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Cyclone Montha: चक्रवाती तूफ़ान मोंथा का असर, UP-बिहार समेत देश के इन राज्यों में भारी बारिश का अनुमान

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Cyclone Montha: देश के मौसम में बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है।

Cyclone Montha: देश के मौसम में बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। बंगाल की खाड़ी में उठा चक्रवाती तूफ़ान ‘मोंथा’ (Montha) अब धीरे-धीरे देश के मौसम को प्रभावित करने लगा है। इस तूफान के साथ अरब सागर में बन रहे गहरे दबाव और पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता ने मिलकर देश के कई हिस्सों में मौसम (Weather) का मिजाज पूरी तरह बदल दिया है। मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, अगले 3-4 दिनों तक देश का एक बड़ा हिस्सा भारी बारिश और तेज हवाओं की चपेट में रहेगा। इसका असर न केवल आंध्र प्रदेश और ओडिशा जैसे तटीय राज्यों पर बल्कि उत्तर प्रदेश, बिहार, दिल्ली-एनसीआर आदि तक देखने को मिलेगा। पढ़िए पूरी खबर…

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‘मोंथा’ बना गंभीर चक्रवाती तूफान

मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, बंगाल की खाड़ी में बना सिस्टम सोमवार शाम तक गंभीर चक्रवात का रूप ले चुका था। इसकी रफ्तार 88 किमी प्रतिघंटा तक पहुंच गई और मंगलवार को यह 110 किमी प्रतिघंटा की गति से तट से टकरा सकता है। पीएम नरेंद्र मोदी ने स्थिति की समीक्षा करते हुए आंध्र प्रदेश के सीएम एन. चंद्रबाबू नायडू से फोन पर बात की और केंद्र सरकार की ओर से हर संभव सहायता का आश्वासन दिया।

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तूफान की वर्तमान स्थिति

IMD के ताजा अपडेट के मुताबिक, यह चक्रवात फिलहाल पोर्ट ब्लेयर से 620 किमी पश्चिम, चेन्नई से 780 किमी पूर्व-दक्षिणपूर्व, और विशाखापट्टनम से 830 किमी दक्षिण-पूर्व में केंद्रित है। अगले 24 घंटों में इसके और अधिक तीव्र होकर गंभीर चक्रवाती तूफान बनने की संभावना है।

100 से अधिक ट्रेनें रद्द

तूफान के संभावित खतरे को देखते हुए दक्षिण मध्य रेलवे और पूर्वी तटीय रेलवे ने अगले दो दिनों के लिए 100 से अधिक ट्रेनों का परिचालन रद्द कर दिया है। आंध्र प्रदेश, ओडिशा और तमिलनाडु के तटीय क्षेत्रों में भारी बारिश और झंझावाती हवाओं की चेतावनी दी गई है। सोमवार को चेन्नई और आसपास के जिलों में मूसलाधार बारिश हुई। तूफान के उत्तर दिशा में बढ़ने से मध्य और उत्तर भारत में भी मौसम का मिजाज पूरी तरह बदल जाएगा।

कब और कहां करेगा लैंडफॉल ‘मोंथा’?

IMD के मुताबिक, 28 अक्टूबर की शाम या रात तक चक्रवात मोंथा आंध्र प्रदेश के तट पर मछलीपट्टनम और कलिंगपट्टनम के बीच काकीनाडा के पास लैंडफॉल करेगा। लैंडफॉल के बाद यह तूफान उत्तर-पूर्व दिशा में ओडिशा की ओर बढ़ेगा, जिससे 29-30 अक्टूबर तक कई राज्यों में इसका असर रहेगा। मछुआरों को 30 अक्टूबर तक समुद्र में न जाने की सख्त सलाह दी गई है, क्योंकि बंगाल की खाड़ी में समुद्र की स्थिति ‘अत्यंत उग्र’ बताई गई है।

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दिल्ली-एनसीआर और उत्तर भारत में भी दिखेगा असर

