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Jharkhand: निकाय चुनाव की प्रक्रिया तेज, पिछड़ा वर्ग आयोग की नियुक्ति का प्रस्ताव सीएम को भेजा

झारखंड राजनीति
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Jharkhand में नगर निकाय चुनाव की घोषणा जल्द होने की संभावना है।

Jharkhand News: झारखंड में नगर निकाय चुनाव (Municipal Elections) की घोषणा जल्द होने की संभावना है। सीएम हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) के निर्देश पर अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग ने पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष और एक सदस्य पद पर नियुक्ति का प्रस्ताव भेजा है।

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सूत्रों के अनुसार, अगले सप्ताह आयोग के अध्यक्ष और एक सदस्य की नियुक्ति हो सकती है। साथ ही, राज्य निर्वाचन आयोग के अध्यक्ष की नियुक्ति भी संभावित है, क्योंकि बिना निर्वाचन आयुक्त के निकाय चुनाव संभव नहीं है। मतदाता सूची का प्रकाशन, वार्डों और बूथों का गठन, और इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की उपलब्धता जैसी प्रक्रियाएं पूरी करनी होंगी।

दुर्गा पूजा से पहले हो सकते हैं चुनाव

इन नियुक्तियों के बाद सरकार नगर निकाय चुनाव (Municipal Elections) की दिशा में तेजी से कदम उठाएगी। बारिश का मौसम खत्म होने और दुर्गा पूजा से पहले झारखंड में निकाय चुनाव कराने की कोशिश की जा रही है।

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हाईकोर्ट में बढ़ सकती है सरकार की मुश्किल

जनवरी 2025 में झारखंड हाईकोर्ट में जस्टिस आनंद सेन की अदालत ने पूर्व पार्षद रोशनी खलखो की अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को चार महीने के भीतर निकाय चुनाव कराने का निर्देश दिया था। उस दौरान मुख्य सचिव अलका तिवारी और नगर विकास सचिव सुनील कुमार ने कोर्ट में उपस्थित होकर चार महीने में चुनाव कराने का आश्वासन दिया था। हालांकि, यह समयसीमा 16 मई 2025 को समाप्त हो चुकी है। हाईकोर्ट में अगली सुनवाई किसी भी दिन हो सकती है, जिससे सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। संभवतः इस स्थिति से बचने के लिए सरकार ने चुनाव की दिशा में कदम उठाना शुरू कर दिया है।

1600 करोड़ रुपये के केंद्रीय अनुदान से वंचित झारखंड

निकाय चुनाव (Municipal Elections) में देरी के कारण झारखंड को केंद्र से 1600 करोड़ रुपये से अधिक का अनुदान नहीं मिल सका है। हाल ही में रांची आई 16वें वित्त आयोग की टीम ने स्पष्ट किया था कि चुनाव नहीं होने पर यह राशि मिलना मुश्किल होगा। केंद्रीय अनुदान की कमी के कारण कई योजनाएं लंबित हैं, और भविष्य की नई योजनाओं के कार्यान्वयन में भी बाधा आ रही है। इसीलिए सरकार अब चुनाव को टालकर राज्य को इस अनुदान से वंचित नहीं रखना चाहती।

पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष की नियुक्ति में देरी से अटके चुनाव

राज्य सरकार ने ट्रिपल टेस्ट के आधार पर निकाय चुनाव (Nikaay Chunaav) कराने का फैसला किया है। इसके लिए पिछड़ा वर्ग आयोग को ट्रिपल टेस्ट कराने का निर्देश दिया गया था। आयोग ने सभी 24 जिलों में ट्रिपल टेस्ट का कार्य पूरा कर लिया है, और अब डेटा संकलन के लिए एजेंसी चयन की प्रक्रिया चल रही है। लेकिन, आयोग में अध्यक्ष के पद के रिक्त होने के कारण यह प्रक्रिया रुकी हुई है। वर्तमान में आयोग में नंद किशोर मेहता और लक्ष्मण यादव सदस्य के रूप में कार्यरत हैं, लेकिन अध्यक्ष और एक अन्य सदस्य का पद खाली है। आयोग का पूर्ण गठन होने के बाद ही ट्रिपल टेस्ट की प्रक्रिया पूरी होगी, जिससे चुनाव का रास्ता साफ हो सकेगा।

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2020 से लंबित हैं निकाय चुनाव

झारखंड (Jharkhand) के 13 नगर निकायों में 2020 से ही चुनाव लंबित हैं, जबकि 35 अन्य शहरी निकायों का कार्यकाल मार्च-अप्रैल 2023 में समाप्त हो चुका है। कोरोना महामारी, पिछड़ा वर्ग आरक्षण को लेकर विवाद, और ट्रिपल टेस्ट की प्रक्रिया के कारण चुनाव में देरी हुई। इसके बाद लोकसभा और विधानसभा चुनाव के कारण भी मामला अटका। अब सरकार के पास चुनाव टालने का कोई ठोस कारण नहीं बचा है।