86 साल के हुए रतन टाटा..पढ़िए कैसे टाटा ग्रुप को बनाया अरबों की कंपनी

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Ratan Tata: देश और दुनिया में एक अलग पहचान रखने वाले प्रसिद्ध उद्योगपति रतन टाटा 86 साल के हो गए हैं। रतन टाटा (Ratan Tata) भारत के सबसे सफल और सम्मानित व्यवसायियों में से एक हैं। वह टाटा समूह (Tata Group) के पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं, जो भारत की सबसे बड़ी बहुराष्ट्रीय समूह कंपनियों में से एक है। टाटा समूह में विभिन्न उद्योगों में 300 से अधिक कंपनियां शामिल हैं, जिनमें ऑटोमोबाइल (Automobiles), स्टील, विमानन, ऊर्जा, और कई कंपनियां आती हैं।
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जानिए रतन टाटा के बारे में

रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर, 1937 को मुंबई में हुआ था। वह जमशेदजी टाटा (Jamsetji Tata) के परपोते हैं, जिन्होंने 1868 में टाटा समूह की स्थापना की थी। रतन टाटा ने 1962 में टाटा स्टील में अपने करियर की शुरुआत की और 1991 में टाटा समूह के अध्यक्ष बने।
जाने-माने उद्योगपति रतन टाटा (Ratan Tata) के जीवन से जुड़ा कई किस्सा अक्सर ही चर्चा का विषय बना रहा रहता है, इसी प्रकार का एक किस्सा इस समय सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। रतन टाटा के जीवन से जुड़े इस अनोखे किस्से को लोग खूब मजे ले-लेकर पढ़ रहे हैं। अधिकतर यूजर इस मामले में रतन टाटा की हिम्मत की सराहना भी कर रहे हैं। आइए जानते हैं…

टाटा मोटर्स से जुड़ा हुआ है किस्सा

आपको बता दें कि यह किस्सा 90 के दशक का है। जब Tata Sons के चेयरमैन रतन टाटा ने टाटा मोटर्स (Tata Motors) की कार टाटा इंडिका लॉन्च किया था। लेकिन, उस समय टाटा की कारों की सेल उतनी नहीं थी, जितनी रतन टाटा ने सोचा था। टाटा इंडिका को खराब रिस्पांस मिलने और लगातार बढ़ते घाटे को देखते हुए रतन टाटा ने पैसेंजर कार डिवीजन (Passenger Car Business) को बेचने का फैसला कर लिया था और इसके लिए अमेरिका (America) की एक बार बनाने वाली कंपनी Ford Motors से बात की। जब रतन टाटा ने अपने पैसेंजर कार बिजनेस को Ford Motors को बेचने का फैसला किया। तो Ford के चेयरमैन Bill Ford ने उनका मजाक बनाया था।

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बिल फोर्ड (Bill Ford) ने रतन टाटा से कहा था कि अगर आपको कुछ जानकारी नहीं है, तो फिर आपने पैसेंजर कार डिवीजन की आखिर शुरुआत ही क्यों की? बिल सिर्फ इतने पर ही नहीं रुके उन्होंने और आगे कहा कि अगर हम आपके इस बिजनेस को खरीदते हैं, तो ये आपके ऊपर एक एहसान होगा। रतन टाटा के दिलो-दिमाग में बिल फोर्ड की ये बातें घर कर गईं, लेकिन उन्होंने अपने स्वाभाव के अनुसार फटाफट कोई जवाब नहीं दिया और वापस भारत आ गए।

Bill Ford के साथ मीटिंग के बाद उन्होंने पैसेंजर कार बिजनेस को बेचने का फैसला टाल दिया और फिर भारत में ऑटोमोबाइल क्षेत्र में क्रांति लाने के लिए लग गए। उन्होंने साबित किया कि असफलता, सफलता की ही एक सीढ़ी होती है। उन्होंने अपना पूरा फोकस Tata Motors को नए मुकाम पर ले जाने में लगा दिया और एक दशक से भी कम समय में उन्होंने खुद को इस सेक्टर का बादशाह बनाकर फोर्ड के गंदे बर्ताव का ऐसा बदला लिया जो उन्हें पूरी जिंदगी याद रहेगा।

इस बात को हुए करीब 9 साल हो गए थे और इन सालों में टाटा मोटर्स ने सफलता की नई बुलंदियों को छूने के लिए आगे बढ़ रही थी, तो वहीं Ford Motors दिवालिया होने वाली थी। इस दौरान रतन टाटा के समूह ने फोर्ड के Jaguar और Land Rover ब्रांड को खरीदने की पेशकश की। इस डील को लेकर जब रतन टाटा और बिल फोर्ड की मीटिंग हुई, तो Ford के चेयरमैन Bill Ford के सुर बदले बदले नजर आए। उन्होंने इस पेशकश के लिए रतन टाटा को थैंक्यू कहा और बोले कि आप जैगुआर-लैंड रोवर (JLR) को खरीदकर हमारे ऊपर एक बहुत बड़ा उपकार कर रहे हैं।

स्टॉफ को परिवार मानते हैं रतन टाटा

बता दें कि टाटा उद्योग समूह (Tata Industries Group) के मालिक रतन टाटा में अनेक विशेषताएं हैं। उनकी सबसे बड़ी विशेषता यह है कि वें अपनी कंपनी के स्टाफ को अपने परिवार का ही हिस्सा मानते हैं। कहने के लिए बहुत से लोग स्टाफ को परिवार कहते हैं, किन्तु रतन टाटा ईमानदारी से इस बात का पालन करते हैं कि उनके किसी कर्मचारी को कोई परेशानी अथवा कष्ट न होने पाए।

रतन टाटा को उनके काम के लिए कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। उन्हें फोर्ब्स द्वारा दुनिया के सबसे शक्तिशाली लोगों में से एक के रूप में भी सूचीबद्ध किया गया है। रतन टाटा को भारत के लिए एक प्रेरणा माना जाता है। वह एक सफल व्यवसायी, एक मानवतावादी और एक समाजसेवी हैं। उन्होंने भारत की अर्थव्यवस्था और समाज में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

रतन टाटा के कुछ सबसे उल्लेखनीय कार्य

रतन टाटा ने टाटा मोटर्स (Tata Motors) की स्थापना की, जो भारत की सबसे बड़ी ऑटोमोबाइल कंपनी है।
उन्होंने टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज की स्थापना की, जो भारत की सबसे बड़ी सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी है।
रतन टाटा ने टाटा स्टील को एक वैश्विक नेता के रूप में स्थापित किया।
उन्होंने टाटा समूह को कई अन्य सफल व्यवसायों की स्थापना में मदद की।
रतन टाटा ने भारत में शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, और गरीबी उन्मूलन के लिए काम किया है।

रतन टाटा को मिले पुरस्कार


पद्म विभूषण (2000)
पद्म भूषण (1992)
फोर्ब्स द्वारा दुनिया के सबसे शक्तिशाली लोगों में से एक (2004, 2005, 2006, 2007, 2008, 2009, 2010, 2011, 2012)

रतन टाटा एक ऐसा व्यक्ति हैं जिन्होंने भारत की अर्थव्यवस्था और समाज को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वह एक सफल व्यवसायी, एक मानवतावादी और एक समाजसेवी हैं। उनकी उपलब्धियों और योगदानों के लिए उन्हें हमेशा याद किया जाएगा।