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Bihar Elections: CM नीतीश कुमार ने वंचित और पिछड़े वर्ग के लिए किए गए कामों को किया उजागर

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Bihar Elections: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण का प्रचार अपने अंतिम पड़ाव पर पहुंच गया है।

Bihar Elections: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण का प्रचार अपने अंतिम पड़ाव पर पहुंच गया है। इस चरण में राज्य के 18 जिलों की 121 विधानसभा सीटों पर 6 नवंबर को मतदान होना है। पहले चरण में कुल 3 करोड़ 75 लाख 13 हजार 302 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे, जिनके भाग्य का फैसला 1,314 उम्मीदवारों के बीच होगा। इसी बीच सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने अपने सोशल मीडिया X हैंडल पर बिहार में पिछड़े और वंचित वर्गों के उत्थान के लिए किए गए कार्यों को उजागर किया। उन्होंने लिखा कि वर्ष 2005 से पहले की सरकार ने पिछड़े, अतिपिछड़े, अनुसूचित जाति-जनजाति, दलित-महादलित, आर्थिक रूप से कमजोर और वंचित वर्गों के उत्थान के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया।

पिछली सरकार की नाकामी

सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने कहा कि साल 2005 से पहले की सरकार ने समाज के पिछड़े, अतिपिछड़े, अनुसूचित जाति-जनजाति, दलित-महादलित और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के उत्थान के लिए कोई ठोस कार्य नहीं किया। उन दिनों इन वर्गों को न तो सम्मान मिला और न ही शासन में कोई भागीदारी। शिक्षा और अवसरों से वे वंचित रहे। सीएम नीतीश कुमार ने आरोप लगाया कि तब की सरकारें झूठे वादों और भय दिखाकर वोट लेती थीं, और सत्ता में आने के बाद जनता को भूल जाती थीं।

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‘न्याय के साथ विकास’ से बदली तस्वीर

सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने कहा कि 24 नवंबर 2005 को जब नई सरकार बनी, तो ‘न्याय के साथ विकास’ के सिद्धांत पर काम शुरू हुआ। उन्होंने पूरे बिहार को अपना परिवार मानकर हर तबके के उत्थान के लिए कदम उठाए। समाज के निचले पायदान पर खड़े लोगों के बच्चों के लिए शिक्षा, युवाओं के लिए रोजगार और सम्मानजनक जीवन सुनिश्चित करने की दिशा में सरकार ने कई योजनाएं लागू कीं।

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आरक्षण और सामाजिक न्याय के लिए ऐतिहासिक कदम

सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने याद किया कि वर्ष 1993 में जब बिहार में अतिपिछड़ों और पिछड़ों को एक वर्ग में मिलाने की कोशिश की जा रही थी, तब उन्होंने इसका सख्त विरोध किया था। उन्होंने कहा कि जननायक कर्पूरी ठाकुर द्वारा लागू आरक्षण नीति में किसी भी तरह का बदलाव बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

वर्ष 2006 में पंचायती राज संस्थाओं और नगर निकाय चुनावों में अतिपिछड़ा वर्ग के लिए 20 प्रतिशत आरक्षण, जबकि 2016 में न्यायिक सेवा में 21 प्रतिशत (अतिपिछड़ा वर्ग) और 12 प्रतिशत (पिछड़ा वर्ग) कोटा का प्रावधान किया गया।

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वंचितों के लिए समर्पित विभाग और बढ़ता बजट

सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने कहा कि वर्ष 2007-08 में पिछड़ा एवं अतिपिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग का गठन किया गया था। इसका बजट 2008-09 में मात्र 42.17 करोड़ रुपये था, जो अब बढ़कर 2025-26 में 1900 करोड़ रुपये हो गया है।

छात्रों और युवाओं के लिए शिक्षा व रोजगार के अवसर

राज्य के सभी जिला मुख्यालयों में जननायक कर्पूरी ठाकुर छात्रावास का निर्माण कराया गया है, जहां लगभग 4,500 छात्र निशुल्क शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। इसके अलावा वर्ष 2018 से अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़ा-अतिपिछड़ा वर्ग के छात्र-छात्राओं के लिए आवासीय विद्यालय, छात्रावास अनुदान, मुफ्त अनाज, सिविल सेवा प्रोत्साहन, ग्राम परिवहन योजना और उद्यमी योजना जैसी सुविधाएं दी जा रही हैं।

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महिला मतदाताओं पर सीएम नीतीश का भरोसा कायम

सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) का मानना है कि उनकी नीतियों का सबसे बड़ा लाभ महिलाओं और वंचित तबकों को मिला है। बिहार में शिक्षा, स्वावलंबन और आरक्षण के जरिए महिलाओं को सशक्त बनाकर उन्होंने उन्हें समाज की मुख्यधारा में लाया है। यही वजह है कि एक्सपर्ट्स मान रहे हैं- महिला वोटर्स एक बार फिर नीतीश कुमार को सत्ता में वापसी का मौका दिला सकती हैं।