादियों को मार गिराया गया, जिनमें से एक की पहचान पहलगाम हमले में शामिल लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर हाशिम मूसा उर्फ सुलेमान के रूप में होने की संभावना है। पढ़िए पूरी खबर…
मुठभेड़ में 3 विदेशी आतंकी ढेर
भारतीय सेना (Indian Army) की चिनार कोर के मुताबिक, खुफिया जानकारी के आधार पर मुलनार के वन क्षेत्र में भारतीय सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और CRPF की संयुक्त टीम ने घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरू किया। जैसे ही सुरक्षा बल संदिग्ध स्थान पर पहुंचे, वहां छिपे आतंकियों ने गोलीबारी शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में सुरक्षा बलों ने तीन आतंकियों को मार गिराया। सूत्रों के अनुसार, मारे गए आतंकियों की पहचान अबू हमजा/हारिस, यासिर और सुलेमान के रूप में हुई है, और ये सभी विदेशी मूल के बताए जा रहे हैं।
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पहलगाम हमले से जुड़ा है कनेक्शन
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 निहत्थे लोगों की जान गई थी। इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा की छद्म शाखा द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली थी। हमले में शामिल आतंकियों के स्केच जारी किए गए थे, जिनमें आसिफ फौजी, हाशिम मूसा उर्फ सुलेमान और अबू तल्हा के नाम शामिल थे। ऑपरेशन महादेव में मारे गए आतंकियों में सुलेमान के होने की संभावना से यह माना जा रहा है कि यह पहलगाम हमले के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई है।
ऑपरेशन महादेव अभी जारी
सुरक्षाबलों ने मुलनार के जंगली इलाके में संदिग्ध गतिविधियों की खुफिया सूचना के आधार पर ऑपरेशन शुरू किया। सुबह करीब 11:30 बजे दो राउंड गोलियों की आवाज सुनाई दी, जिसके बाद सुरक्षा बलों ने तुरंत क्षेत्र को घेर लिया। इसके बाद आतंकियों के साथ तीव्र मुठभेड़ शुरू हुई, जिसमें तीन आतंकियों को ढेर कर दिया गया। सेना ने ड्रोन सर्विलांस का भी इस्तेमाल किया जिससे आतंकियों की पहचान और उनके ठिकानों की पुष्टि हो सके। ऑपरेशन अभी भी जारी है, और क्षेत्र में तलाशी अभियान चल रहा है।

ऑपरेशन सिंदूर का असर
पहलगाम हमले (Pahalgam Attacks) के बाद भारत ने आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए 7 मई 2025 को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया था। इस ऑपरेशन में पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में 9 आतंकी ठिकानों को नष्ट किया गया था। पाकिस्तान ने इसके जवाब में भारत पर हमले की नाकाम कोशिश की, लेकिन 10 मई को दोनों देशों के बीच युद्धविराम हो गया। ऑपरेशन महादेव इस दिशा में एक और कदम है, जो भारत की आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति को दर्शाता है।
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सुरक्षाबलों की सतर्कता
बता दें कि ऑपरेशन महादेव में शामिल भारतीय सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और CRPF की संयुक्त कार्रवाई ने आतंकियों के मंसूबों को नाकाम कर दिया। सुरक्षा बलों की इस सफलता से जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ चल रही मुहिम को और मजबूती मिलेगी। साथ ही, पहलगाम हमले के दोषियों को सजा देने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है।

