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Punjab: मान सरकार की जनकल्याण में एकता की मिसाल- सम्मान,श्रद्धा और सुरक्षा का संगम

पंजाब राजनीति
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693 करोड़ की पेंशन, 100 करोड़ की तीर्थ यात्रा, 10 लाख की स्वास्थ्य सुरक्षा

Punjab News: पंजाब की धरती हमेशा से प्यार, भाईचारे और एकता की मिसाल रही है। यहाँ सिख, हिंदू, मुस्लिम, ईसाई, और अन्य सभी धर्मों के लोग एक साथ रहते हैं — एक ही मिट्टी की खुशबू में पले-बढ़े हैं। आज जब दुनिया में धर्म के नाम पर दूरियाँ बढ़ रही हैं, तब पंजाब की मान सरकार ने फिर से यह संदेश दिया है कि “सभी धर्म समान हैं।” यह वो मिट्टी है जहाँ गुरु नानक देव जी ने सिखाया — ना को बैरी नही बिगाना सगल संगि हम कउ बनि आई ॥१॥ आज, उसी संदेश को आगे बढ़ा रही है पंजाब की मान सरकार। मुख्यमंत्री भगवंत मान जी ने साबित किया है कि सरकार का असली धर्म सिर्फ एक है वो है, इंसानियत की सेवा।

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मान सरकार ने पंजाब के सभी धर्मों के पवित्र स्थलों के विकास पर ध्यान दिया है। वहीं बिना किसी भेदभाव के हर वर्ग के बजुर्गों के लिए मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा और बेसहारा और विधवा महिलाओं के लिए समान रूप से पेंशन योजना शुरू की तो वहीं दूसरी तरफ स्वास्थ्य सेवाएं सभी को समान रूप से देने में पीछे नहीं हटी। इन पहलों ने पंजाब में एक नई सोच को जन्म दिया है ,जहाँ धर्म नहीं, इंसानियत सबसे बड़ा धर्म है; जहाँ राजनीति नहीं, सेवा ही सबसे बड़ी नीति है। पंजाब सरकार ने बुजुर्ग नागरिकों के लिए एक अद्भुत योजना शुरू की है,“मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना।”यह योजना सिर्फ एक धार्मिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि धर्मों की समानता और आपसी प्रेम का जीवंत उदाहरण है। इस योजना के तहत सभी धर्मों के लोगों को अपने-अपने पवित्र स्थलों की मुफ्त यात्रा कराई जाती है। सिख श्रद्धालुओं के लिए — अमृतसर साहिब, पटना साहिब, और हेमकुंट साहिब। हिंदू श्रद्धालुओं के लिए — हरिद्वार, मथुरा, और वैष्णो देवी। मुस्लिम श्रद्धालुओं के लिए — अजमेर शरीफ दरगाह। हर धर्म का मान-सम्मान बरकरार रखते हुए, मान सरकार ने यह साबित किया कि हर रास्ता एक ही मंज़िल की ओर जाता है — ईश्वर की ओर।

मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना’ की शुरुआत पंजाब की मान सरकार ने 6 नवंबर 2023 को की थी। पंजाब कैबिनेट ने 27 नवंबर से 29 फरवरी 2024 तक के लिए इस योजना के पहले चरण को मंजूरी दी थी | इसके साथ ही इस योजना का बजट बढ़ाकर 100 करोड़ रुपये कर दिया गया है। हाल ही में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने राज्य की एकता को और जनकल्याण योजनाओं की श्रृंखला को आगे बढ़ाते हुए धूरी से ‘मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना’ के दूसरे चरण की शुरुआत की।  इस यात्रा के लिए प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र से 16,000 श्रद्धालुओं का चयन किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह योजना सभी वर्गों, धर्मों, विभिन्न आय समूहों और क्षेत्रों के लोगों के लिए समान रूप से खुली है। इस योजना ने पंजाब के हर कोने में एक सुंदर संदेश फैलाया है कि धर्म अलग हो सकते हैं, लेकिन भावना एक है। हर बुजुर्ग जब अपनी तीर्थ यात्रा से लौटता है, तो उसके होंठों पर सिर्फ एक ही बात होती है कि “मान सरकार ने हमारा धर्म नहीं देखा, हमारी आस्था देखी।”यह योजना लोगों के दिलों को जोड़ रही है,जहाँ पहले दीवारें थीं, अब मोहब्बत के पुल बन रहे हैं। पंजाब अब पूरे देश के लिए एक मिसाल बन गया है। मुख्यमंत्री भगवंत मान की सोच आज पूरे भारत के लिए एक उदाहरण है,उन्होंने दिखाया है कि “जब सरकार सबके धर्म की इज़्ज़त करे, तो प्रदेश नहीं, पूरा देश मजबूत बनता है।”