मौसम विभाग के अनुसार, चक्रवात ‘मोंथा’ का असर छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, झारखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार और दिल्ली-एनसीआर तक देखने को मिलेगा। इन राज्यों में 29 से 31 अक्टूबर के बीच गरज-चमक के साथ बारिश की संभावना है।

आंध्र प्रदेश के तटीय जिलों राजामुंद्री, विशाखापट्टनम और मछलीपट्टनम में पहले से ही तेज हवाएं और बारिश शुरू हो चुकी हैं। राज्य प्रशासन ने सभी जिलों में सतर्कता बढ़ा दी है और NDRF टीमें तैनात कर दी गई हैं।

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कृषि पर गंभीर असर की आशंका

तूफान का सबसे ज्यादा असर कृषि क्षेत्र पर पड़ सकता है। दक्षिण और मध्य भारत के राज्यों में खरीफ फसलों की कटाई प्रभावित होगी, जबकि उत्तर भारत में रबी फसलों की बुवाई में देरी की संभावना है। विशेषज्ञों के अनुसार, मानसून के दौरान इस बार एक भी चक्रवात नहीं आया था, इसलिए ‘मोंथा’ इस मौसम का पहला बड़ा चक्रवाती तूफान है, जो एक साथ बंगाल की खाड़ी, अरब सागर और उत्तर भारत के पर्वतीय इलाकों को प्रभावित करेगा।

हिमालयी राज्यों में बारिश और बर्फबारी के आसार

पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता के कारण हिमालयी राज्यों में भी मौसम बदल जाएगा। हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के ऊंचाई वाले इलाकों में बारिश और बर्फबारी की संभावना है। इसी बीच, अरब सागर के ऊपर भी एक निम्न दबाव क्षेत्र सक्रिय हो गया है, जो अगले 48 घंटों में पूर्व-मध्य अरब सागर की ओर बढ़ेगा। तीनों सिस्टम के एक साथ सक्रिय होने से देशभर में मौसम का स्वरूप बदल जाएगा और ठंड के आगमन की प्रक्रिया भी तेज हो सकती है।

IMD ने जारी किया रेड अलर्ट

‘मोंथा’ के लैंडफॉल के समय हवा की रफ्तार 90-100 किमी/घंटा तक पहुंच सकती है और झोंकों के साथ यह 110 किमी/घंटा तक जा सकती है। यह तीव्रता ‘भयंकर चक्रवाती तूफान’ की श्रेणी में आती है। इससे पेड़ों के उखड़ने, बिजली-पानी की आपूर्ति बाधित होने और निचले इलाकों में जलभराव जैसी स्थिति बन सकती है। IMD ने रेड अलर्ट जारी करते हुए आंध्र प्रदेश और ओडिशा के तटीय जिलों में 20 सेमी तक भारी वर्षा का पूर्वानुमान जताया है।

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राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड और यूपी में भी बारिश का असर

राजस्थान- राजस्थान के 15 जिलों में सोमवार को बारिश दर्ज की गई, जिससे सर्दी बढ़ने लगी है। तापमान में 8 डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट दर्ज की गई है। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे तक राज्य में हल्की से मध्यम वर्षा की संभावना जताई है।

मध्य प्रदेश- मध्य प्रदेश में लगातार बारिश से किसानों को नुकसान हुआ है। धान और मक्का की फसलें गिर गई हैं। कई जगह कटाई और गहाई का काम प्रभावित हुआ है। अगले दो दिन तक बारिश और तेज हवाओं का दौर जारी रहने की संभावना है।

उत्तराखंड- पर्वतीय इलाकों में आंशिक बादल और कहीं-कहीं हल्की वर्षा की संभावना है। खासकर कुमाऊं क्षेत्र के पिथौरागढ़, बागेश्वर, चंपावत और ऊधमसिंह नगर में बारिश के आसार हैं।

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उत्तर प्रदेश- मौसम विभाग ने 50 से अधिक जिलों में बारिश की चेतावनी जारी की है। 29 से 31 अक्टूबर के बीच हल्की वर्षा हो सकती है, जिससे अधिकतम तापमान में 3–4 डिग्री सेल्सियस की गिरावट संभव है।