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Noida News: नोएडा के ओल्ड ऐज होम की सच्चाई जान आप हैरान रह जाएंगे!

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Noida News: नोएडा से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने इंसानियत को झकझोर कर रख दिया है।

Noida News: नोएडा से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने पूरे समाज को झकझोर कर रख दिया है। नोएडा के सेक्टर-55 में स्थित आनंद निकेतन वृद्धाश्रम (Anand Niketan Old Age Home) में बुजुर्गों को बेहद अमानवीय परिस्थितियों में रखा जा रहा था। इस आश्रम (Ashram) में रह रहे बुजुर्गों से भारी-भरकम रकम वसूली जाती थी, लेकिन बदले में उन्हें न तो सही देखभाल मिल रही थी और न ही इंसान जैसा व्यवहार। यहां से 39 बुजुर्गों को बेहद दयनीय हालत में रेस्क्यू किया गया। पढ़िए पूरी खबर…

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आपको बता दें कि मामला तब सामने आया जब वृद्धाश्रम की एक बुजुर्ग महिला के बंधे हाथों का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। यह वीडियो लखनऊ में समाज कल्याण विभाग तक पहुंचा, जिसके बाद गोपनीय तरीके से छापेमारी की योजना बनाई गई। जांच टीम ने ताले तोड़कर बुजुर्गों को बाहर निकाला और उनकी हालत देखकर तुरंत रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया।

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तहखाने जैसे कमरों में बंधे थे बुजुर्ग

छापेमारी के दौरान वृद्धाश्रम का जो हाल सामने आया, उसे देखकर जांच टीम भी सन्न रह गई। कई बुजुर्गों को तहखाने जैसे कमरों में बंद रखा गया था। एक बुजुर्ग महिला के हाथ बंधे हुए थे, और पुरुषों को अंधेरे, तंग कमरों में रखा गया था। राज्य महिला आयोग की सदस्य मीनाक्षी भराला ने कहा कि कई बुजुर्गों के शरीर पर कपड़े तक नहीं थे, और कुछ के कपड़े मल-मूत्र से सने हुए थे। देखभाल के नाम पर वहां कोई प्रशिक्षित स्टाफ मौजूद नहीं था। एक महिला खुद को नर्स बता रही थी, लेकिन जांच में पता चला कि वह केवल 12वीं पास थी।

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2.5 लाख की डोनेशन और फिर भी बुरे हालात

चौंकाने वाली बात यह है कि इस वृद्धाश्रम में एक बुजुर्ग को रखने के लिए परिजनों से 2.5 लाख रुपये की डोनेशन ली जाती थी, साथ ही हर महीने 6,000 रुपये का अतिरिक्त खर्च वसूला जाता था। जब कई परिजनों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि उन्हें लगता था सबकुछ सही चल रहा है।

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रईस परिवारों के बुजुर्ग भी थे पीड़ित

रेस्क्यू किए गए बुजुर्गों में कई ऐसे हैं, जो नोएडा के संपन्न और पढ़े-लिखे परिवारों से आते हैं। इन्हें यहां अच्छे देखभाल और सुरक्षित वातावरण के नाम पर छोड़ा गया था, लेकिन हकीकत इससे ठीक उलट निकली।

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रेस्क्यू और आगे की कार्रवाई

बता दें कि छापेमारी के बाद 39 बुजुर्गों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। अगले दो से तीन दिनों में इन्हें सरकारी वृद्धाश्रम में स्थानांतरित किया जाएगा। नोएडा पुलिस और समाज कल्याण विभाग ने वृद्धाश्रम के संचालकों के खिलाफ जांच शुरू कर दी है। मीनाक्षी भराला ने कहा कि इस मामले में दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।