IAS Rukmani: IAS रुक्मिणी रियार ने UPSC में ऑल इंडिया रैंक 2 से रचा इतिहास
IAS Rukmani: अगर कभी स्कूल में फेल (Fail) हो गए हों, तो क्या इसका मतलब है कि ज़िंदगी में आप कुछ नहीं कर सकते? क्या एक असफलता आपके पूरे भविष्य का फैसला कर सकती है? अगर आपके मन में ऐसे सवाल हैं, तो IAS रुक्मिणी रियार (Rukmini Riar) की कहानी उन्हें हमेशा के लिए बदल देगी। छठी कक्षा में फेल होने के बावजूद रुक्मिणी (Rukmani) ने न केवल UPSC जैसी कठिन परीक्षा पास की, बल्कि बिना कोचिंग (Coaching) के अपने पहले ही प्रयास में ऑल इंडिया रैंक (All India Rank) 2 हासिल की। उनकी सफलता इस बात की मिसाल है कि असफलता कभी अंत नहीं होती, बल्कि यह शुरुआत हो सकती है एक असाधारण सफर की। पढ़िए पूरी खबर…
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छठी कक्षा में हुईं फेल, फिर भी नहीं मानी हार
आपको बता दें कि रुक्मिणी रियार (Rukmini Riar) का जन्म 1987 में पंजाब के गुरुदासपुर में हुआ था। स्कूल के दिनों में वह एक एवरेज स्टूडेंट थीं और छठी कक्षा में एक बार फेल भी हो गई थीं। लेकिन उन्होंने इस असफलता को अपनी पहचान नहीं बनने दिया। उन्होंने डलहौजी के स्केयर्ड हर्ट स्कूल से पढ़ाई की और फिर गुरुनानक देव यूनिवर्सिटी, अमृतसर से ग्रेजुएशन और टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (TISS) से पोस्ट ग्रेजुएशन किया।
एनजीओ से जुड़ाव ने बदला सोचने का नजरिया
रुक्मिणी (Rukmini) ने पढ़ाई के बाद मैसूर और मुंबई में एनजीओ (NGO) जैसे ‘अशोद्या’ और ‘अन्नपूर्णा महिला मंडल’ के साथ इंटर्नशिप की। यहां उन्होंने समाज की जमीनी हकीकत को करीब से देखा। इस अनुभव ने उन्हें प्रेरित किया कि वह प्रशासनिक सेवा में जाएं और समाज में बदलाव लाने की दिशा में काम करें।

साल 2011 में AIR 2 के साथ सफलता
साल 2011 में रुक्मिणी (Rukmini) ने UPSC की परीक्षा दी। न कोचिंग, न कोई शोर सिर्फ सेल्फ स्टडी और अनुशासन के दम पर उन्होंने न सिर्फ परीक्षा पास की, बल्कि ऑल इंडिया रैंक 2 हासिल की। यह उनके जीवन की सबसे बड़ी जीत थी, जिसने यह साबित किया कि लगन और मेहनत से कुछ भी संभव है।
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ऐसे की बिना कोचिंग के तैयारी
रुक्मिणी रियार (Rukmini Riar) ने एक इंटरव्यू में कहा कि उन्होंने UPSC की तैयारी NCERT की कक्षा 6 से 12 तक की किताबों से शुरू की। उन्होंने रोज़ाना समाचार पत्र और पत्रिकाएं पढ़ने की आदत बनाई। इसके अलावा उन्होंने मॉक टेस्ट और पिछले वर्षों के पेपर हल किए ताकि अपनी कमजोरियों को समझ सकें और सुधार कर सकें।