आज के मॉडर्न टाइम में हम में से ज्यादातर लोग Digital Payment करना ही ठीक समझते हैं। नई पीढ़ी को छोड़ पुरानी पीढ़ी का वहीं अभी भी ये मानना है की Cash Transaction करना ज्यादा आसान होता है। वहीं कई लोग तो कैश ट्रांजेक्शन इसलिए भी करते हैं ताकि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के विभाग से बच कर सुरक्षित रह सकें।
ऐसे में भले ही आपको ये लगता हो कि कैश ट्रांजेक्शन से टैक्स सेव कर सकते हैं, लेकिन इनकम टैक्स आपकी 5 कैश ट्रांजेक्शन पर बाज की तरह नजर रखता है। Income Tax Department को भनक लगते ही आपको Income Tax Department की ओर से नोटिस भी आ सकता है।
जानिए इनके बारे में डिटेल में:
बैंक अकाउंट में कैश को करें जमा
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ( CBDT) के नियम के अनुसार यदि एक वित्त वर्ष में कोई 10 लाख रुपए अथवा उससे ज्यादा कैश जमा करता है तो इसकी सूचना आयकर विभाग को दी जाती है। ये पैसे एक या एक से ज्यादा अकाउंट में जमा किए हुए हो सकते हैं। क्योंकि आप तय समय सीमा से ज्यादा पैसे डिपोजिट कर रहे हैं तो आयकर विभाग आपसे इन पैसों के जरिए के बारे में भी पूछताछ कर सकता है।
जानकारी के लिए ये भी बताते चलें कि जिस तरह से बैंक अकाउंट में एक वित्त वर्ष में 10लाख रुपए से ज्यादा पैसों को जमा करने के उपर प्रश्न खड़ा होता है, उसी तरह से एफडी के साथ भी होता है। यदि आप एक से ज्यादा एफडी में एक वित्त वर्ष में 10लाख रुपए से भी अधिक जमा करेंगे तो भी आयकर विभाग आपसे पूछताछ कर सकता है।
वहीं, प्रॉपर्टी को खरीदते समय 30 लाख रुपए अथवा उससे ज्यादा का ट्रासेक्शन कर दिया तो प्रॉपर्टी रजिस्ट्रार इस बारे में आयकर विभाग को सूचना दे सकता है।
शेयर, म्यूचुअल फंड, डिबेंचर या बॉन्ड खरीदना
अगर शेयर, म्यूचुअल फंड, डिबेंचर या बॉन्ड परचेज करने में बड़ी मात्रा में कैश का यूज हो सकता है, तो इसमें भी आयकर विभाग सचेत हो जाता है। अगर 10 लाख या इससे भी ज्यादा रुपयों का ट्रांजेक्शन किया जाता है तो आयकर विभाग आपसे जानकारी ले सकता है कि इतनी बड़ी अमाउंट में कैश कहां से आया।
क्रेडिट कार्ड बिल का भुगतान
यदि आपके क्रेडिट कार्ड का बिल 1 लाख रुपए या इससे अधिक हो जाता है और इसका भुगतान आप कैश में कर रहे हैं तो आपसे पूंछ ताछ की जा सकती है। वहीं, अगर 10 लाख रुपए या इससे अधिक का भुगतान किसी भी तरह से करते हैं तो आयकर विभाग आपसे जानकारी ले सकता है।