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School Bus: नोएडा-ग्रेटर नोएडा में स्कूल बस चलाने वाले ख़ौफ में क्यों हैं?

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School Bus: नोएडा और ग्रेटर नोएडा में स्कूली बच्चों की सुरक्षा पर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं।

School Bus: नोएडा और ग्रेटर नोएडा में स्कूली बच्चों (School Children) की सुरक्षा पर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं। परिवहन विभाग (Transport Department) की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, एक से 15 जुलाई तक चले विशेष जांच अभियान में 29 स्कूली वाहन नियमों की अनदेखी करते हुए पकड़े गए हैं। इनमें स्कूल बसों (School Buses) के साथ-साथ स्कूल वैन भी शामिल हैं, जो बच्चों की जान को खतरे में डाल रही थीं।

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29 स्कूली वाहन बच्चों की जान जोखिम में डालते पकड़े गए

एआरटीओ प्रशासन डॉ. सियाराम वर्मा (Dr. Siyaram Verma) ने कहा कि पकड़े गए 29 वाहनों में से कई की फिटनेस समाप्त हो चुकी थी। चार स्कूली बसें ऐसी थीं, जो फिटनेस प्रमाणपत्र के बिना ही सड़कों पर दौड़ रही थीं। उन्होंने कहा कि बिना फिटनेस के वाहन चलाना बेहद खतरनाक है, इससे दुर्घटना की आशंका बनी रहती है और बच्चों व स्टाफ की जान जोखिम में पड़ती है।

सीट बेल्ट, ओवरलोडिंग और कागजों में भी खामियां

अभियान के दौरान यह भी पाया गया कि अधिकतर बस चालकों ने सीट बेल्ट (Seat Belt) नहीं पहनी थी। साथ ही कई स्कूली वैन क्षमता से अधिक बच्चों को ढो रही थीं। जून महीने में की गई एक अन्य जांच में 250 स्कूली वाहनों में से 50 वाहन ऐसे थे, जिनमें तय सीमा से अधिक बच्चे सवार थे। इनमें सबसे ज्यादा मामले स्कूली वैन से जुड़े थे।

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13 गाड़ियां सीज

उल्लंघन पाए जाने पर परिवहन विभाग (Transport Department) ने 29 बसों और वैन के चालान काटे, जिनमें से 13 को सीज कर दिया गया है। एआरटीओ प्रवर्तन डॉ. उदित नारायण पांडे ने कहा कि ज़्यादातर खामियां ठेके पर चल रही वैन और प्राइवेट वाहनों में पाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि स्कूल प्रबंधन की जिम्मेदारी है कि वे ठेके पर ली गई गाड़ियों की वैधता और सुरक्षा मानकों की ठीक तरह से जांच करें।

47 बसें होंगी सड़कों से बाहर

परिवहन विभाग के मुताबिक जिले में शिक्षण संस्थानों (Educational Institutions) के नाम पर 1,946 स्कूली बसें पंजीकृत हैं। इनमें से 47 बसें ऐसी हैं जो अपनी तय आयु पूरी कर चुकी हैं। इन वाहनों के पंजीकरण निलंबित या रद्द करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसके अलावा 35 स्कूली वाहनों की फिटनेस खत्म हो चुकी है, जिनके लिए संबंधित स्कूलों को नोटिस जारी कर फिटनेस जांच कराने का निर्देश दिया गया है।

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व्यावसायिक पंजीकरण के बिना स्कूल वैन पर रोक

डॉ. सियाराम वर्मा (Dr. Siyaram Verma) ने कहा कि लगातार ऐसे मामले सामने आ रहे हैं, जहां निजी पंजीकरण वाली वैन का इस्तेमाल स्कूली बच्चों को ढोने के लिए किया जा रहा है। उन्होंने वैन मालिकों को चेतावनी दी कि बिना व्यावसायिक पंजीकरण के इस तरह की गतिविधियां गैरकानूनी हैं और उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।