Supertech News रियल एस्टेट डेवलपर सुपरटेक को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट से थोड़ी राहत मिली है। सुपरटेक की सोसाइटीज में फायर सेफ्टी उपायों के लिए रियल एस्टेट विनियामक प्राधिकरण (RERA) के खाते से अतिरिक्त 2.5 करोड़ रुपये जारी करने का आदेश दिया गया है। सरकारी स्वामित्व वाले नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कारपोरेशन (एनबीसीसी) के प्रस्ताव की वजह से रुके हुए प्रोजेक्ट पर कोर्ट 10 सितंबर को निर्णय देगी। इसके लिए एनबीसीसी को 06 सितंबर तक अपनी रिपोर्ट दाखिल करनी होगी।
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30 प्रतिशत धन के उपयोगकी अनुमति मांगी
सुपरटेक के प्रोजेक्टस को लेकर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान की महत्वपूर्ण मुद्दे कोर्ट के समक्ष लाए गए। सुपरटेक की कमजोर वित्तीय स्थिति को देखते हुए आइआरपी (अंतरिम समाधान पेशेवर) को खाते से 30 प्रतिशत फंड का उपयोग करने की दिए जाने का अनुरोध किया गया। इस पर कोर्ट ने आइआरपी दो सप्ताह के भीतर आवेदन दायर करने और वेबसाइट पर उपलोड करने का आदेश दिया। कोर्ट से यह भी अनुरोध किया गया कि सुपरटेक की वित्तीय स्थिति काफी कमजोर है। कर्मचारियों की सैलरी तक नहीं मिल रही है और होम बायर्स से पैसा भी नहीं आ रहा है।
एनबीसीसी से साझा किया डाटा
कोर्ट को अवगत कराया गया कि आइआरपी ने एनबीसीसी के साथ सभी डाटा साझा किया गया है। आइआरपी कहना था कि आरपी(अधिकृत प्रतिनिधि) द्वारा अनुरोधित फारेसिंक आडिट नहीं कर सकते। कोर्ट ने एनबीसीसी को छह सितंबर तक सभी प्रोजेक्ट की विस्तृत रिपोर्ट जमा करने का आदेश दिया, जो सभी स्टेक होल्डर्स के साथ साझा की गई है। मामले में सुनवाई की अगली तारीख 10 सितंबर तय की गई है।
एनबीसीसी ने दिखाई थी लंबित परियोजनाओं में दिलचस्पी
उल्लेखनीय है कि एनबीसीसी ने रियल एस्टेट डेवलपर सुपरटेक की सभी लंबित परियोजनाओं को अपने हाथ में लेने में रुचि दिखाई है, जो देरी से डिलीवरी को लेकर घर खरीदारों की ओर से कई मामलों का सामना कर रही है।
दिवालियेपन की कार्रवाई का भी सामना कर रही सुपरटेक
सुपरटेक की समूह कंपनियों में से एक दिवालियेपन काऱवाई की भी सामना कर रही है। इसे लेकर राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण(एनसीएलटी) में भी मामला चल रहा है। इसी क्रम में अंतरिम समाधान पेशेवर (आइआरपी) ने एनबीसीसी से संपर्क साधा था। एनबीसीसी ने आइआरपी और ऋणदाता यूनियन बैंक ऑफ इंडिया को सूचित किया है कि वह सुपरटेक की सभी परियोजनाओं को लेने के लिए तैयार है, बशर्ते उसे परियोजनाओं के विवरण और उनसे संबंधित सभी डाटा उपलब्ध कराया जाए। रियल एस्टेट डवलपर कंपनी सुपरटेक को 15,000 से अधिक घर बायर्स को देने हैं। इसी साल 8 जुलाई के एनसीएलएटी के आदेश के अनुसार, अटॉर्नी जनरल वेंकट रमानी ने अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया है कि उन्हें निर्देश मिले हैं कि एनबीसीसी उचित परिश्रम के अधीन परियोजनाओं को लेने में रुचि रखती है और सुपरटेक के ऋणदाता एनबीसीसी के प्रस्ताव के खिलाफ नहीं हैं। ((सौ. फेडरल भारत))