Surya Grahan

Surya Grahan: कब लग रहा है सूर्य ग्रहण.. क्या भारत में होगा मान्य?

TOP स्टोरी Trending Vastu-homes
Spread the love

Surya Grahan: साल 2025 का पहला सूर्य ग्रहण बस कुछ ही दिनों में लगने वाला है, जिसे लेकर सभी की दिलचस्पी बढ़ गई है।

Surya Grahan: साल 2025 का पहला सूर्य ग्रहण बस कुछ ही दिनों में लगने वाला है, जिसे लेकर खगोल प्रेमियों से लेकर धार्मिक आस्थावानों तक, सभी की दिलचस्पी बढ़ गई है। सूर्य ग्रहण (Surya Grahan) सिर्फ एक खगोलीय घटना नहीं, बल्कि धार्मिक मान्यताओं (Religious Beliefs) से भी जुड़ा होता है। खासतौर पर हिंदू धर्म में इसका विशेष महत्व माना जाता है। हर ग्रहण के साथ सूतक काल (Sutak Period) का भी जिक्र किया जाता है, जिससे कई धार्मिक और दैनिक कार्य प्रभावित होते हैं। ऐसे में यह जानना जरूरी हो जाता है कि इस बार का सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई देगा या नहीं और क्या इसका सूतक काल मान्य होगा? आइए जानते हैं इस सूर्य ग्रहण की पूरी जानकारी…

ये भी पढ़ेंः Vastu Tips: इस दिन पहनें लाल रंग का कपड़ा, शुभ फल मिलेगा!

Pic Social Media

ख़बरीमीडिया के Whatsapp ग्रुप को फौलो करें https://whatsapp.com/channel/0029VaBE9cCLNSa3k4cMfg25

कब लगेगा सूर्य ग्रहण?

साल का पहला सूर्य ग्रहण (Surya Grahan) 29 मार्च, शनिवार को लगने जा रहा है। भारतीय समयानुसार, यह ग्रहण दोपहर 2:21 बजे शुरू होगा, शाम 4:17 बजे अपने चरम पर पहुंचेगा और शाम 6:14 बजे समाप्त होगा। इस ग्रहण की कुल अवधि 3 घंटे 53 मिनट की होगी। हालांकि, यह एक आंशिक सूर्य ग्रहण होगा।

क्या भारत में दिखाई देगा सूर्य ग्रहण?

यह सूर्य ग्रहण (Surya Grahan) भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा। यह ग्रहण मुख्य रूप से दक्षिण अमेरिका, उत्तरी अमेरिका के कुछ हिस्सों, उत्तरी एशिया, उत्तरी-पश्चिमी अफ्रीका, यूरोप, उत्तरी ध्रुव, आर्कटिक महासागर और अटलांटिक महासागर में देखा जा सकेगा। भारत में यह खगोलीय घटना सिर्फ वैज्ञानिक रूप से महत्वपूर्ण होगी, लेकिन धार्मिक रूप से इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।

आंशिक सूर्य ग्रहण क्या होता है?

आंशिक सूर्य ग्रहण (Surya Grahan) तब लगता है जब चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी के बीच आता है, लेकिन सूर्य को पूरी तरह से नहीं ढक पाता। इससे सूर्य का कुछ हिस्सा ही अंधकारमय होता है और बाकी हिस्सा चमकता रहता है। इस वजह से इसे पूर्ण ग्रहण नहीं माना जाता, बल्कि आंशिक सूर्य ग्रहण कहा जाता है।

क्या भारत में सूतक काल लगेगा या नहीं?

ग्रहण का सूतक काल (Sutak Period) वह समय होता है जिसे धार्मिक दृष्टि से अशुभ माना जाता है। सूतक काल में बहुत से काम करने की भी मनाही होती है। ग्रहण लगने से 9 से 12 घंटे पहले से सूतक काल लग जाता है। लेकिन, सूतक काल तब मान्य होता है जब सूर्य ग्रहण देखा जा सकता है। भारत से सूर्य ग्रहण नजर नहीं आएगा इसीलिए इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा।

सूर्य ग्रहण के दौरान क्या करें?

  • सूर्य ग्रहण के बाद स्नान कर गंगाजल से घर और देवताओं की मूर्तियों को शुद्ध करें।
  • ग्रहण के समय हनुमान जी और भगवान विष्णु की आराधना करें।

सूर्य ग्रहण के दौरान क्या न करें?

  • ग्रहण के दौरान भोजन करने से बचें।
  • बिना सुरक्षात्मक चश्मे के सूर्य ग्रहण को न देखें।
  • ग्रहण के दौरान बाहर जाने या कोई भी अशुभ कार्य करने से परहेज करें।

ये भी पढ़ेंः Vastu Tips: गलती से भी किचन में इन दो बर्तनों को उल्टा न रखें, नहीं तो..!

ग्रहण के दौरान खाने-पीने की मनाही क्यों होती है?

हिंदू शास्त्रों के मुताबिक, ग्रहण के समय भोजन करने से सेहत पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। ऐसा माना जाता है कि इस दौरान पकाया गया भोजन दूषित हो सकता है और ग्रहण के दौरान खाया गया भोजन व्यक्ति के पुण्य और अच्छे कर्मों को भी प्रभावित कर सकता है।

Disclaimer: यहां बताई गई सारी बातें धार्मिक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसकी विषय सामग्री का ख़बरी मीडिया हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता है।