Ghaziabad: गाजियाबाद के लोगों के लिए अहम खबर, जरूर पढ़िए
Ghaziabad News: अगर आप भी गाजियाबाद में रहते हैं या अपना आशियाना गाजियाबाद (Ghaziabad) में बनाना चाहते हैं तो पहले यह खबर पढ़ लीजिए। आपको बता दें कि राजधानी दिल्ली (Delhi) से पास में होने के कारण बहुत से लोगों की पसंद गाजियाबाद है। गाजियाबाद (Ghaziabad) में रहने वाले लोगों के लिए जरूरी खबर सामने आ रही है। बता दें कि अप्रैल में ही भयंकर गर्मी इस बार पड़ रही है। गर्मी का प्रकोप बढ़ते ही आग लगने की घटनाएं भी बढ़ जाती हैं।

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गाजियाबाद में बीते दशकों में सैकड़ों हाईराइज सोसाइटियां (Highrise Society) बनी हैं। इन सोसाइटी में आए दिन शॉर्ट सर्किट या ज्यादा हीट होने से एसी कंप्रेसर में आग लगने की घटनाएं सामने आती रहती हैं। ऐसे समय में अगर सोसाइटी में आग बुझाने के पर्याप्त उपकरण नहीं हुए तो फायर ब्रिगेड (Fire Brigade) के भरोसा नहीं रहा जा सकता है क्योंकि जब तक फायर ब्रिगेड की गाड़ियां मौके पर पहुंचती हैं तब तक आग बेकाबू होकर तबाही मचा चुकी होती है। लेकिन आपको यह जानकार हैरानी होगी की गाजियाबाद की 130 सोसायटी में या ता आग बुझाने के साधन और उपकरण हैं ही नहीं या फिर वो अपडेट नहीं किए गए हैं, यह खुलासा हुआ है फायर विभाग की जांच में हुआ है।
130 सोसायटी को नोटिस तो 39 के खिलाफ कोर्ट में केस
आग की घटनाओं को देखते हुए गाजियाबाद फायर विभाग एक्शन मोड में आ गया है। फायर सेफ्टी नियमों की अनदेखी कर रहीं हाईराइज बिल्डिंग्स (Highrise Buildings) और सोसाइटीज़ पर शिकंजा कसते हुए फायर विभाग ने शहर की 130 सोसाइटीज़ को नोटिस जारी कर दिया है। इन सोसाइटीज से बोला गया है कि वे अपने फायर सेफ्टी सिस्टम को बगैर देरी किये तुरंत दुरुस्त करें। वहीं, 39 सोसाइटीज़ के खिलाफ मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) कोर्ट में मामला भी दायर किया गया है।
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मॉक ड्रिल से लोगों को कर रहे हैं जागरुक
डीजीपी के निर्देश पर चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत फायर विभाग (Fire Department) मॉल, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, हॉस्पिटल और स्कूलों में मॉक ड्रिल करवा रहा है। इन ड्रिल्स की सहायता से आम लोगों को आग लगने की स्थिति में तत्काल सुरक्षा उपाय और बचाव तकनीकें सिखाई जा रही हैं।
फायर विभाग ने खुद किया अपग्रेड
फायर विभाग (Fire Department) ने खुद को तकनीकी रूप से भी और मजबूत किया है। कर्मचारियों को नए ट्रेनिंग सेशनों से लैस किया गया है, इसके साथ ही हाइड्रॉलिक लिफ्ट समेत अत्याधुनिक उपकरण भी विभाग को दिए गए हैं, जिनकी मदद से 42 मीटर ऊंचाई तक बचाव कार्य संभव हो सकेगा। रिस्पांस टाइम को कम करने के लिए शहर में अलग-अलग प्वाइंट्स पर फायर ब्रिगेड की टीमें स्टैंडबाय मोड में रखी गई हैं। फायर विभाग का दावा है कि किसी भी सूचना पर 7 से 8 मिनट में मौके पर पहुंच कर कार्रवाई शुरू कर दी जाती है।
तो होगी सख्त कार्यवाई
फायर विभाग ने साफ किया कि अगर तय समय सीमा में संबंधित सोसाइटीज़ ने फायर सिस्टम अपडेट नहीं किया, तो उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

