Driving License बनवावा अब और भी हुआ कठिन, पढ़िए पूरी खबर
Driving License: अगर आप भी वाहन चालते हैं और आपके पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं है तो यह खबर जरूर पढ़ लीजिए। आपको बता दें कि अब ड्राइविंग लाइसेंस (Driving License) बनवाना और कठिन हो गया है। संभागीय परिवहन विभाग (Transport Department) का गाजियाबाद (Ghaziabad) में पहला ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर (DTC) 16 जनवरी से शुरू हो जाएगा। यहां आवेदन का ड्राइविंग टेस्ट (Driving Test) अत्याधुनिक तरीके से कराया जाएगा। इसके साथ ही 108 कैमरों की सहायता से वाहन चलाने की पल-पल की गतिविधि रिकॉर्ड होगी।
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आवेदक को सिम्युलेटर की परीक्षा पास करना होगा। सिम्युलेटर और कैमरों की रिकॉर्डिंग का अवलोकन करने के बाद ही आवेदक को टेस्ट में पास या फेल किया जाएगा। इससे ड्राइविंग टेस्ट में होने वाले फर्जीवाड़े पर पर लगाम लगेगी। दावा किया जा रहा है कि इससे सड़क हादसों में भी कमी आएगी।
अभी तक की व्यवस्था जान लीजिए
आपको बता दें कि अभी तक संभागीय परिवहन कार्यालय में मैनुअल ही ड्राइविंग टेस्ट (Driving Test) होता है। टेस्ट लेने के नाम पर खानापूर्ती की जाती है। इससे वह लोग भी टेस्ट में पास हो जाते थे जो वाहन चलाना भी नहीं जानते थे। इससे सड़क हादसों में इजाफा हो रहा है। गाजियाबाद में हरदिन औसतन 225 लोगों का मैनुअली ड्राइविंग टेस्ट होता है। परिवहन विभाग की तरफ से अत्याधुनिक ड्राइविंग टेस्ट के लिए डीटीसी तैयार किया गया है। डीटीसी का काम पूरा हो गया है। डीटीसी में 108 कैमरे लगाए गए हैं। सेंटर का संचालन की जिम्मेदारी प्राइवेट एजेंसी को सौंपी गई है।
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ड्राइवर की हर गतिविधि की रखी जा सकेगी नजर
प्राइवेट एजेंसी के ही देखरेख में टेस्ट लिया जाएगा। वहीं, टेस्ट में पास या फेल करने की जिम्मेदारी अधिकारियों के पास होगी। चालक द्वारा गाड़ी चलाते समय उसकी हर गतिविधि की वीडियो रिकॉर्ड होगी। आवेदक को गाड़ी चलाने के साथ ट्रैफिक के सबी नियमों को भी पता होना चाहिए। अगर वाहन चलाने के साथ उसे प्रत्येक नियम की जानकारी है तो ही वह टेस्ट में पास हो जाएगा। इससे टेस्टिंग में होने वाला फर्जीवाड़ा पर लगाम लगेगी।
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दलालों की फौज होगी खत्म
ड्राइविंग टेस्ट में पास कराने के लिए बड़ी संख्या में दलाल संभागीय परिवहन ऑफिस के आस पास घूमते रहते हैं। दलाल बिना टेस्ट लिए ही आवेदक से पास कराने का दावा करते हैं। इसकी एवज में वह मुंह मांगे पैसे लेते हैं। डीटीसी के शुरू होने पर ऑफिस के बाहर से दलालों की संख्या कम हो जाएगी। सेंटर पर 108 कैमरों का वीडियो रिकॉर्ड सुरक्षित रखा जाएगा। इसे भविष्य में कभी चेक किया जा सकता।
50 प्रतिशत कम हों जाएगें डीएल टेस्ट
आपको बता दें कि अभी हर महीने 5000 से ज्यादा लोगों का टेस्ट लिया जाता है लेकिन डीटीसी में 50 प्रतिशत टेस्ट लेने वालों की संख्या कम हो जाएगी। क्योंकि एक-एक व्यक्ति का नियम के अनुसार टेस्ट होगा। इससे वेटिंग की समस्या बढ़ेगी। लोगों को टेस्ट के लिए लंबी तारीख मिलेगी। हालांकि अधिकारियों का दावा है कि वेटिंग की समस्या नहीं होगी।
जानिए क्या है सिम्युलेटर
सिम्युलेटर एक वास्तविक कार की प्रतिकृति है। इसमें स्टेयरिंग व्हील, गियर, ब्रेक, पैडल, संकेतक और स्विच और स्पीड कंट्रोल लगा होता है। सिम्युलेटर हार्डवेयर और साफ्टवेयर द्वारा चलता है। इससे ड्राइविंग व्यवहार के अध्ययन करने की प्रयोगशाला भी कह सकते हैं। इससे इको-ड्राइविंग प्रशिक्षण प्रदान भी किया जा सकता है।