UP News: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने मेधावी छात्राओं के लिए एक खास पहल शुरू की है।
UP News: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार (Yogi Government) ने मेधावी छात्राओं के लिए एक खास पहल शुरू की है। रानी लक्ष्मी बाई स्कूटी योजना के तहत पहले चरण में 45 हजार मेधावी छात्राओं को फ्री स्कूटी (Free Scooty) वितरित करने की तैयारी है। यह स्कूटी विश्वविद्यालयों और डिग्री कॉलेजों में स्नातक द्वितीय वर्ष में पढ़ रही छात्राओं को दी जाएगी। उच्च शिक्षा विभाग इस योजना के लिए नियम और दिशा-निर्देश तैयार करने में जुटा हुआ है। पढ़िए पूरी खबर…

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मेधावी छात्राओं का चयन कैसे होगा?
आपको बता दें कि प्रदेश के विश्वविद्यालयों और डिग्री कॉलेजों में स्नातक प्रथम वर्ष में कुल नौ लाख छात्राएं अध्ययनरत हैं। इनमें से शीर्ष पांच प्रतिशत मेधावी छात्राएं, जो प्रथम वर्ष की परीक्षा में उच्च अंक प्राप्त कर द्वितीय वर्ष में पहुंची हैं, इस योजना की पात्र होंगी। इस हिसाब से लगभग 45 हजार छात्राएं स्कूटी की हकदार होंगी। चयन प्रक्रिया में प्रथम वर्ष के परिणामों को आधार बनाया जाएगा, जिससे उच्च शिक्षा प्राप्त कर रही होनहार छात्राओं को यह लाभ मिल सके।
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यह योजना परंपरागत और प्रोफेशनल दोनों तरह के स्नातक पाठ्यक्रमों में पढ़ रही छात्राओं के लिए है। चयन प्रक्रिया में उन कोर्सेज को प्राथमिकता दी जाएगी, जिनमें छात्राओं की संख्या अधिक है। यानी, जिन पाठ्यक्रमों में अधिक छात्राएं होंगी, वहां से अधिक मेधावी छात्राएं स्कूटी प्राप्त करेंगी। इस तरह योजना का लाभ व्यापक स्तर पर मेधावी छात्राओं तक पहुंचेगा।
400 करोड़ रुपये का बजट आवंटन
यूपी सरकार (UP Government) ने इस योजना के लिए बजट में 400 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। स्कूटी वितरण चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा। सरकार का लक्ष्य है कि होनहार छात्राओं की मेधा का सम्मान जल्द से जल्द स्कूटी प्रदान करके किया जाए। छात्राएं इस योजना का बेसब्री से इंतजार कर रही हैं।
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बेटियों को मिलेगा प्रोत्साहन
उत्तर प्रदेश शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मौलीन्दु मिश्रा (Dr. Moulindu Mishra) ने इस योजना की सराहना की है। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा में बेटियों की संख्या न केवल अधिक है, बल्कि मेडल हासिल करने में भी वे अव्वल रहती हैं। इस योजना से मेधावी छात्राएं और अधिक प्रोत्साहित होंगी, जिससे उनका आत्मविश्वास और शैक्षिक प्रदर्शन और बेहतर होगा। यह कदम बेटियों की शिक्षा और सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल साबित होगा।

