Big News: साल 2030 तक इस बीमारी से 1 करोड़ से ज्यादा लोग संक्रमित हो सकते हैं और 30 लाख लोगों की मौत हो सकती है।
Big News: दुनिया ने बीते कुछ दशकों में कई बीमारियों (Diseases) पर काबू पाया है, लेकिन ह्यूमन इम्यूनोडेफिशियेंसी वायरस (Human Immunodeficiency Virus) आज भी एक बड़ी चुनौती बना हुआ है। यह खतरनाक वायरस (Virus) इंसानी इम्यून सिस्टम को कमजोर कर देता है, जिससे शरीर की संक्रमण से लड़ने की क्षमता घट जाती है। अगर समय रहते इसका इलाज न किया जाए, तो यह एड्स (AIDS) में बदल सकता है, जो अब भी लाखों लोगों की जान ले रहा है। साल 2023 में ही एड्स के कारण 6.30 लाख लोगों की मौत हो चुकी है। लेकिन इससे भी ज्यादा चिंताजनक बात यह है कि एक नई स्टडी (New Study) के मुताबिक, साल 2030 तक HIV से 1 करोड़ से ज्यादा लोग संक्रमित हो सकते हैं और 30 लाख लोगों की मौत हो सकती है। पढ़िए चौंकाने वाली रिपोर्ट…
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HIV फंडिंग में कटौती से बढ़ सकता है खतरा
लैंसेट एचआईवी जर्नल (Lancet HIV Journal) में प्रकाशित एक नई स्टडी के मुताबिक, HIV की रोकथाम और उपचार के लिए अंतरराष्ट्रीय फंडिंग में कटौती की जा रही है, जिससे आने वाले वर्षों में स्थिति और गंभीर हो सकती है। ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न स्थित बर्नेट इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों द्वारा किए गए इस अध्ययन में बताया गया है कि 2026 तक एचआईवी फंडिंग में 24 प्रतिशत की कमी आ सकती है। रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी और नीदरलैंड जैसे प्रमुख दाता देशों ने एचआईवी फंडिंग में 8 से 70 प्रतिशत तक की कटौती की घोषणा की है, जिससे रोकथाम और इलाज प्रभावित हो सकता है।
संक्रमण और मौतों की संख्या में हो सकता है इजाफा
स्टडी के मुताबिक, इन देशों का वैश्विक HIV सहायता में 90 प्रतिशत से अधिक योगदान है। अगर यह कटौती जारी रही, तो 2025 से 2030 के बीच 44 लाख से 1.8 करोड़ नए एचआईवी संक्रमण (New HIV Infections) हो सकते हैं, जबकि 7.7 लाख से लेकर 29 लाख तक मौतें हो सकती हैं। अमेरिका ने हाल ही में HIV फंडिंग में भारी कटौती की है, और नए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के शपथ ग्रहण के बाद 20 जनवरी को अमेरिका ने एचआईवी सहायता को रोक दिया था। इस फैसले से एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी, रोकथाम और परीक्षण जैसी सेवाओं पर गंभीर असर पड़ा है, जिससे HIV के इलाज और रोकथाम की प्रक्रिया प्रभावित हो रही है।
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एक्सपर्ट की चेतावनी
बर्नेट इंस्टीट्यूट की डॉ. डेबरा टेन ब्रिंक (Dr. Debra Ten Brink) ने चेतावनी दी है कि अमेरिका ने HIV के इलाज और रोकथाम में सबसे बड़ा योगदान दिया है, लेकिन फंडिंग में कटौती से इस महामारी के खिलाफ लड़ाई कमजोर पड़ रही है। यदि अन्य डोनर देशों ने भी फंडिंग में कटौती जारी रखी, तो पिछले दशकों में हुई प्रगति व्यर्थ हो सकती है और HIV महामारी फिर से विकराल रूप ले सकती है। इसका सबसे अधिक असर उप-सहारा अफ्रीका, हाशिए पर रहने वाले समुदायों, ड्रग्स का इंजेक्शन लेने वाले लोगों, यौनकर्मियों और पुरुषों के साथ यौन संबंध रखने वाले पुरुषों पर पड़ सकता है। इन समूहों के लिए HIV रोकथाम कार्यक्रमों में कटौती से संक्रमण दर और बढ़ने की आशंका है।