Punjab:कैम्पों में आई.आई.टी.-जे.ई.ई. और एन.ई.ई.टी. की पूरी ट्रेनिंग देकर छात्रों को बनाया जा रहा है सक्षम
छात्र की सफलता के लिए माता-पिता और शिक्षक हुए एकजुट
चंडीगढ़, 17 दिसंबर: Punjab: पंजाब स्कूल शिक्षा विभाग ने पंजाब अकादमिक कोचिंग फॉर एक्सीलेंस (पेस) के तहत मोहाली, जालंधर और बठिंडा के आवासीय मेरिटोरियस स्कूलों में एक अहम आवासीय विंटर कैम्प की शुरुआत की है। यह कैम्प 11वीं और 12वीं के उन छात्रों पर केंद्रित है जो आई.आई.टी.-जे.ई.ई. और एन.ई.ई.टी. जैसी प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं। स्कूल ऑफ एमिनेंस (एस.ओ.ई.) के कुल 1200 छात्रों को इन कैम्पों के माध्यम से कोचिंग और सहायता प्रदान कर तैयार किया जा रहा है ताकि इन पेशेवर प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं में उनकी सफलता की संभावना और बढ़ सके।
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इस संबंध में और जानकारी देते हुए विभाग के अधिकारी ने बताया कि सीनियर सेकेंडरी आवासीय स्कूल फॉर मेरिटोरियस स्टूडेंट्स (आर.एस.एम.एस.) मोहाली, जालंधर और बठिंडा में आयोजित होने वाला एक महीने लंबा शीतकालीन कैम्प नियमित पेस क्लासों के अतिरिक्त कोचिंग और संसाधन प्रदान करने के लिए तैयार किया गया है। यह पहल अकादमिक उत्कृष्टता और आजकल के प्रतिस्पर्धी दौर के लिए छात्रों को तैयार करने के लिए पंजाब की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
उन्होंने कहा कि कैम्प की गुणवत्ता, विश्वसनीयता और सामूहिक भागीदारी के हिस्से के रूप में, सभी जिलों के उच्चतर स्कूलों की स्कूल प्रबंधन समिति (एस.एम.सी.) के सदस्य और माता-पिता को कैम्प की सुविधाओं और संचालन का निरीक्षण करने के लिए आमंत्रित किया गया था। कैम्प का निरीक्षण करने के लिए श्री परमजीत सिंह, डायरेक्टर स्कूल शिक्षा (सेकंडरी), श्रीमती बलविंदर कौर, सहायक डायरेक्टर एस.ओ.ई. ने दौरा किया और शिक्षकों और माता-पिता से बातचीत की। जिला शिक्षा अधिकारी (सेकंडरी) डॉ. गिन्नी दुग्गल और आर.एस.एम.एस स्कूल की प्रिंसिपल श्रीमती रीता शर्मा ने माता-पिता को संबोधित किया, उन्हें स्कूल का दौरा कराया और उनके साथ बातचीत की। इस दौरे में तीन मुख्य गतिविधियाँ—क्लासरूम निरीक्षण, स्कूल का दौरा और छात्रों से बातचीत—शामिल थीं।
क्लासरूम निरीक्षण के दौरान, माता-पिता ने क्लासरूम की पढ़ाई की गुणवत्ता और छात्रों की भागीदारी को बारीकी से देखा। इस दौरान एस.एम.सी. सदस्यों से सुझाव भी लिए गए और कईयों ने इस महत्वपूर्ण दिन पर शिक्षकों के साथ मिलकर विभिन्न तरीकों से कैम्प को सफल बनाने में अपना योगदान दिया।
स्कूल की यात्रा के दौरान, एस.एम.सी. सदस्यों ने भोजन तैयार करने वाले क्षेत्र की सफाई और व्यवस्था, हॉस्टल की स्थिति और सुरक्षा प्रोटोकॉल सहित विभिन्न व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया। उन्होंने वार्डन से छात्रों के रूटीन के बारे में जानकारी प्राप्त की और हॉस्टल की सुविधाओं की संपूर्ण सफाई और रख-रखाव का जायजा लिया। माता-पिता ने ड्यूटी पर मौजूद मेडिकल टीम से बातचीत करने के लिए मेडिकल रूम का दौरा भी किया।
माता-पिता को ब्रेक के दौरान छात्रों के साथ बातचीत करने का मौका भी दिया गया ताकि उनकी तंदुरुस्ती का पता लग सके और उनके निश्चित लक्ष्यों पर चर्चा की जा सके। उन्होंने आगे कहा कि यह बातचीत छात्रों के अनुभवों और कैम्प के उनके अकादमिक और व्यक्तिगत विकास पर प्रभाव के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करती है।
कैम्प का दौरा करने वाले फेज़-3बी1 के म्यूनसिपल काउंसलर श्री जसप्रीत सिंह गिल ने कहा, “मैं फिजिक्स वाले’’ जैसी नामी संस्थाओं से प्रवेश परीक्षाओं के लिए मानक कोचिंग प्रदान करके पंजाब के युवाओं की प्रतिभा को निखारने के लिए राज्य सरकार की पहल की सराहना करता हूँ। ऐसी पहलों को और प्रोत्साहित किया जाना चाहिए ताकि हमारे बच्चों का सुनहरा भविष्य सुनिश्चित किया जा सके।
एक माता-पिता ने कहा, “कैम्प छात्रों को प्रतियोगिता परीक्षाओं के लिए तैयार करने का एक बेहतरीन अवसर है। शिक्षक उनके संदेहों को दूर करते हैं और उन्हें प्रश्न पूछने के तरीकों के बारे में सुझाव देते हैं। स्कूल कैम्पस भी बहुत सुरक्षित और सभी सुविधाओं के साथ साफ-सुथरा है।”
पेस आवासीय बूट कैम्पों के निरंतर सुधार के लिए माता-पिता और एस.एम.सी. सदस्यों की प्रतिक्रिया भी महत्वपूर्ण होती है। यह जानकारी यह सुनिश्चित करने में मदद करती है कि हर छात्र को अपने अकादमिक कार्यों में उत्कृष्ट होने के लिए सबसे अच्छा और संभव माहौल मिल सके। पेस आवासीय बूट कैम्प शैक्षिक उत्कृष्टता के लिए लोगों द्वारा संचालित पहुँच का उदाहरण प्रस्तुत करते हैं। मूल्यांकन प्रक्रिया में माता-पिता और एस.एम.सी. सदस्यों को शामिल करके, यह कार्यक्रम न केवल पारदर्शिता सुनिश्चित करता है बल्कि निरंतर सुधार के माहौल को उत्साहित करने के लिए सामूहिक बुद्धि का भी रास्ता तैयार करता है।

