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Noida: Jaypee ग्रुप के फ्लैट खरीदारों के लिए अच्छी ख़बर आ गई

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Noida: Jaypee ग्रुप के फ्लैट बायर्स यह खबर जरूर पढ़ें

Noida News: जेपी ग्रुप के फ्लैट खरीदारों के लिए खुश कर देने वाली खबर सामने आ गई है। आपको बता दें कि जेपी ग्रुप (Jaypee Group) को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। जेपीएसआई (JPSI) को एसडीजेड योजना में आवंटित 1 हजार हेक्टेयर प्लॉट के निरस्तीकरण के यमुना प्राधिकरण के आदेश को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सही ठहराया है।
साथ ही यमुना प्राधिकरण (Yamuna Authority) को इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने आदेश दिया है कि वह एसडीजेड में जेपी एसोसिएट्स की आवासीय परियोजनाओं को पूरा कराकर फ्लैट बायर्स को घरों पर कब्जा दे।
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इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने निर्माण कार्य पूरा करने के लिए समय सीमा तय करने के साथ ही समिति गठित करने और उन शर्तों पर ही फ्लैट बायर्स को घर देने का आदेश जारी किया है जो जेपी एसोसिएट्स और खरीदारों के बीच हुए अनुबंध में शामिल था। प्लॉट निरस्तीकरण से लेकर आदेश की तिथि तक की अवधि को जीरो पीरियड भी घोषित कर दिया है।

जेपीएसके को 2008 में मिली थी 1 हजार हेक्टेयर जमीन

आपको बता दें कि यमुना प्राधिकरण ने एसडीजेड योजना के तहत सेक्टर 25 में जेपीएसआई पूर्व में जेपीएसके को साल 2008 में 1000 हेक्टेयर जमीन आवंटित की थी। इस जमीन को स्पोर्ट्स गतिविधि के लिए आवंटित किया गया था। जेपी ग्रुप ने इस पर बुद्धा इंटरनेशनल फार्मूला रेस ट्रैक, क्रिकेट स्टेडियम का निर्माण किया, इसके साथ ही 10 आवासीय परियोजना भी जारी की।

जमीन को दूसरे बिल्डर को भी सब लीज किया, लेकिन प्राधिकरण को प्रीमियम, ब्याज, लीज रेंट आदि का समय से भुगतान नहीं किया गया। इससे जेपी ग्रुप पर प्राधिकरण की बकाया राशि 24121855707 रुपये हो गई। यमुना प्राधिकरण ने साल 2020 के फरवरी में एसडीजेड का आवंटन दर करते हुए प्लॉट को अपने कब्जे में ले लिया, इसके साथ ही तय किया कि वह बायर्स के हितों की रक्षा करते हुए आवासीय परियोजनाओं को पूरा कर उन्हें कब्जा देगा।

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100 करोड़ रुपये यीडा के खाते में जमा कराने के दिए निर्देश

जेपी ग्रुप ने यमुना प्राधिकरण के इस निर्णय को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी। उसने कोर्ट में कहा कि यीडा के 1659.25 करोड़ रुपये 2294.49 करोड़ रुपये का भुगतान कर चुका है। हाईकोर्ट ने यमुना प्राधिकरण को उसके प्रत्यावेदन पर सुनवाई कर निर्णय करने का निर्देश दिया, इसके लिए 100 करोड़ रुपये यीडा के खाते में जमा कराने के निर्देश दिया था। सीईओ ने निरस्तीकरण के आदेश को बहाल रखा।
इस मामले में करीब 5 साल चली सुनवाई के बाद इलाहाबाद हाई कोर्ट ने यमुना प्राधिकरण के एसडीजेड के निर्णय को सही बताया है। साथ ही यमुना प्राधिकरण को आदेश दिया है कि घर खरीदारों (Home Buyers) के हित सुरक्षित करने केलिए आवासीय परियोजनाओं को पूरा कर कब्जा देगा।

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इस परियोजनाओं में इतनी है कुल यूनिट

जेपी ग्रुप ने एसडीजेड में 10 आवासीय परियोजना (10 Residential Project) लांच की थी। इसमें कुल 2750 यूनिट प्रस्तावित थीं, उसने 2155 की बिक्री कर दिया था और 595 यूनिट विक्रय से बाकी थीं। हाई कोर्ट के फैसले से इन खरीदारों को घरों पर कब्जा मिलने का रास्ता साफ हो गया है। 75 प्रतिशत तक बन चुकी परियोजना का काम एक साल में पूरा करना होगा, 50 प्रतिशत तक बन चुकी परियोजना को 18 महीने, 25 प्रतिशत तक बनी को 30 महीने और बाकी को 36 माह में पूरा करना होगा।

इन परियोजना को पूरा करने के िलए आदेश की तिथि से तीन माह में विकासकर्ता का चयन करना होगा। साथ ही यूपी सरकार को आदेश दिया है कि वह चार माह में एक समिति का गठन करे, इसमें गृह एवं औद्योगिक विकास विभाग के प्रमुख सचिव, चेयरमैन यूपीरेरा, यीडा सीईओ या उनका प्रतिनिधि, फ्लैट बायर्सों के प्रतिनिधि शामिल होंगे।
यीडा को एक नोडल अधिकारी नियुक्त करने के आदेश दिए हैं जो परियोजनाओं से जुड़े मामलों की सुनवाई एवं समाधान करेगा। यीडा खरीदारों से बकाया राशि वसूल सकेगा। इसके साथ ही एनसीएलटी में जिन खरीदारों ने अपने दावे पेश किए थे, उनके हित भी सुरक्षित रहेंगे।

पहले ही 1900.78 करोड़ दे चुके घर खरीदार

जेपी ग्रुप को आवासीय परियोजनाओं की बिक्री से 2433.41 करोड़ रुपये मिलने थे। इसमें से 1900.78 करोड़ रुपये उसे पहले ही प्राप्त हो चुके हैं।

इन परियोजनाओं का होना है काम

जेपी ग्रींस बोगविला, जेपी ग्रींन ग्रीन क्रेस्ट होम्स, जेपी ग्रींस कंट्री होम्स-1 व 2, जेपी ग्रींस क्रोंस ,जेपी ग्रीन कासिया एक व दो, जेपी ग्रींस कोव, जेपी ग्रींस बुद्धा सर्किट स्टूडियो एक।
जेपी ग्रींस स्पोर्टस विले, जेपी ग्रींस विला एक्सपेंजा कंट्री होम्स दो,जेपी ग्रींस विला एक्सपेंजा ग्रीन क्रेस्ट होम्स शामिल हैं। इसमें कई परियोजना लांच नहीं हुई थीं। रेरा पंजीकरण के तहत परियोजनाओं को पूर्ण करने की तिथि 2011 से 2022 तक थी।