India China News: PM मोदी का एक फैसला..चीन औंधे मुंह गिरा!

राजनीति
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Jyoti Shinde,Editor

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने कड़े फैसलों के लिए जाने जाते हैं। जब पूरी दुनिया में मंदी की आशंका है और बड़ी-बड़ी अर्थव्यवस्थाएं इससे जूझ रही है, तो भारत के लिए आर्थिक मोर्चे पर लगातार अच्छी खबरें आ रही है। वैसे तो भारत में स्मार्टफोन के बाजार पर लगभग चीनी फोन का कब्ज़ा है, लेकिन कलाई पर, गले में या कान में पहने जानेवाले उनसे संबंधित उपकरणों यानी वियरेबल्स का निर्माण भारत में बहुत तेज हुआ है.

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ईयरबड्स, नेक बैंड और स्मार्टवॉच जैसे वियरेबल्स के बाज़ार पर भारत की देसी कंपनियों ने कब्जा कर लिया है. इंडियन ब्रांड आज देश के 75 फीसदी बाजार पर कब्जा रखते हैं. इन सब से चीन की फैक्ट्रियों में तालाबंदी की नौबत आ गयी है, क्योंकि उनके ऑर्डर में भारी गिरावट आयी है, और एक के बाद एक कंपनियों पर ताला लग रहा है. पिछले वित्तीय वर्ष में भारत में तकरीबन 8000 करोड़ रुपए के वियरेबल्स का निर्माण हुआ था.

मोदी सरकार के एक फैसले ने बदल दिया सब कुछ :

ईयरफोन और स्मार्टवॉच का बाजार भारत में 2021 में केवल 2.1 अरब डॉलर का था. यह बढ़कर 2022 में 2.8 अरब डॉलर हो गया. इंडिया में पिछले साल यानी 2022-23 में कुल 8000 करोड़ रुपए के इयरफोन, स्मार्टवॉच और नेकबैंड वगैरह बनाए गए. यह सरकार के PMP यानी फेज्ड मैन्युफैक्चरिंग प्लैन या चरणबद्ध निर्माण योजना के कार्यान्वयन से हो पाया है.

ICEA यानी इंडिया सेलुलर एंड इलेक्ट्रॉनिक असोसिएशन के एक विश्लेषण के अनुसार भारत का बाजार फिलहाल पूरी दुनिया के वियरेबल्स का 4 से 5 फीसदी हिस्सा है, हालांकि इसमें से अधिकांश पिछले साल तक चीन से आयात के द्वारा पूरा किया जाता था. सरकार ने पिछले बजट में वियरेबल्स सामानों के आयात पर 20 फीसदी बेसिक कस्टम ड्यूटी लगा दी, इससे लागत तो बढ़ी ही, जो इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर था, वह भी ठीक हो गया.

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पीएमपी के लागू होते ही कंपनियों ने चीन से सामान मंगवाने के बजाय देश में ही उत्पादन ऒ किया, क्योंकि वह सस्ता पड़ता था. पहले चीन से पूरी तरह तैयार ईकाइयां मंगाई जाती थीं, सरकार के उस एक फैसले के बाद कंपनियां अब उन्हें भारत में ही एसेंबल करती हैं. इसका असर यह हुआ है कि बोट और गिजमोर जैसे ब्रांड्स अब भारत में ही उत्पादन कर रहे हैं. दूसरा असर यह हुआ है कि भारत से जब मांग कमी तो चीन की एसेंबलिंग कंपनियों के पास काम नहीं बचा और अब वहां तालाबंदी हो रही है. भारत की कंपनियां ठेके पर काम करने वाली कंपनियों के साथ गठजोड़ कर रही हैं और वियरेबल्स कंपनियां चीन से अब भारत का रुख कर रही हैं।

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