Health Insurance: आज के समय में एक अच्छा हेल्थ इंश्योरेंस होना किसी भी व्यक्ति के लिए बेहद जरूरी है।
Health Insurance: आज के समय में एक अच्छा हेल्थ इंश्योरेंस (Health Insurance) होना किसी भी व्यक्ति के लिए बेहद जरूरी है। यह न केवल गंभीर बीमारियों से जुड़ी आर्थिक चुनौतियों से सुरक्षा प्रदान करता है, बल्कि इलाज के समय मानसिक सुकून भी देता है। लेकिन, हाल के दिनों में अस्पतालों और बीमा कंपनियों के बीच बढ़ते टकराव ने हेल्थ इंश्योरेंस की उपयोगिता पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। ऐसे में बीमा लोकपाल परिषद (CIO) की ताजा रिपोर्ट ने आम जनता की चिंता और बढ़ा दी है। पढ़िए पूरी खबर…

समय पर प्रीमियम, फिर भी क्लेम से इनकार
बीमा लोकपाल (Insurance Ombudsman) की वार्षिक रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि कई बीमा कंपनियां समय पर प्रीमियम लेने के बावजूद उपभोक्ताओं को क्लेम की राशि देने से इनकार कर देती हैं। इससे हजारों लोग बीमा लोकपाल के पास शिकायत दर्ज कराने को मजबूर हो जाते हैं। रिपोर्ट में उन कंपनियों की पहचान की गई है, जिनके खिलाफ वित्त वर्ष 2023-24 में सबसे ज्यादा शिकायतें दर्ज की गईं।
टॉप 5 में तीन निजी और दो सरकारी कंपनियां
बीमा लोकपाल परिषद (Insurance Ombudsman Council) की रिपोर्ट के मुताबिक, सबसे ज्यादा शिकायतों वाली पांच बीमा कंपनियों में तीन निजी कंपनियां हैं, जबकि दो नाम सरकारी कंपनियों के हैं। यह सूची उपभोक्ताओं के लिए एक चेतावनी की तरह है कि हेल्थ इंश्योरेंस खरीदने से पहले कंपनियों के ट्रैक रिकॉर्ड की जांच जरूर करें।
सबसे ज्यादा शिकायतें स्टार हेल्थ के खिलाफ
रिपोर्ट में सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि स्टार हेल्थ एंड एलाइड इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड (Star Health & Allied Insurance Co. Ltd.) के खिलाफ अकेले 13,308 शिकायतें दर्ज की गईं। इनमें से 10,196 शिकायतें केवल इस बात को लेकर थीं कि कंपनी ने या तो क्लेम आंशिक रूप से मंजूर किया या पूरी तरह से खारिज कर दिया। यह आंकड़ा बाकी सभी चार कंपनियों की कुल शिकायतों से भी कहीं ज्यादा है।
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CARE हेल्थ और Niva Bupa भी लिस्ट में शामिल
शिकायतों के मामले में दूसरे नंबर पर केयर स्वास्थ्य बीमा (CARE Health Insurance) रही, जिसके खिलाफ 3,718 शिकायतें दर्ज की गईं। तीसरे स्थान पर रही निवा बूपा स्वास्थ्य बीमा (Niva Bupa Health Insurance), जिसके खिलाफ बीमा लोकपाल को 2,511 शिकायतें मिलीं। ये आंकड़े यह दिखाते हैं कि केवल सरकारी कंपनियां ही नहीं, निजी कंपनियां भी क्लेम निपटारे में लापरवाही बरत रही हैं।
सरकारी कंपनियों का भी बुरा हाल
शिकायतों की सूची में दो सरकारी कंपनियां भी शामिल हैं। नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के खिलाफ 2,196 और न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के खिलाफ 1,602 शिकायतें दर्ज हुईं। ये आंकड़े दर्शाते हैं कि सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों की कंपनियों में ग्राहकों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
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हेल्थ इंश्योरेंस चुनते वक्त बरतें खास सावधानी
यदि आप अपने परिवार के लिए हेल्थ इंश्योरेंस (Health Insurance) खरीदने या मौजूदा पॉलिसी को रिन्यू कराने की सोच रहे हैं, तो यह रिपोर्ट आपके लिए चेतावनी से कम नहीं है। किसी भी बीमा कंपनी का चुनाव करने से पहले उसके ग्राहक सेवा रिकॉर्ड, क्लेम सेटलमेंट रेश्यो और बीमा लोकपाल में दर्ज शिकायतों की संख्या की अच्छी तरह से जांच कर लें। एक गलत फैसला भविष्य में भारी आर्थिक नुकसान और मानसिक तनाव की वजह बन सकता है।

