NDA के नए ‘चिराग’..पवार की तरह ना हो ‘पासवान’ का ख़ेला!

बिहार

Jyoti Shinde, ,Editor

NDA यानी नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) की एक बार फिर से दोस्ती होने के संकेत मिल रहे हैं। साथ ही महाराष्ट्र के बाद अब बिहार में चाचा बनाम भतीजा शुरू होने की संभावनाएं बढ़ गई हैं।

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दरअसल, चिराग और उनके चाचा पशुपति नाथ पारस के बीच सीटों को लेकर पेंच फंस सकता है। माना जा रहा है कि गठबंधन को लेकर बीजेपी नई साझेदारी को अंतिम रूप देने का प्रयास कर रही है। वहीं, खुद चिराग भी राजधानी दिल्ली पहुंचे थे, जिसके बाद संभावना है कि वह केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात कर सकते हैं।

सूत्रों के मुताबिक गृहमंत्री नित्यानन्द राय और चिराह के बीच पटना में लंबी वार्ता हुई है। हालांकि अमित शाह से वार्ता को लेकर चिराग ने अभी कुछ नहीं कहा है।

सीट बटवारे पर हो सकती है बात

माना जा रहा है कि शाह और चिराग की बैठक में  सीट बटवारे पर चर्चा हो सकती है। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी को को 6 लोकसभा सीटों पर जीतने में सफल हुईं थीं। लेकिन वर्तमान में चिराग अकेले ही अपनी पार्टी से सांसद हैं। चिराग का कहना है कि 5 फीसदी पासवान चाहते हैं कि उन्हें 2019 के जितनी ही सीटें मिले।

चाचा ने छोडा साथ

खास बात यह है कि साल 2021 में  पशुपति नाथ पारस 5 सांसदों के साथ चिराग से अलग हो गये है। उन्होंने अलग होकर पहले से ही एनडीए का दामन थाम रखा है और मंत्री बने हैं। माना जा रहा है कि चिराग भी एनडीए गठबंधन का हिस्सा बनके मंत्री बन सकते हैं।

एनडीए में शामिल होने पर क्या बोले चिराग

जब चिराग से एनडीए में शामिल  की संभावना के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, मेरे लिए उनके सामने कोई घोषणा करना गठबंधन की मर्यादा के खिलाफ होगा। गठबंधन (एनडीए) द्वारा अपना मन बनाने से पहले एक और दौर की बातचीत करने की संभावना है।

जबकि चिराग की भाजपा के प्रति आत्मीयता और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के लिए उनकी प्रशंसा उनके प्रेम को दर्शाता है।

उनके चाचा पशुपति कुमार पारस, जिन्होंने अपने भाई की मृत्यु के तुरंत बाद विद्रोह किया था, जिसके परिणामस्वरूप एलजेपी में विभाजन हुआ था, अब वे केंद्रीय मंत्रिमंडल में मंत्री हैं।

चाचा और भतीजे दोनों ने कई बार कहा है कि वे किसी भी ऐसे गठबंधन का हिस्सा नहीं होंगे जिसमें दूसरा शामिल हो।

चिराग ने अपने चाचा के बारे में कोई नया बयान नहीं दिया, हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया कि उनकी पार्टी बिना किसी संदेह के हाजीपुर से लोकसभा चुनाव लड़ेगी, जिसे उनके पिता ने कई कार्यकालों तक पाला था और वर्तमान में उनके चाचा के पास है। जमुई से दूसरी बार सांसद बने चिराग से पूछा गया कि क्या उन्हें भी केंद्रीय मंत्रिपरिषद में जगह दी गई है।उन्होंने कहा, गठबंधन का हिस्सा बनने का मेरा फैसला मंत्री पद से ज्यादा लोकसभा और विधानसभा चुनावों की संभावनाओं से प्रभावित होगा।

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