HDFC Bank के ग्राहकों के लिए गुड न्यूज..कम होगी EMI!

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HDFC Bank Interest Rate: अगर आपका बैंक खाता निजी सेक्टर के सबसे बड़े बैंक एचडीएफसी (HDFC) में है तो ये खबर आपके लिए किसी खुशखबरी से कम नहीं है। बैंक (Bank) ने अपने ग्राहकों को डबल खुशखबरी देते हुए EMI के बोझ से राहत देने के बाद अब FD पर ज्यादा ब्याज का तोहफा दिया है। पढ़िए पूरी खबर…

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एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) के ग्राहकों के लिए काम की खबर है। अगर आप बैंक से लोन लेने के बारे में सोच रहे हैं या लोन लिए हुए हैं तो बता दें कि बैंक ने अपनी मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट (MCLR) को रिवाइज किया है। बैंक ने एमसीएलआर में कटौती की है। एमसीएलआर में बदलाव के बाद इसकी होम लोन, कार लोन, पर्सनल लोन और एजुकेशन लोन आदि सभी तरह की लोन की ब्याज दरों में बदलाव होगा। ग्राहकों पर ईएमआई का बोझ कम होगा। नई दरें 7 जून, 2024 से लागू हो चुकी हैं। बैंक का एमसीएलआर 8.95 प्रतिशत से लेकर 9.35 प्रतिशत के बीच है।

जानें HDFC बैंक की एमसीएलआर रेट के बारे में

एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) का ओवरनाइट एमसीएलआर रेट 8.95 प्रतिशत पर पहुंच गया है। बैंक के एक महीने के MCLR में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है। यह 9 प्रतिशत पर बना हुआ है। बैंक का तीन महीने का एमसीएलआर 9.15 प्रतिशत हो गया है। छह महीने के लोन की अवधि का MCLR 9.30 प्रतिशत हो चुका है। एक साल से लेकर 2 साल के बीच एमसीएलआर 9.30 प्रतिशत रहेगा। इसमें 5 बेसिस प्वाइंट का बदलाव किया गया है। बैंक का दो साल का MCLR 9.30 और तीन साल का 9.35 प्रतिशत है। तीन साल से ज्यादा के MCLR में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है।

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क्या होता है MCLR?

मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट (Marginal Cost of Lending Rate) के जरिए बैंक होम लोन, कार लोन, पर्सनल लोन, बिजनेस लोन आदि जैसी कई तरह के लोन की ब्याज दरों को तय करता है। MCLR बढ़ने पर जहां ग्राहकों पर ईएमआई का बोझ बढ़ता है वहीं, इसके घटने पर ईएमआई का बोझ कम हो जाता है।

RBI ने रेपो रेट में नहीं किया बदलाव

मौद्रिक नीति समिति बैठक में रिजर्व बैंक ने रेपो रेट (Repo Rate) में किसी तरह का बदलाव नहीं किया है। रेपो रेट फिलहाल 6.50 प्रतिशत पर स्थिर बना हुआ है। रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की लगातार 8वीं बैठक में रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है। सेंट्रल बैंक की एमपीसी ने आखिरी बार फरवरी, 2023 में रेपो रेट में बदलाव किया था। तब उसे बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया गया था यानी 16 महीने से रेपो रेट एक ही स्तर पर स्थिर है।