One Nation One Election बिल सदन में हुआ पेश, जानिए कितने पड़े पक्ष में वोट
One Nation One Election: लोकसभा में सरकार ने वन नेशन वन इलेक्शन (One Nation One Election) पेश कर दिया गया है। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल (Arjun Ram Meghwal) ने आज यह बिल पेश किया है। बिल पेश होने के बाद अब लोकसभा से लेकर देशभर में बहस शुरू हो गई है। आज वन नेशन वन इलेक्शन के लिए लोकसभा में 129वां संविधान (संशोधन) बिल पेश किया। बिल के लिए पहले इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग (Electronic Voting) हुई। कुछ सांसदों की आपत्ति के बाद वोट संशोधित करने के लिए फिर पर्ची से मतदान भी हुआ।
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बिल को पेश करने के पक्ष में 269 और विपक्ष में 198 वोट पड़े। अमित शाह ने सदन में कहा कि बिल जब कैबिनेट में आया था, तब पीएम मोदी (PM Modi) ने कहा था कि इसे संयुक्त संसदीय समिति (JPC) को भेजना चाहिए। कानून मंत्री ऐसा प्रस्ताव कर सकते हैं।
वहीं इस बिल को लेकर कांग्रेस ने संघीय ढांचे पर चोट बताया है। समाजवादी पार्टी के सांसद धर्मेंद्र यादव ने भी इस बिल पर विरोध जताया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बीजेपी (BJP) आज एक देश-एक इलेक्शन बिल लोकसभा में पेश करते समय पार्टी के अनुपस्थित 20 सांसदों को नोटिस भेजेगी। पार्टी ने इन्हें सदन में मौजूद रहने के लिए तीन लाइन का व्हिप जारी किया है।
पर्ची से मतदान होने के बाद पक्ष में वोट बढ़े
आपको बता दें कि 12:10 बजे केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने लोकसभा में वन नेशन, वन इलेक्शन बिल पेश किया। तब विपक्षी सांसदों ने बिल का जमकर विरोध किया, जिसके बाद स्पीकर ओम बिड़ला ने बिल पेश करने को लेकर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग कराई। इस वोटिंग में 369 सदस्यों ने वोट किया। पक्ष में 220, विल के में 149 वोट पड़े। इसके बाद विपक्ष के सदस्यों ने आपत्ति जताई।
बिल को लेकर गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) ने कहा कि अगर उनको ऑब्जेक्शन है तो पर्ची दे दीजिए। इस पर स्पीकर ने कहा कि हमने पहले ही कहा था कि अगर किसी सदस्य को आपत्ति है तो वह पर्ची के माध्यम से भी अपना वोट संशोधित कर सकता है। इसके बाद ज्यादा सांसदों ने वोट डाला। पक्ष में 269 और विपक्ष में 198 मत पड़े। इसके बाद 1:15 बजे कानून मंत्री ने दोबारा बिल पेश किया।
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आज बिल पेश हुए आज
बता दें कि सरकार ने एक देश, एक चुना’ से जुड़े 2 बिल आज लोकसभा में पेश किए। पहला बिल- संविधान (129वां संशोधन) बिल। दूसरा-केंद्र शासित कानून (संशोधन) बिल 2024, इसके तहत पुड्ड्चेरी, दिल्ली और जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनाव लोकसभा चुनाव के साथ ही कराए जा सकें। इस संशोधन बिल के माध्यम से इन तीन एक्ट में बदलाव किया जाना है। द गवर्नमेंट ऑफ यूनियन टेरिटरीज एक्ट- 1963, द गवर्नमेंट ऑफ नेशनल कैपिटल टेरिटरी ऑफ दिल्ली- 1991 और द जम्मू एंड कश्मीर रीऑर्गनाइजेशन एक्ट- 2019 शामिल हैं।
दोनों सदनों में संविधान (129वां संशोधन) बिल पास होने के लिए दो-तिहाई बहुमत जरूरी लोकसभा की 543 सीटों में एनडीए के पास अभी 292 सीटें हैं। दो तिहाई बहुमत के लिए 362 का आंकड़ा पहुंचना जरूरी होता है। बात करें राज्यसभा की तो राज्यसभा की 245 सीटों में एनडीए के पास अभी 112 सीटें ही हैं, वहीं 6 मनोनीत सांसदों का भी उसे समर्थन प्राप्त है। जबकि विपक्ष के पास 85 सीटें हैं। दो तिहाई बहुमत के लिए 164 सीटें की आवश्यकता होती है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार अब विधेयक (बिल) पर आम सहमति बनाना चाहती है। सरकार इसे विस्तृत चर्चा के लिए संयुक्त संसदीय समिति या जेपीसी के पास भेज सकती है।
15 दलों ने किया बिल का विरोध
वन नेशन वन इलेक्शन पर बनी रामनाथ कोविंद समिति को 47 राजनीतिक दलों ने अपनी राय दी थी। इसमें 32 दलों ने समर्थन दिया तो वहीं 15 दलों ने इसका विरोध किया । विरोध करने वाले दलों के पास 205 लोकसभा सांसद हैं। यानी बिना इंडिया गठबंधन के समर्थन के संविधान संशोधन बिल पास होना मुश्किल है।