Faridabad-Noida-Ghaziabad Expressway: गाजियाबाद-नोएडा, फरीदाबाद के लोगों के लिए अच्छी खबर

गाज़ियाबाद ग्रेटर नोएडा- वेस्ट दिल्ली NCR नोएडा

Faridabad-Noida-Ghaziabad Expressway: गाजियाबाद-नोएडा और फरीदाबाद के लोगों के लिए खुश कर देने वाली खबर है । आपको बता दें कि गाजियाबाद-नोएडा, फरीदाबाद (Faridabad) को जोड़ने वाली एफएनजी परियोजना की डीपीआर जल्द ही तैयार की जाएगी। डीपीआर (DPR) बनाने के लिए सात कंपनियों ने टेंडर अप्लाई किए हैं। जिसकी प्रक्रिया एक महीने के अंदर पूरी कर कंपनी को काम अलॉट कर दिया जाएगा। इसके छह महीने में डीपीआर तैयार कर उच्च अधिकारियों के पास मंजूरी के लिए सौंप दी जाएगी।
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फरीदाबाद (Faridabad) को नोएडा व गाजियाबाद (Ghaziabad) से जोड़ने के लिए एफएनजी परियोजना पर काम होना है। काफी समय से इसे फरीदाबाद की ओर से इसके लिए कनेक्टिविटी देने का इंतजार है। अब इस पर तेजी से कोशिश की जा रही है। परियोजना के तहत ग्रेटर फरीदाबाद (Greater Faridabad) के सेक्टर 89 में मास्टर रोड (Master Road) से गांव लालपुर होते हुए ग्रेटर फरीदाबाद के सेक्टर 167ए-168 तक सड़क बननी है। यह सड़क लगभग 10 किमी लंबी होगी।

यमुना नदी पर बनेगा पुल

यमुना नदी पर करीब 650 मीटर लंबा पुल भी बनेगा। सड़क सिक्स लेन की होगी। गांव लालपुर के पास यमुना नदी और बुढ़िया नाले पर सिक्स लेन पुल का निर्माण होना है। डीपीआर तैयार करने के लिए पीडब्ल्यूडी ने दिसंबर महीने की शुरुआत में टेंडर प्रक्रिया शुरू की थी। अब टेंडर शुरू कर दिए गए हैं, जिसमें सात कंपनियों ने आवेदन किए हैं। डीपीआर तैयार करने के लिए कंपनी को छह महीने का टाइम दिया गया है।

क्या होगा डीपीआर में

डीपीआर में प्रॉजेक्ट में आने वाली लागत, इसके रूट, सड़क की सही लंबाई-चौड़ाई, मिट्टी की जांच, यमुना पर बनने वाले पुल की लंबाई-चौड़ाई, रास्ते में आ रही समस्याओं समेत सभी का सर्वे करने के बाद अपनी पूरी रिपोर्ट बनानी होगी। इसके साथ ही जमीन अधिग्रहण की रिपोर्ट भी बनानी होगी। प्रॉजेक्ट के लिए कितनी जमीन अधिग्रहण करनी है और कितना मुआवजा देना पड़ेगा, इसका पूरा ब्यौरा डीपीआर में देना होगा।

डीपीआर के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू

पीडब्ल्यूडी के ईएक्सईएन प्रदीप सिंधु ने जानकारी दी कि डीपीआर के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू की गई थी। सात कंपनियों ने आवेदन भी कर दिए हैं। उनके दस्तावेजों की जांच सात महीने में पूरा करने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। जमीन अधिग्रहण आदि की जानकारी के साथ डीपीआर छह महीने में तैयार करने का टाइम कंपनी को दे दिया जाएगा।