पंजाब में मान सरकार के रहते अब यह  कोई यह नहीं पूछता कि आप किस धर्म से हैं। क्योंकि सरकारी योजनाएँ हर नागरिक के लिए खुली हैं,आम आदमी क्लिनिक में हर धर्म के लोग मुफ्त इलाज पा रहे हैं। आम आदमी क्लिनिक पंजाब में मान सरकार के तहत सभी धर्मों, जातियों और वर्गों के लोगों के लिए समान रूप से काम कर रहे हैं। इसे एकता और इंसानियत की मिसाल कहा जा सकता है, 881 क्लीनिक चल रहे हैं (565 ग्रामीण, 316 शहरी)। 236 नए क्लीनिक खुलने से संख्या 1,117 हो जाएगी। यह क्लिनिक “सबका इलाज, बिना भेदभाव के” की सोच को साकार करते हैं। मान सरकार की स्वास्थ्य योजना से अब हर परिवार को 10 लाख रुपये तक का मुफ्त स्वास्थ्य बीमा मिलेगा। यह योजना किसी एक वर्ग, धर्म या जाति के लिए नहीं, बल्कि हर पंजाबी के लिए है।यह योजना केवल बीमा नहीं है, यह बराबरी और इंसाफ की पहचान है। मान सरकार ने यह साबित कर दिया है कि सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है। यह 10 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा न सिर्फ़ आर्थिक सुरक्षा देता है, बल्कि एक भरोसा भी देता है कि अब कोई पिता अपने बच्चे के इलाज के लिए घर नहीं गिरवी रखेगा,ना ही कोई माँ अपने गहने बेचेगी, कोई बुज़ुर्ग दवाई के लिए तरसेगा नहीं, और कोई मज़दूर अस्पताल की फीस के डर से पीछे नहीं हटेगा।

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वहीं दूसरी तरफ राज्य सरकार ने अब तक 693 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता जारी की है, जिससे 6 लाख 65 हजार 994 विधवाएं और निराश्रित महिलाएं सीधे लाभान्वित हो रही हैं। यह सिर्फ़ आर्थिक मदद नहीं, बल्कि आत्म-सम्मान और सुरक्षा का भरोसा है, जो हर महिला को यह अहसास दिला रहा है कि सरकार उसके साथ खड़ी है। भगवंत मान सरकार ने स्पष्ट संदेश दिया है कि पंजाब में सभी धर्म, जाति और वर्ग समान हैं। यह सहायता किसी धर्म या पंथ को देखकर नहीं, बल्कि ज़रूरत देखकर दी जा रही है — क्योंकि पंजाब की आत्मा एकता, समानता और करुणा में बसती है। मान सरकार ने हमेशा ही रैलियाँ और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के ज़रिए लोगों में एकता का संदेश फैलाया है। यही सच्चा धर्म है — जन सेवा, समानता और भाईचारा। मान सरकार की यह पहल एक ऐसे पंजाब की तस्वीर पेश कर रही है,जहाँ समानता ही असली पहचान है, और मानवता ही सबसे बड़ा धर्म। मान सरकार ने हमें दिखाया है कि जब सरकार सबका ख्याल रखती है, तो लोगों के बीच दीवारें नहीं, पुल बनते हैं। मान सरकार ने यह भी साबित कर दिया है कि एक सच्ची सरकार वही है,जो धर्म नहीं, इंसानियत को सबसे ऊपर रखे। उनके शासन में हर नागरिक को समान अधिकार और समान अवसर मिल रहे हैं। मान सरकार  की यह सोच, यह नीति अब सिर्फ पंजाब तक सीमित नहीं है। यह एक संदेश है पूरे भारत के लिए कि अगर एक राज्य सबको साथ लेकर चल सकता है, तो पूरा देश भी ऐसा कर सकता है।