नोएडा एक्सटेशन मेट्रो: कहीं खुशी..कहीं गम !

दिल्ली NCR

नोएडा से ग्रेटर नोएडा वेस्ट के बीच मेट्रो की सवारी का इंतजार कर रहे लाखों लोगों के लिए बहुत अच्छी ख़बर नहीं है।  क्योंकि ग्रेटर नोएडा वेस्ट(Noida Extension) मेट्रो की सवारी के लिए लंबा इंतजार करना पड़ सकता है। ब्लू और एक्वा लाइन के दो मेट्रो स्टेशनों (सेक्टर-51 और 52) के बीच कनेक्टिविटी में बरती गई लापरवाही नए मेट्रो रेल प्रोजेक्ट पर पड़ी है। केंद्रीय आवासन एवं शहरी विकास मंत्रालय ने इस प्रोजेक्ट की फाइल पर आपत्ति लगा दी है। दोनों लाइनों के बीच आवाजाही आसान बनाने के बेहतर विकल्प जब तक तलाशे नहीं जाएंगे, तब तक इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट को मंजूरी नहीं मिलेगी।

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दरअसल, नोएडा से ग्रेनो को जोड़ने वाली एक्वा लाइन के सेक्टर-51 मेट्रो स्टेशन से ग्रेनो वेस्ट के रास्ते नॉलेज पार्क-पांच तक 14.958 किमी. लंबी मेट्रो लाइन को विस्तार दिया जाना है। एक्वा लाइन से 382 मीटर की दूरी पर नोएडा को दिल्ली से जोड़ने वाली ब्लू लाइन का सेक्टर-52 मेट्रो स्टेशन भी है। एक्वा और ब्लू लाइन के स्टेशनों के बीच की दूरी ज्यादा होने के कारण यात्रियों को मेट्रो बदलने में परेशानी होती है।

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इससे बचने के लिए ग्रेनो से दिल्ली के बीच सफर करने वाले दैनिक यात्री मेट्रो की जगह निजी वाहनों का विकल्प अपनाना ज्यादा पसंद करते हैं। यही वजह है कि दिल्ली से नोएडा के इलेक्ट्रॉनिक सिटी तक दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) की लाइन पर यात्रियों की भीड़ संभाले नहीं संभल रही, जबकि सेक्टर-51 से ग्रेनो के बीच नोएडा मेट्रो रेल निगम (एनएमआरसी) की लाइन यात्रियों के लिए तरस रही है। दोनों मेट्रो स्टेशनों के बीच बेहतर कनेक्टिविटी नहीं होने का असर 2197.49 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले नए प्रोजेक्ट पर पड़ता देख मंत्रालय ने आपत्ति लगा दी है।

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400 मीटर कौन चलेगा पैदल
एक्वा लाइन के सेक्टर-51 और ब्लू लाइन के सेक्टर-52 मेट्रो स्टेशन के बीच फुटओवर ब्रिज (एफओबी) बनाया जा रहा है, लेकिन मंत्रालय के अधिकारियों ने इस पर आपत्ति जताई है। मेट्रो बदलने के लिए यात्री दोनों स्टेशनों के बीच 400 मीटर की दूरी क्यों तय करेंगे। जिसके पास सामान ज्यादा होगा, उसकी परेशानी ज्यादा बढ़ जाएगी। मंत्रालय के अधिकारियों ने दोनों स्टेशनों को बनाने की प्लानिंग में बरती गई लापरवाही पर नाराजगी भी जाहिर की है।

DMRC की टीम सर्वे में जुटी
एनएमआरसी की एक्वा मेट्रो लाइन की प्लानिंग से लेकर निर्माण तक का कार्य डीएमआरसी ने किया है। पिछले सप्ताह शहरी विकास मंत्रालय के विशेष कार्याधिकारी व एनएमआरसी के चेयरमैन जयदीप ने सेक्टर-51 और 52 मेट्रो स्टेशन का दौरा कर यात्रियों की सहूलियत के लिए बेहतर कनेक्टिविटी के विकल्प तलाशने के निर्देश दिए हैं। डीएमआरसी की टीम इसके लिए सर्वे में जुट गई है।

कितना लंबा होगा रूट

नया रूट करीब 15 किलोमीटर का होगा। पहले फेज में 5 मेट्रो रेल स्टेशन बनाए जाएंगे। जानकारी के मुताबिक सबसे पहले

सेक्टर-122

सेक्टर-123

ग्रेटर नोएडा सेक्टर-4

ग्रेटर नोएडा सेक्टर-2

ईकोटेक-12

पर काम शुरू होगा। हालांकि इस पूरे रूट पर 9 स्टेशन बनकर तैयार होने हैं। ग्रेटर नोएडा वेस्ट मेट्रो लाइन के शुरू होते ही वेस्ट के सेक्टर ग्रेटर नोएडा की एक्वा लाइन और दिल्ली मेट्रो की ब्‍लू लाइन से जुड़ जाएंगे।

कितना खर्च आएगा ?
नोएडा सेक्टर-51 से लेकर ग्रेटर नोएडा वेस्ट नॉलेज पार्क 5 तक शुरू होने वाली मेट्रो रेल का पूरा रूट एलिवेटेड होगा। जानकारों की मानें तो पहले फेज के इस पूरे प्रोजेक्ट की लागत करीब 1100 करोड़ रुपये खर्च होंगे। लेकिन अकेले सिविल वर्क पर ही करीब 500 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। नोएडा, ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी, यूपी और केन्द्र सरकार मिलकर यह पैसा देंगी।

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