Millionaire Chaiwala

Millionaire Chaiwala: ये हैं देश के करोड़पति चायवाले, नेटवर्थ जान कर उड़ेंगे होश!

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Millionaire Chaiwala: देश के कुछ युवाओं ने चाय की परंपरा को आधुनिक अंदाज़ में पेश कर करोड़ों का साम्राज्य खड़ा कर लिया है।

Millionaire Chaiwala: भारत में चाय केवल एक पेय नहीं, बल्कि एक संवेदना है। सुबह की शुरुआत से लेकर रात की गपशप तक, हर लम्हा एक कप चाय (Tea) के बिना अधूरा लगता है। लेकिन अब यही चाय बिजनेस (Business) की दुनिया में एक क्रांति ला चुकी है। देश के कुछ युवाओं ने चाय की परंपरा को आधुनिक अंदाज़ में पेश कर करोड़ों का साम्राज्य खड़ा कर लिया है। आज उन्हें लोग ‘मिलियनेयर चायवाले’ (Millionaire Chaiwala) के नाम से जानते हैं।

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भारत की चाय इंडस्ट्री में गजब की ग्रोथ

इनकी कहानियां इस बात का सबूत हैं कि भारत की चाय इंडस्ट्री में जबरदस्त संभावनाएं हैं। सोशल मीडिया, अर्बन कल्चर और ब्रांडिंग के सहारे इन्होंने न सिर्फ युवाओं के दिलों में जगह बनाई बल्कि निवेशकों का भी भरोसा जीता। आइए जानें कौन हैं ये टी-टायकून्स?

चाय पॉइंट:- अमुलीक सिंह बिजराल

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चाय पॉइंट के संस्थापक अमुलीक सिंह बिजराल ने चाय को कॉर्पोरेट अंदाज में पेश किया। आज इस ब्रांड की वैल्यूएशन 200 करोड़ रुपये से अधिक है। देशभर में इसके 170 से ज्यादा आउटलेट्स हैं, जो सालाना 40 से 120 करोड़ रुपये की कमाई करते हैं। क्विक-सर्विस मॉडल और स्टैंडर्डाइज्ड स्वाद ने शहरी उपभोक्ताओं को इसका दीवाना बना दिया।

चायोस:- नितिन सलूजा और अनुभव दुबे की जोड़ी

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चायोस की वैल्यूएशन भी 100 करोड़ रुपये से अधिक है और इसके 200 से ज्यादा आउटलेट्स हैं। ये ब्रांड हर साल 70 से 150 करोड़ रुपये तक की कमाई कर रहा है। इसकी सबसे बड़ी खासियत है इसका कस्टमाइजेशन मॉडल, जिसमें ग्राहक अपनी पसंद की चाय खुद बना सकते हैं। नितिन सलूजा के साथ अनुभव दुबे ने भी चायोस को ऊंचाइयों तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई। इनके पास अभी लगभग 50 आउटलेट्स हैं और इससे ये 10 से 30 करोड़ रुपये तक का कारोबार करते हैं। अनुभव की मार्केटिंग स्ट्रैटेजी ने ब्रांड को प्रतिस्पर्धा में मजबूत बनाए रखा।

एमबीए चायवाला:- प्रफुल्ल बिल्लौरे

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प्रफुल्ल बिल्लौरे, जिन्हें एमबीए चायवाला के नाम से जाना जाता है, ने सोशल मीडिया के दम पर अपनी पहचान बनाई। आज उनका ब्रांड 30 करोड़ रुपये से ज्यादा का है। 100 से अधिक आउटलेट्स के साथ यह ब्रांड सालाना 10 से 40 करोड़ रुपये का कारोबार कर रहा है। प्रफुल्ल की स्टोरीटेलिंग और किफायती चाय ने उन्हें युवाओं का आइकन बना दिया।

चाय की अर्थव्यवस्था भारत का विशाल बाजार

भारत हर साल करीब 1.4 बिलियन किलो चाय का उत्पादन करता है और 71 अरब रुपये की चाय निर्यात करता है। देश में रोजाना 1 बिलियन कप चाय पी जाती है, यानी औसतन हर व्यक्ति 3-4 कप चाय का सेवन करता है। इतनी बड़ी मांग ने चाय ब्रांड्स को लगातार विस्तार का मौका दिया है।

सड़क से कॉर्पोरेट तक, चाय का बदलता अंदाज

इन मिलियनेयर चायवालों ने साबित किया है कि चाय का सफर अब सड़क के ठेलों से निकलकर कॉर्पोरेट ऑफिसों तक पहुंच गया है। शहरीकरण ने तेज और गुणवत्तापूर्ण चाय की मांग को बढ़ाया है। सोशल मीडिया ने इन ब्रांड्स की पहचान को तेजी से फैलाया, जबकि नए फ्लेवर्स और मॉडर्न कैफे डिजाइन ने युवाओं को आकर्षित किया। सबसे खास बात, चाय की कीमत हर वर्ग की पहुंच में रही, जिसने इन ब्रांड्स को और मजबूत किया।