नोएडा DM के दरबार में इन A ग्रेड स्कूलों की पेशी..मान्यता रद्द होने का भी संकट !

एजुकेशन

शिक्षा के अधिकार अधिनियम(RTE) को ना मानना नोएडा के कुछ स्कूलों को भारी पड़ सकता है। आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के बच्चों के लिए आरक्षित 25 प्रतिशत सीटों पर अगर इन स्‍कूलों ने प्रवेश नहीं दिया तो उनकी मान्‍यता भी रद्द की जा सकती है।

डीएम मनीष कुमार वर्मा ने बेसिक शिक्षा अधिकारी ऐश्वर्या लक्ष्मी को निर्देश दिए हैं कि ऐसे स्कूलों के प्रधानाचार्यों को 3 मई की मीटिंग में बुलाया जाए। बेसिक शिक्षा विभाग कार्यालय में ऐसे स्कूलों की सूची तैयार की जा रही है, जिन्होंने अब तक आरटीई के तहत सबसे कम दाखिले लिए हैं। विभाग की ओर से पहले चरण की सूची में नाम आने वाले बच्चों का दाखिला लेने के लिए कई बार स्कूलों को निर्देश दिए गए हैं। उसके बाद भी स्कूलों की ओर से दाखिले नहीं लिए जा रहे हैं।

सौ, सोशल मीडिया

इन स्कूलों को पेश होने के भेजे गए नोटिस

जिलाधिकारी कार्यालय में बुधवार को जिन स्कूलों को नोटिस भेजे गए हैं उनमें समर विले स्कूल नोएडा, दिल्ली पब्लिक स्कूल ग्रेटर नोएडा, मानव रचना स्कूल नोएडा, द मिलेनियम इंटरनेशनल स्कूल ग्रेटर नोएडा वेस्ट, लोटस वैली स्कूल, राघव ग्लोबल स्कूल नोएडा, बाल भारती पब्लिक स्कूल नोएडा, दिल्ली वर्ल्ड पब्लिक स्कूल ग्रेटर नोएडा समेत 30 स्कूल शामिल हैं..ख़बरों के मुताबिक इन स्कूलों ने सिर्फ 1650 बच्चों को ही EWS कोटे से एडमिशन दी है।

EWS आरक्षण का उठाना चाहते हैं फायदा, तो इन 5 बातों का रखें विशेष ध्यान

EWS Reservation जाति और वर्ग के आधार पर आरक्षण के विपरीत आर्थिक रूप से कमजोर लोगों की सामान्य श्रेणी को आरक्षण प्रदान करता है.

Eligibility of EWS Reservation: देश की शीर्ष अदालत (Supreme Court) ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को नौकरी में 10 प्रतिशत आरक्षण देने के केंद्र सरकार के फैसले को वैध करार दिया है. पीठ ने कहा कि यह आरक्षण संविधान के मूलभूत सिद्धांतों और भावना का उल्लंघन नहीं करता है. भले ही यह नीति वर्षों पहले लागू की गई थी, फिर भी समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लोगों को पात्रता और लाभ के बारे में कुछ भ्रम है. अब EWS RESERVATION पर कोई रुकावट नहीं रह गई है. बता दें कि पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने भारतीय संविधान में 103 वां संशोधन लाकर 2019 में ईडब्ल्यूएस कोटा लाया था. EWS कोटे का प्रावधान संविधान के अनुच्छेद 15 के खंड 6 और अनुच्छेद 16 में जोड़ा गया था. यह खंड शैक्षणिक संस्थानों और नौकरियों में आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग को आरक्षण प्रदान करता है.

ईडब्ल्यूएस की संपत्ति पर ये हैं शर्तें

ईडब्ल्यूएस कोटे के अन्तर्गत आने वाले लोगों के लिए कुछ अनिवार्य शर्तें भी हैं. इस श्रेणी के तहत एक व्यक्ति के पास 5 एकड़ से कम कृषि भूमि होनी चाहिए. इसके साथ ही उनका रिहायशी फ्लैट 200 वर्ग मीटर या इससे ज्यादा का नहीं होना चाहिए. यदि कोई आवासीय फ्लैट 200 वर्ग मीटर से अधिक का है तो वह नगर पालिका के अंतर्गत नहीं आना चाहिए.

कहां लागू होता है EWS आरक्षण?

ईडब्ल्यूएस आरक्षण सरकारी नौकरियों में और शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश के लिए आवेदन करने में छूट प्रदान करता है, शैक्षणिक संस्थानों और सरकारी नौकरियों में प्रवेश के लिए ईडब्ल्यूएस कोटे के तहत 10 फीसदी आरक्षण होगा.

ईडब्ल्यूएस के लिए होने चाहिए ये प्रमाण

किसी व्यक्ति को यह साबित करने के लिए कि वह समाज के ईडब्ल्यूएस से संबंधित है, उसके पास आरक्षण का दावा करने के लिए ‘आय और संपत्ति प्रमाणपत्र’ होना चाहिए. विशेष रूप से, प्रमाण पत्र केवल तहसीलदार या उससे ऊपर के रैंक के राजपत्रित अधिकारियों द्वारा जारी किया जाना चाहिए. यह आय प्रमाण पत्र एक वर्ष के लिए वैध होता है. ईडब्ल्यूएस लाभार्थियों को हर साल अपने प्रमाणपत्रों का नवीनीकरण कराना होता है.

ANSPA के महासिचव के अरुणाचलम ने का कहना है कि EWS कोटे से दाख़िला गरीब बच्चों का अधिकार है और कोई भी प्राइवेट स्कूल, बच्चों को उनके अधिकार से वंचित नहीं रख सकता।

वहीं सुपरटेक इकोविलेज-1 में रहने वाले एयरफोर्स के रिटायर्ड अधिकारी शशिभूषण साह का कहना है शिक्षा के अधिकार के तहत सभी बच्चों की भागीदारी जरूरी है। निजी स्कूल..गरीब बच्चों से उनका अधिकार नहीं छीन सकते।

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