Pandit Chhannulal Mishra: विश्व प्रसिद्ध शास्त्रीय गायक और पद्म सम्मानित कलाकार पंडित छन्नूलाल मिश्र का गुरुवार सुबह निधन हो गया।
Pandit Chhannulal Mishra: विश्व प्रसिद्ध शास्त्रीय गायक और पद्म पुरस्कार से सम्मानित पंडित छन्नूलाल मिश्र (Pandit Chhannulal Mishra) का 91 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। उन्होंने गुरुवार तड़के सुबह 4:15 बजे मिर्जापुर स्थित अपने आवास पर अंतिम सांस ली। वे लंबे समय से अस्वस्थ चल रहे थे। हाल ही में उन्हें बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के सर सुंदरलाल अस्पताल में भर्ती कराया गया था। पंडित जी ने भारतीय शास्त्रीय संगीत को अंतरराष्ट्रीय मंचों तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई। इसके साथ ही उनका पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) से भी गहरा संबंध रहा है। पढ़िए पूरी खबर…

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आपको बता दें कि उनकी बेटी नम्रता ने कहा कि पिता का पार्थिव शरीर गुरुवार सुबह 11 बजे तक मिर्जापुर से वाराणसी लाया जाएगा। दिन में लोग उनके अंतिम दर्शन कर सकेंगे और शाम 7 बजे वाराणसी में उनका अंतिम संस्कार होगा।
7 महीने से थी तबीयत खराब
पंडित छन्नूलाल मिश्र की तबीयत पिछले सात महीनों से खराब थी। सितंबर में सीने में दर्द की शिकायत के बाद उन्हें मिर्जापुर के रामकृष्ण सेवाश्रम अस्पताल में भर्ती किया गया था। 13 सितंबर को हालत बिगड़ने पर उन्हें BHU के सर सुंदरलाल अस्पताल के ICU में स्थानांतरित किया गया। जांच में उनके फेफड़ों में संक्रमण और खून की कमी का पता चला था। 27 सितंबर को तबीयत में सुधार के बाद उन्हें डिस्चार्ज किया गया और वह मिर्जापुर में बेटी के घर चले गए थे।

पीएम मोदी ने जताया शोक
पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने पंडित छन्नूलाल मिश्र के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने अपने X पोस्ट में लिखा, ‘पंडित छन्नूलाल मिश्र जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ। वे भारतीय कला और संस्कृति को समृद्ध करने के लिए समर्पित रहे। उन्होंने शास्त्रीय संगीत को जन-जन तक पहुंचाया और भारतीय परंपरा को विश्व पटल पर प्रतिष्ठित किया। मुझे उनका स्नेह और आशीर्वाद प्राप्त हुआ। 2014 में वे वाराणसी सीट से मेरे प्रस्तावक भी थे। मैं उनके परिजनों और प्रशंसकों के प्रति संवेदना प्रकट करता हूं। ओम शांति!’
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ऐसा था PM मोदी से कनेक्शन
2014 के लोकसभा चुनाव में जब नरेंद्र मोदी ने वाराणसी से नामांकन दाखिल किया था, तब पंडित छन्नूलाल मिश्र उनके प्रस्तावक बने थे। उन्होंने उम्मीद जताई थी कि नई सरकार गंगा की सफाई और संगीत परंपरा के लिए बेहतर कार्य करेगी। कहा जाता है कि शुरू में वह प्रस्तावक बनने के लिए अनिच्छुक थे, लेकिन अमित शाह ने व्यक्तिगत मुलाकात कर उन्हें मनाया था। पीएम मोदी ने उन्हें स्वच्छता अभियान के नवरत्नों में भी शामिल किया था।

आजमगढ़ में हुआ था जन्म
पंडित छन्नूलाल मिश्र का जन्म 3 अगस्त 1936 को उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले के हरिहरपुर में हुआ था। उनके दादा शांता प्रसाद उर्फ गुदई महाराज प्रसिद्ध तबला वादक थे। छन्नूलाल ने छह साल की उम्र से अपने पिता बद्री प्रसाद मिश्र से संगीत की शिक्षा शुरू की। नौ साल की उम्र में किराना घराने के उस्ताद अब्दुल गनी खान ने उन्हें खयाल सिखाया। बाद में ठाकुर जयदेव सिंह ने उन्हें प्रशिक्षित किया। उनकी चार बेटियां और एक बेटा है।
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कोरोना में पत्नी और बेटी का निधन
पंडित छन्नूलाल मिश्र के परिवार ने 2021 में कोरोना महामारी के दौरान बड़ा नुकसान झेला। उनकी पत्नी मनोरमा मिश्रा का 26 अप्रैल 2021 को निधन हो गया था। इसके चार दिन बाद 29 अप्रैल को उनकी बड़ी बेटी संगीता मिश्रा ने भी वाराणसी के एक निजी अस्पताल में दम तोड़ दिया था।

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पद्मभूषण और पद्मविभूषण से सम्मानित
पंडित छन्नूलाल मिश्र ने काशी को अपनी कर्मभूमि बनाया और शास्त्रीय संगीत में महारथ हासिल की। उनके मशहूर गीत ‘खेले मसाने में होली…’ को आज भी लोग गुनगुनाते हैं। 2000 में उन्हें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार, 2010 में पद्मभूषण और 2021 में पद्मविभूषण से सम्मानित किया गया। उत्तर प्रदेश की अखिलेश सरकार ने उन्हें यश भारती सम्मान से भी नवाजा था।

