PM Narendra Modi: लोकसभा चुनाव अपने अन्तिम चरण में पहुंच चुका है। अंतिम चरण के लिये प्रचार समाप्त होने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) तमिलनाडु (Tamil Nadu) के कन्याकुमारी (Kanyakumari) पहुंचे और समुद्र तट पर देवी कन्याकुमारी को समर्पित 108 शक्तिपीठों में से एक ऐतिहासिक श्री भगवती अम्मन मंदिर गए और यहां पूजा-अर्चना की। पीएम मोदी (PM Modi) केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम से भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के हेलिकॉप्टर से यहां सरकारी गेस्ट हाउस के अंदर बनाये गये हेलीपैड पर आए। यहां पर पीएम थोड़ी देर आराम करने के बाद वह समुद्र तट पर देवी कन्याकुमारी को समर्पित 108 शक्तिपीठों में से एक ऐतिहासिक श्री भगवती अम्मन मंदिर पहुंचे। पीएम मोदी ने यहां 45 घंटों की ध्यान साधना शुरू की है।
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पीएम मोदी का पुजारियों ने किया स्वागत
आपको बता दें कि मंदिर के पुजारियों ने पीएम नरेन्द्र मोदी (PM Modi) का पूर्ण कुंभ सम्मान के साथ पारंपरिक तरीके से स्वागत किया। भगवान की विशेष पूजा की गयी। पारंपरिक वेष्टि (धोती) और अंगवस्त्रम पहने प्रधानमंत्री ने पीठासीन देवता की पूजा करने के बाद गर्भगृह की परिक्रमा की। मंदिर प्रशासन की तरफ से पीएम मोदी को देवी भगवती अम्मन का चित्र भेंट किया गया।
इन सब के बाद में, वे एक विशेष नाव में सवार होकर विवेकानंद रॉक मेमोरियल पहुंचे, जहां वे एक जून तक स्मारक के अंदर ध्यान मंडपम में दिन-रात ध्यान करेंगे। पीएम मोदी की ध्यान सत्र पूरा करने के बाद मेमोरियल के पास तमिल संत तिरुवल्लुवर की प्रसिद्ध प्रतिमा देखने जाने की संभावना है। आध्यात्मिक दौरा होने के कारण से भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को पीएम मोदी की अगवानी करने या उनके साथ जाने की अनुमति नहीं दी गयी। प्रधानमंत्री की यात्रा को देखते हुए कन्याकुमारी में बहुस्तरीय सुरक्षा घेरा बनाया गया है।
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पीएम की सुरक्षा में गस्त लगा रही है सेनाएं
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सुरक्षा में भारतीय नौसेना और भारतीय तटरक्षक जहाजों को तटरेखा के लगभग जल में चौबीसों घंटे गश्त के लिए तैनात किया गया है। पुलिस कड़ी निगरानी कर रही है। सुरक्षा उपायों के तहत कन्याकुमारी तट पर मछुआरों को तीन दिनों तक मछली पकड़ने की गतिविधियों से रोका गया है। माना जाता है कि स्वामी विवेकानंद ने समुद्र के बीच चट्टान पर तीन दिन और रात ध्यान किया था, जब तक कि उन्हें ज्ञान प्राप्त नहीं हो गयी थी। स्वामी विवेकानंद के सम्मान में 1970 में बनाया गया यह स्मारक हर साल देश-विदेश से लाखों पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है।
आपको बता दें कि यह वही स्थान है, जहां स्वामी विवेकानंद ने 1892 में ध्यान किया था। रॉक मेमोरियल स्मारक का निर्माण स्वामी विवेकानंद को श्रद्धांजलि देने के लिए किया गया है। ऐसा माना जाता है कि स्वामी विवेकानंद ने देश भर में भ्रमण करने के बाद यहां तीन दिनों तक ध्यान किया था और विकसित भारत का स्वप्न देखा था।
33 साल पहले की तस्वीर खूब हो रही है वायरल
पीएम मोदी की कन्याकुमारी यात्रा से पहले इस प्रतिष्ठित स्थान से जुड़ी उनकी 33 साल पुरानी तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं। प्राप्त जानकारी के मुताबिक सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीरें 11 दिसंबर 1991 में आयोजित एकता यात्रा की हैं। यह यात्रा कन्याकुमारी में प्रतिष्ठित विवेकानंद रॉक मेमोरियल से शुरू हुई थी और कश्मीर में जाकर खत्म हुई थी। वायरल तस्वीरों में पीएम मोदी और पार्टी के वरिष्ठ नेता डॉ. मुरली मनोहर जोशी समेत सभी एकता यात्रियों को स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित करते देखा जा सकता है।
आपको बता दें कि एकता यात्रा दिसंबर 1991 में कन्याकुमारी से शुरू हुई थी और 26 जनवरी 1992 को श्रीनगर स्थित ऐतिहासिक लाल चौक पर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराने के साथ खत्म हुई थी। एकता यात्रा का नेतृत्व जोशी ने किया था। इस यात्रा में मोदी ने आयोजन में प्रमुख भूमिका निभाई थी। इस यात्रा का लक्ष्य दुनिया को यह संदेश देना था कि भारत आतंकवादी ताकतों के खिलाफ मजबूती से खड़ा रहेगा और एकजुट रहेगा।
पहले भी कर चुके हैं ऐसे घ्यान
पीएम मोदी ने 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद इसी तरह की आध्यात्मिक यात्रा की थी। उस समय वह उत्तराखंड गए थे और केदारनाथ मंदिर के पास एक गुफा में ध्यान लगाया था। इससे पहले 2014 में चुनाव प्रचार समाप्त करने के बाद पीएम मोदी महाराष्ट्र के सतारा जिले के प्रतापगढ़, दुर्ग गये और भगवान शिव के मंदिर में ध्यान लगाया था।