21 अगस्त को नोएडा सेक्टर-93A स्थित ट्विन टावर((Supertech Twin Tower) सियान और एपेक्स पूरी तरह से जमींदोज कर दिया जाएगा। लेकिन इसके पहले को गिराने की तारीख पहले ही तय हो चुकी है। टि्वन टावर बनवाने में हुए भ्रष्टाचार पर तत्कालीन 8 अधिकारियों ने जवाब भेजे हैं। जिसमें अधिकारियों ने खुद को निर्दोष बताया है। अधिकारियों ने कहा, ”हमने भ्रष्टाचार नहीं किया।
SIT कर रही थी मामले की जांच
दरअसल सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट सोसाइटी में ट्विन टॉवर बनवाने में भ्रष्टाचार का मामला सामने आया था। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट के जांच के आदेश दिए थे। यूपी सरकार ने इस मामले की जांच के लिए SIT का गठन किया। SIT की रिपोर्ट में नोएडा प्राधिकरण में उस दौरान (2004-2012) कार्यरत रहे 24 अधिकारी-कर्मचारी और सुपरटेक प्रबंधक के पदाधिकारियों को आरोपी माना था।
प्राधिकरण ने विजिलेंस में दर्ज कराई एफआईआर
एसआईटी की रिपोर्ट के आधार पर नोएडा प्राधिकरण ने लखनऊ स्थित विजिलेंस में संबंधित अधिकारियों पर एफआईआर कराई थी। साथ ही आरोपी पाए गए अधिकारियों की विभागीय जांच के लिए करीब छह महीने पहले अधिकारियों की नियुक्ति की गई थी।
आईएएस स्तर के अधिकारियों की जांच का जिम्मा लखनऊ के एक वरिष्ठ अधिकारी को दिया गया। जबकि पीसीएस व इससे नीचे स्तर के अधिकारी की जांच के लिए नोएडा अथॉरिटी के एसीईओ प्रवीण मिश्र को जांच अधिकारी बनाया गया।
आरोप पत्र जारी करने को शासन ने दी थी मंजूरी
इनमें विभागीय जांच में अथॉरिटी को 11 आरोपी अधिकारियों के खिलाफ आरोप पत्र जारी करने की मंजूरी शासन से मिली थी। आरोप पत्र जारी होने के बाद पहले इन आरोपी अधिकारियों ने कई दस्तावेज अथॉरिटी से मांगे। फिर अब अपने जवाब अथॉरिटी में पहुंचाए हैं। जिसमे सभी ने भ्रष्टाचार में लिप्त होने से साफ इंकार कर दिया है।