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AI: AI करवा रहा है मरे हुए रिश्तेदारों से बात, यकीन ना हो तो खबर पढ़ लीजिए

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AI: तकनीक के इस दौर में एक नया AI टूल सामने आया है, जो लोगों को उनके मृत रिश्तेदारों से बात करने का मौका दे रहा है

AI: तकनीक के इस दौर में आए दिन नए-नए प्रयोग हो रहे हैं। अब एक ऐसा AI टूल सामने आया है, जो दावा करता है कि यह आपको आपके मृत रिश्तेदारों (Deceased Relatives) से बात करने का अनुभव देगा। लेकिन असल में यह सिर्फ AI जनरेटेड वॉयस और पैटर्न होगा, लेकिन सुनने में ऐसा लगेगा मानो आप अपने गुजर चुके प्रियजनों से बात कर रहे हों। पढ़िए पूरी खबर…

Pic Social Media

मृतकों की आवाज में बात करता है AI

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, Creepy AI नामक यह टूल ऐसा सॉफ्टवेयर है, जो मृत रिश्तेदारों और करीबियों की आवाज़ को कॉपी कर उनसे संवाद करने की सुविधा देता है। यह सिस्टम तभी काम करता है जब उसे उस व्यक्ति की आवाज़ और बोलने के पैटर्न की पर्याप्त जानकारी उपलब्ध कराई जाती है। यानी तकनीक डिजिटल रूप से मृत लोगों को जीवित कर उनसे बातचीत कराने का अनुभव देती है।

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शुरुआत में खुशी, फिर सामने आए खतरे

शुरुआती दौर में लोग इस तकनीक से खुश हुए और अपने दिवंगत परिजनों से रोज़मर्रा की बातें करने लगे। कुछ ने तो सलाह-मशविरा भी लेना शुरू कर दिया। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि यह प्रवृत्ति लोगों को वास्तविक दुनिया से दूर ले जाकर एक काल्पनिक दुनिया में धकेल सकती है। इसका सीधा असर उनके मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ सकता है। साथ ही, इस तकनीक से जुड़ा सबसे बड़ा खतरा प्राइवेसी का है, क्योंकि उपयोगकर्ता अपने रिश्तेदारों की निजी जानकारी AI को सौंप रहे हैं, जो डेटा स्टोर होकर सुरक्षा जोखिम खड़ा कर सकती है।

कंपनी का तर्क

कंपनी का कहना है कि उसका उद्देश्य लोगों की निजता का उल्लंघन करना नहीं, बल्कि उन्हें अपने प्रियजनों से इमोशनल कनेक्शन बनाए रखने का अवसर देना है। कंपनी इसे तकनीक की सकारात्मक उपलब्धि मानती है। वहीं विशेषज्ञों का मानना है कि यह तकनीक कहीं न कहीं लोगों की भावनाओं का शोषण करने जैसा है।

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मनोवैज्ञानिकों की चेतावनी

मनोवैज्ञानिकों ने भी इस मामले पर गंभीर चिंता जताई है। उनका कहना है कि अगर लोग लंबे समय तक ऐसी तकनीक का इस्तेमाल करते हैं, तो वे असली दुनिया से कट सकते हैं और काल्पनिक दुनिया को ही वास्तविक मानने लगेंगे। इससे उनका मानसिक संतुलन बिगड़ने की आशंका है। एक यूज़र ने भी टिप्पणी की कि तकनीक अच्छी है, लेकिन यह लोगों को फिक्शनल वर्ल्ड में धकेल सकती है।