Prayagraj महाकुंभ में नाव से 30 करोड़ की कमाई करने वाली की कहानी पढ़ लीजिए
Prayagraj News: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में लगे महाकुंभ 2025 (Mahakumbh 2025) में करीब 65 करोड़ से ज्यादा लोगों ने स्नान किया। महाकुंभ में इतने ज्यादा लोगों के पहुंचने से यहां काम करने वाले लोगों ने खूब कमाई भी की। इसी को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यानथ (CM Yogi Adityanath) ने मंगलवार को विधानसभा में महाकुंभ में 45 दिनों में 30 करोड़ कमाई करने वाले एक नाविक परिवार की सफलता की कहानी सुनाई। सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने किसी का नाम नहीं लिया था लेकिन गुरुवार को वह नाविक का परिवार सामने आ गया। प्रयागराज के अरैल में रहने वाले पिंटू महरा परिवार के घर बुधवार को मीडिया पहुंचने लगी। परिवार के सदस्य महाकुंभ में हुई कमाई से खुद हैं और वे इस कमाई के लिए पीएम नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) को धन्यवाद देते हुए इसे गंगा मइया की असीम कृपा बता रहे हैं।
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आपको बता दें कि महरा का परिवार बहुत बड़ा है, इस परिवार में कुल 100 सदस्य हैं और इस परिवार में 130 नावें हैं। नाव संचालन ही इस परिवार का प्रमुख व्यवसाय है। इस परिवार के सदस्यों का कहना है कि सीएम योगी (CM Yogi) जितनी बता रहे हैं, उतनी ही कमाई हुई लेकिन परिवार बड़ा है, किसी एक को यह पैसा नहीं मिला, जो पैसा आया है सब बंटा है। पिंटू महरा का कहना है कि हम लोगों ने जितना सोचा नहीं था उससे ज्यादा कमाई हुई है। पिंटू और उनकी मां शुकलावती देवी का कहना है कि महाकुम्भ में बेहतर प्रबंधन से श्रद्धालुओं की संख्या में जो वृद्धि हुई, उसके कारण से न केवल उनकी बल्कि सभी नाविकों की उम्मीद से ज्यादा कमाई हुई।
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पहले से हो गया था अनुमान
पिंटू महरा के मुताबिक उसने 2019 के कुम्भ के दौरान भी नाव चलाई थी। उस कुम्भ से ही उसका अनुमान हो गया था कि इस बार के महाकुंभ (Mahakumbh) में बहुत श्रद्धालु आएंगे। महाकुंभ के पहले नावों की संख्या दोगुनी करते हुए पूरे परिवार के लिए 70 नई नावें भी खरीद ली। पहले से उसके 100 से ज्यादा सदस्यों वाले परिवार में 60 नावें थीं। इस तरह इन 130 नावों को उसने महाकुम्भ में उतारा। नाव खरीदने के लिए परिवार की महिलाओं के गहने बेचने की बात भी कही जा रही है। यह पहला मौका था जबकि इतने लंबे समय तक नावों की बुकिंग हुई। महरा परिवार इस कमाई से अपनी नावों का विस्तार करने और भविष्य में इस व्यवसाय को और अधिक संगठित रूप देने की तैयारी में है।
पिंटू महारा ने ऐसे की 30 करोड़ की कमाई
130 नावों का संचालन
हर नाव ने औसतन 50,000 रुपये प्रतिदिन कमाए
300 से अधिक नाविकों को को रोजगार मिला
महाकुंभ श्रद्धालुओं की भारी भीड़ से लाभ
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किला वीआईपी घाट के नाविक भी कमाई से खुश
संगम में दो प्रमुख घाट हैं, इनमें से एक है अरैल और दूसरा है किला के पास बना वीवीआई घाट। नावें दोनों ओर से चलती हैं। अरैल वाला हिस्सा ज्यादा कमाई वाला इसलिए रहा क्योंकि वहां पर वीआईपी गेस्ट ज्यादा आए। पुलिस और प्रशासन सहित दूसरे विभागों के वीआईपी घाट इसी ओर बनाए गए थे। पिंटू महरा परिवार की नावें इसी ओर संचालित हो रही थीं। दूसरे सिरे के नाविक भी महाकुम्भ में हुई कमाई से खुश हैं। किला के पास स्थित वीआईपी घाट पर मौजूद नाविकों ने बताया कि वो 45 दिन कभी नहीं भूलेंगे। यहां पर जिनके पास कम नाव थी, उन्हें भी गंगा मइया का आशीष मिला।
