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Delhi: दिल्ली में 1 नवंबर से लागू होगा ये नियम, भूलकर भी ना ले जाएं ये गाड़ियां

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Delhi: राजधानी दिल्ली में बढ़ते वायु पॉल्यूशन पर नियंत्रण के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है।

Delhi News: राजधानी दिल्ली में बढ़ते वायु पॉल्यूशन (Air Pollution) पर नियंत्रण के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। 1 नवंबर 2025 से अब केवल BS-VI मॉडल वाली गाड़ियों को ही दिल्ली में प्रवेश की अनुमति होगी। यह फैसला वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) के निर्देशों के बाद लिया गया है और सर्दियों के महीनों में पॉल्यूशन कम करने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। पढ़िए पूरी डिटेल्स…

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बीएस-6 गाड़ियों को ही मिलेगी एंट्री

दिल्ली परिवहन विभाग (Delhi Transport Department) की ओर से जारी नोटिस के मुताबिक, 1 नवंबर 2025 से दिल्ली की सीमाओं में सिर्फ BS-VI मानक वाली कमर्शियल गाड़ियां ही प्रवेश कर सकेंगी। बीएस-6 इंजन तकनीक पुरानी तकनीक की तुलना में अधिक स्वच्छ है और इससे पार्टिकुलेट मैटर (PM) और नाइट्रोजन ऑक्साइड (NOx) जैसे हानिकारक तत्वों का उत्सर्जन 70 से 80 प्रतिशत तक कम हो जाता है। यह न केवल पर्यावरण के लिए लाभकारी है, बल्कि दिल्लीवासियों के स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक प्रभाव डालेगा।

पुरानी गाड़ियों से पॉल्यूशन पर लगेगी लगाम

सरकार का मानना है कि पुराने और अधिक पॉल्यूशन फैलाने वाले वाहनों से निकलने वाला धुआं दिल्ली की वायु गुणवत्ता को सबसे अधिक प्रभावित करता है। ऐसे में यह फैसला राजधानी की हवा को स्वच्छ बनाने की दिशा में एक ठोस कदम साबित हो सकता है।

BS-IV गाड़ियों को मिली राहत

लेकिन, सरकार ने BS-IV डीजल गाड़ियों को सीमित समय के लिए राहत दी है। दिल्ली के बाहर पंजीकृत BS-IV वाहन 31 अक्टूबर 2026 तक राजधानी में चल सकेंगे। इसके बाद इन गाड़ियों पर भी पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया जाएगा। यानी, अगले साल से दिल्ली की सड़कों पर केवल BS-VI, CNG, LNG और इलेक्ट्रिक गाड़ियां ही दौड़ती नजर आएंगी।

किन वाहनों को मिलेगी छूट?

नए नियम से कुछ वाहनों को बाहर रखा गया है। इनमें दिल्ली में पंजीकृत सभी कमर्शियल मालवाहक गाड़ियां, BS-VI डीजल गाड़ियां, BS-IV डीजल गाड़ियां (31 अक्टूबर 2026 तक), तथा CNG, LNG और इलेक्ट्रिक वाहन शामिल हैं। इनको नियम लागू होने के बाद भी प्रवेश की छूट मिलेगी।

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GRAP के तहत जारी रहेंगे पॉल्यूशन नियंत्रण उपाय

दिल्ली परिवहन विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के तहत पहले से लागू सभी पॉल्यूशन नियंत्रण उपाय प्रभावी रहेंगे। यानी जैसे ही हवा की गुणवत्ता ‘खराब’ या ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंचेगी, निर्माण कार्यों पर रोक, वाहनों पर प्रतिबंध और अन्य आपात कदम खुद लागू हो जाएंगे।

CAQM की बैठक में लिया गया बड़ा निर्णय

वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने 17 अक्टूबर 2025 को हुई बैठक में यह निर्णय लिया था। हर साल अक्टूबर से जनवरी के बीच दिल्ली-एनसीआर की हवा ‘गंभीर’ श्रेणी तक पहुंच जाती है। इस दौरान वाहनों का धुआं, पराली जलाना और ठंडी हवा के कारण पॉल्यूशन के कण वातावरण में जम जाते हैं। ऐसे में यह नियम दिल्ली की वायु गुणवत्ता में सुधार लाने की दिशा में एक प्रभावी कदम माना जा रहा है।

बता दें कि परिवहन विभाग ने प्रतिबंधित वाहनों को पकड़ने के लिए 48 टीमें बनाई हैं जो दिल्ली की सीमा वाले मार्गों पर तैनात रहेंगी।

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राजधानी की हवा को स्वच्छ बनाने की पहल

सरकार का कहना है कि BS-VI मानक लागू होने के बाद वाहनों से निकलने वाला धुआं और हानिकारक गैसें काफी हद तक घट जाएंगी। इससे दिल्ली की हवा को कुछ हद तक स्वच्छ और सांस लेने योग्य बनाया जा सकेगा। यह फैसला सर्दियों से पहले उठाया गया प्री-एम्प्टिव एक्शन है, जो पॉल्यूशन के बढ़ते स्तर पर नियंत्रण लाने में मददगार साबित हो सकता है।