Delhi में सीएम रेखा गुप्ता की सरकार ने जिलों की संख्या बढ़ाने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है।
Delhi News: राजधानी दिल्ली में सीएम रेखा गुप्ता (CM Rekha Gupta) की सरकार ने जिलों की संख्या बढ़ाने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है। सरकार ने राजस्व जिलों और दिल्ली नगर निगम की सीमाओं को समेकित करते हुए नए जिलों के नामों की घोषणा की है। अब दिल्ली में पहले 11 राजस्व जिले थे, जिन्हें बढ़ाकर 13 जिले कर दिया गया है। इस कदम का उद्देश्य शासन को अधिक सुचारू और लोगों के लिए सुविधाजनक बनाना है।

नए जिलों का ऐलान
मौजूदा 11 जिलों में से शाहदरा जिले को समाप्त कर उसके सब-डिवीजनों को नॉर्थ ईस्ट जिले में विलय कर दिया गया है। इसके बदले तीन नए जिले बनाए गए हैं – ओल्ड दिल्ली, सेंट्रल नॉर्थ और आउटर नॉर्थ। सीएम रेखा गुप्ता ने इसकी सराहनीय पहल करते हुए कहा कि अब दिल्ली में 13 जिले होने से शासन अधिक सुचारू रूप से चलेगा और राजस्व जिलों तथा नगर निगम की सीमाएं पूरी तरह एक समान हो जाएंगी। यह बदलाव दिल्लीवासियों के लिए सेवाओं को आसान और तेज बनाने का वादा करता है।
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जनता की सुविधा और प्रशासन की मजबूती
सीएम रेखा गुप्ता (CM Rekha Gupta) की सरकार का यह फैसला पूरी तरह नागरिकों की सुविधा को ध्यान में रखकर लिया गया है। अधिकारियों के अनुसार, प्रशासन को सरल बनाने और लोगों को एक ही जगह पर सभी सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए जिलों की सीमाओं को पुनर्निर्धारित करना आवश्यक था। अब जिलों की प्रशासनिक सीमाएं नगर निगम के जोनों से पूरी तरह मेल खाएंगी, जिससे भ्रम की स्थिति खत्म होगी और कार्यक्षमता बढ़ेगी। यह कदम दिल्ली को 21वीं सदी के अनुरूप आधुनिक प्रशासनिक ढांचा प्रदान करने की दिशा में एक मजबूत पहल है।
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13 जिले और 39 सब-डिविजन, मिनी सचिवालय से मिलेगी बड़ी राहत
नई व्यवस्था में जिलों की संख्या 13 और सब-डिवीजनों की संख्या 33 से बढ़ाकर 39 की जा रही है। इससे अधिकारियों का कार्यभार संतुलित होगा और नागरिकों को सेवाएं तेजी से मिलेंगी। सीएम रेखा गुप्ता ने घोषणा की कि सभी 13 जिलों में आधुनिक और बहु-विभागीय ‘मिनी सचिवालय’ स्थापित किए जाएंगे। इनमें राजस्व कार्यालय, एसडीएम, एडीएम, तहसील, उप-पंजीयक सहित कई सेवाएं एक ही परिसर में उपलब्ध होंगी। पहले अलग-अलग इमारतों में बंटे विभागों से होने वाली असुविधा अब खत्म हो जाएगी, समन्वय बढ़ेगा और जिलाधिकारियों की निगरानी अधिक प्रभावी होगी। यह जनता के समय और मेहनत की बचत करेगा।
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सब-रजिस्ट्रार कार्यालयों में वृद्धि, संपत्ति पंजीकरण बनेगा आसान
संपत्ति पंजीकरण को और अधिक सुचारू तथा पारदर्शी बनाने के लिए सब-रजिस्ट्रार कार्यालयों की संख्या 22 से बढ़ाकर 39 की जा रही है। इनकी सीमाएं सब-डिविजनों से पूरी तरह मेल खाई जाएंगी, जिससे भूमि रिकॉर्ड प्रबंधन और डिजिटलीकरण में तेजी आएगी। अब नागरिकों को दूर-दूर भटकने की जरूरत नहीं पड़ेगी। सीएम रेखा गुप्ता की यह पहल दिल्ली को बेहतर गवर्नेंस का मॉडल बनाने की ओर एक मजबूत कदम है, जो जनता के जीवन को आसान बनाएगी।