दिल खोलकर लोगों ने किया दान
नाव चलाने वाले राकेश निषाद ने कहा कि एक परिवार दक्षिण भारत से आया। जब नाविक संगम स्नान कराकर लाया तो परिवार ने पारिश्रमिक पूछा, नाविक ने एक उंगली दिखाई तो परिवार ने एक लाख रुपये के साथ कुछ और पैसे दिए, बाद में गिना तो कुल एक लाख 60 हजार रुपये उनके हाथ में था। वहीं हरेश ने बताया कि एक परिवार ने छोटी सी स्वर्ण प्रतिमा यहां पर दान में दी थी। लेकिन ज्यादातर लोगों ने अपने स्वभाव के मुताबिक किराया तय कराया, लेकिन इस बार तमाम दानी भी आए, जिन्होंने स्नान के बाद दिल खोलकर दान भी किए।
श्रमिकों को भी एक दिन में मिला 4-5 हजार
एक दूसरे नाविक ने कहा कि उनके पास खुद की नाव नहीं है। वो लालापुर ये महाकुंभ में आए हैं, दारागंज के परिवार की नाव उन्होंने ली है। महाकुम्भ के दौरान एक ट्रिप का उन्हें 500 रुपये किराया मिल जाता था। जो आम दिनों में मात्र 50 से 100 रुपये ही मिलता है। नाव मालिक ही सवारी लेकर आते थे, वो कितने में तय करते थे, इसकी जानकारी उन्हें नहीं थी। दिन में 10 फेरा करने पर उन्हें भी पांच हजार रुपये तक मिल जाते थे।
14 घाटों के लिए 1400 नावों के दिए गए थे लाइसेंस
मेला प्राधिकरण ने मेला की अवधि में टोटल 14 घाटों से नावों का संचालन कराया था। इसके लिए पीडब्ल्यूडी के निर्माण खंड 4 ने किला घाट पर स्थित बोट टेस्टिंग ऑफिस में 10 जनवरी तक जिले से कुल 1400 नावों की नाप कराई थी। नाप के बाद सभी को नावों का संचालन करने के लिए लाइसेंस दिया गया था। नाप में नाव का पटरा टूटने, कही छेद तो नहीं व दस यात्रियों के बैठने के हिसाब से पटरे की मजबूती जैसे बिंदुओं को शामिल किया गया था।
क्या कहती है योगी सरकार
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के मुताबिक प्रयागराज महाकुंभ 2025 से उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का लाभ होने का अनुमान है। इस आयोजन ने न केवल धार्मिक बल्कि आर्थिक तौर पर भी लाखों लोगों को फायदा पहुंचाया।
महाकुंभ में इन लोगों ने कमाया जबरदस्त लाभ
महाकुंभ केवल नाविकों ने ही नहीं, बल्कि ऑटो, टैक्सी, बस, नाव चालक और टूरिस्ट वाहन चालकों ने भी जबरदस्त लाभ कमाया है।
ऑटो और टैक्सी चालक- 3,000-5,000 रुपये प्रतिदिन
बस और टूरिस्ट वाहन- 5,000-10,000 रुपये प्रतिदिन
नाव चालक- 2,000-4,000 रुपये प्रतिदिन
होटल्स बुकिंग- 5,000-10,000 रुपये प्रतिदिन
30 करोड़ पर कितना देना होगा टैक्स
अब बड़ा सवाल यह उठका है कि इतनी बड़ी कमाई पर पिंटू महारा को कितना टैक्स देना पड़ेगा। भारत में 15 लाख रुपये से ज्यादा की कमाई पर 30% टैक्स देना पड़ता है। इनकम टैक्स कैलकुलेशन के मुताबिक पिंटू महारा को करीब 12.80 करोड़ रुपये का टैक्स भरना होगा।
कुल इनकम: 30 करोड़ रुपये
इनकम टैक्स- 8,98,12,500 रुपये
सरचार्ज- 3,32,30,625 रुपये
हेल्थ और एजुकेशन सेस- 49,21,725 रुपये
कुल टैक्स देनदारी- 12.80 करोड़ रुपये
अगर पिंटू महारा अपने खर्चों को घटाकर 20 करोड़ रुपये की नेट इनकम दिखाते हैं, तो उनकी टैक्स देनदारी घटकर 8.52 करोड़ रुपये रह जाएगी।

