फ्लाइट से सफ़र करने वालों के लिए बुरी ख़बर

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18 साल पहले टेकऑफ..और अब क्रैश लैंडिंग..जी हां..सही सुना आपने..वाडिया ग्रुप की एयरलाइन कंपनी गो फर्स्ट (Go First) दिवालिया होने के कगार पर पहुंच गई है। कंपनी की विमानें 3 और 4 मई को उड़ान नहीं भरेंगी। कंपनी ने एनसीएलटी (NCLT) में वॉलंटरी इनसॉल्वेंसी प्रॉसीडिंग (Voluntary insolvancy proceedings) के लिए आवेदन दिया है।

सौ. सोशल मीडिया

जुलाई 2022 में पहली बार गो फर्स्ट को अपने प्लेन को ग्राउंड करना पड़ा था तब से एयरलाइंस में उड़ान भरने वाले यात्रियों की संख्या में बड़ी गिरावट आई है.

पीटीआई ने कंपनी के सीईओ कौशिक खोना के हवाले से यह जानकारी दी है। खोना ने कहा कि एयरलाइन के 28 विमान ग्राउंड कर दिए गए हैं। यानी उसके आधे से ज्यादा विमान उड़ान नहीं भर पा रहे हैं। इसकी वजह यह है कि इंजन बनाने वाली कंपनी प्रैट एंड व्हिटनी (Pratt & Whitney) ने उसकी सप्लाई बंद कर दी है। इससे कंपनी के पास फंड की भारी कमी हो गई है।

एयरलाइन के पास कैश खत्म हो चुका है। इस कारण वह ऑयल मार्केटिंग कंपनियों के बकाये का भुगतान नहीं कर पा रही है। इन कंपनियों ने उसे तेल देने से इन्कार कर दिया है। गो फर्स्ट के विमान तीन और चार मई को उड़ान नहीं भरेंगे। खोना ने कहा कि इनसॉल्वेंसी प्रॉसीडिंग के लिए फाइल करना एक दुर्भाग्यपूर्ण फैसला है लेकिन कंपनी के हितों को बचाने के लिए मजबूरन ऐसा करना पड़ा है। एयरलाइन ने इस बारे में सरकार को भी जानकारी दे दी है। साथ ही वह सिविल एविएशन रेगुलेटर डीजीसीए (DGCA) को भी इस बारे में इस व्यापक रिपोर्ट देगी। इस बीच डीजीसीए ने कंपनी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इसमें कहा गया है कि उसके बिना जानकारी दिए फ्लाइट्स कैसे कैंसल कर दी। कंपनी से 24 घंटे के भीतर जवाब देने को कहा गया है।

इंजन नहीं मिल पाने के कारण कंपनी के आधे से अधिक विमान उड़ान नहीं भर पा रहे हैं। इस कारण उसका कैश फ्लो बुरी तरह प्रभावित हुआ है। साथ ही उसके एयरबस ए320 नियो विमानों को Pratt & Whitney इंजन की सप्लाई नहीं हो रही है। गो फर्स्ट स्ट्रैटजिक इनवेस्टर की तलाश कर रही है और संभावित निवेशकों के साथ बातचीत कर रही है। कंपनी पिछले कई हफ्तों से कैश जुटाने के लिए संघर्ष कर रही है। उसक कहना है कि तीन और चार ई को उसने अपनी सभी फ्लाइट्स को कैंसल कर दिया है। एक ऑयल मार्केटिंग कंपनी के अधिकारी ने कहा कि गो फर्स्ट कैश एंड कैरी मोड में है। इसका मतलब यह है कि कंपनी डेली उड़ने वाली फ्लाइट्स के आधार पर पे कर रही है। इस बात पर सहमति बनी है कि अगर कंपनी ने भुगतान नहीं किया तो उसे तेल की बिक्री बंद कर दी जाएगी। एयरलाइन के एक प्रवक्ता ने इस बारे में सवालों का जवाब नहीं दिया।

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