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Online Gaming Apps: ड्रीम-11 जैसे ऑनलाइन गेम्स खेलने पर लाखों का जुर्माना और जेल भी!

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Online Gaming Apps: देश में ऑनलाइन मनी गेम्स को लेकर बड़ा बदलाव होने जा रहा है।

Online Gaming Apps: देश में ऑनलाइन मनी गेम्स (Online Money Games) को लेकर बड़ा बदलाव होने जा रहा है। केंद्र सरकार ने संसद में प्रमोशन एंड रेगुलेशन ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025 पेश किया है, जिसे लोकसभा (Lok Sabha) में पास भी कर दिया गया है। यह बिल रियल मनी गेमिंग प्लेटफॉर्म्स जैसे ड्रीम-11 (Dream-11), रम्मी, विन्जो आदि को सीधे प्रभावित करेगा। वहीं बिल के उल्लंघन पर तीन साल तक की जेल और एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। पढ़िए पूरी डिटेल्स…

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जानिए क्या है नया ऑनलाइन गेमिंग कानून?

आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने प्रमोशन एंड रेगुलेशन ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025 (Promotion and Regulation Online Gaming Bill 2025) लोकसभा में पेश किया। बिल में यह साफ कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति या कंपनी रियल मनी वाले ऑनलाइन गेम्स को ऑफर नहीं कर सकेगी, उनका प्रचार नहीं कर सकेगी और न ही किसी भी रूप में इन गेम्स को बढ़ावा दे सकेगी।

इसके तहत ऐसा कोई भी ऑनलाइन गेम, जिसमें एंट्री फीस या पैसे जमा करने की जरूरत हो, उसे ‘ऑनलाइन मनी गेम’ की श्रेणी में रखा गया है। यह नियम चाहे स्किल-बेस्ड गेम हो या किस्मत पर आधारित, दोनों पर लागू होगा।

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विज्ञापन और पेमेंट सिस्टम पर भी रोक

इस कानून के अंतर्गत सभी मनी गेम्स के विज्ञापनों पर पूरी तरह से बैन लगाया जाएगा। साथ ही, बैंकों और फाइनेंशियल कंपनियों को इन प्लेटफॉर्म्स के ट्रांजैक्शन से भी रोक दिया जाएगा।

सरकार इस कानून को लागू करने के लिए लगभग 50 करोड़ रुपये खर्च कर एक नई रेगुलेटरी संस्था भी बनाएगी।

उल्लंघन पर सख्त सजा और भारी जुर्माना

अगर कोई व्यक्ति ऑनलाइन मनी गेम ऑफर करता है या उसे होस्ट करता है, तो उसे 3 साल तक की जेल और 1 लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है। दोबारा अपराध करने पर यह सजा 5 साल तक बढ़ सकती है।

वहीं, इन गेम्स का प्रचार करने वालों को 2 साल की जेल और 50 लाख रुपये तक का जुर्माना देना होगा। गेमिंग कंपनियों के मालिकों और मैनेजर्स पर भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। यहां तक कि पेमेंट प्रोसेसिंग में मदद करने वाले बैंक और फाइनेंशियल संस्थाओं को भी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।

क्या है रियल मनी गेमिंग और ई-स्पोर्ट्स में अंतर?

भारत में ऑनलाइन गेमिंग की शुरुआत पारंपरिक वीडियो गेम्स से हुई थी, जैसे PUBG, BGMI, कॉल ऑफ ड्यूटी आदि, जिन्हें खेलने के लिए पैसे नहीं देने पड़ते और जिन्हें ‘ई-स्पोर्ट्स’ की श्रेणी में रखा गया है।

वहीं, रियल मनी गेमिंग (RMG) में उपयोगकर्ता पैसे लगाकर गेम खेलते हैं और जीतने पर इनाम पाते हैं। ड्रीम-11, रम्मी, विन्जो जैसे ऐप्स इसी श्रेणी में आते हैं। नया कानून सिर्फ इन मनी बेस्ड गेम्स पर लागू होगा, ई-स्पोर्ट्स को इससे बाहर रखा गया है।

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ड्रीम-11 जैसी कंपनियों और सरकार को कितना होगा नुकसान?

भारत का ऑनलाइन गेमिंग मार्केट वर्तमान में 32,000 करोड़ रुपये का है, जिसमें से 86% रेवेन्यू रियल मनी गेमिंग से आता है। यह उद्योग हर साल सरकार को लगभग 20,000 करोड़ रुपये का टैक्स देता है और इसमें 25,000 करोड़ रुपये का विदेशी निवेश है, जिससे करीब दो लाख लोगों को रोजगार मिला है।

साल 2024 में ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों ने 23,500 करोड़ रुपये की कमाई की थी। नए कानून के लागू होने पर ड्रीम-11 (Dream-11), विन्जो, और गेम्स24×7 जैसी कंपनियां बंद होने की कगार पर आ सकती हैं, जिससे 20,000 से अधिक नौकरियां खतरे में पड़ सकती हैं। सरकार को भी टैक्स और जीएसटी के रूप में सालाना 25,000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हो सकता है।

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नेशनल ऑनलाइन गेमिंग कमीशन बनेगा

बिल में एक नेशनल ऑनलाइन गेमिंग कमीशन (NOGC) बनाने की बात है। यह कमीशन ही गेम्स को लाइसेंस देगा और तय करेगा कि गेम्स कौनसी कैटेगरी के हैं। इसी कमीशन की जिम्मेदारी नियमों का पालन करवाना होगी। सरकार का मकसद ई-स्पोर्ट्स को बढ़ावा देना है, लेकिन गैंबलिंग बेस्ड गेम्स पर रोक लगाना चाहती है। ई-स्पोर्ट्स में Real Cricket, EA Sport FC और Free Fire जैसे गेम्स शामिल हैं। ये गेम्स स्किल बेस्ड हैं, ना कि गैंबलिंग बेस्ड। इनमें पैसे दांव पर नहीं लगते।