हिमाचल में ‘प्रलय काल’..HPU की महिला प्रोफेसर ने भी दम तोड़ा

उत्तराखंड दिल्ली NCR

उद्भव त्रिपाठी, ख़बरीमीडिया

Himachal Pradesh: स्वतंत्रता दिवस के मौके पर जहां पूरा देश आजादी का जश्न मना रहा था, वहीं राजधानी के समरहिल (Summer Hill Shimla) में भूस्खलन से तबाह हुए शिव बावड़ी मंदिर (Shiv Bawadi temple) के मलबे में दबे लोगों को निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है। पुलिस,प्रशासन व स्थानीय लोगों के साथ एसडीआरएफ (SDRF) व एनडीआरएफ (NDRF) की टीमें लगातार बचाव अभियान चला रही हैं। कल तक तीन लोगों के शव बरामद किए गए हैं। इनमें दो शव महिला और एक पुरुष का है। मृतक महिलाओं में से एक की पहचान प्रोफेसर मानसी और रेखा के तौर पर हुई है। वहीं मृतकों का आंकड़ा 60 के पार पहुंच चुका है।

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हिमाचल यूनिवर्सिटी की दो प्रोफेसर की हुई मौत
काल की जाल में फसी मानसी हिमाचल यूनिवर्सिटी (HPU) में गणित की प्रोफेसर थी। मानसी सिरमौर जिला के पांवटा साहिब की मूल निवासी थी। हिमाचल यूनिवर्सिटी से पहले वह कॉलेज कैडर में नाहन कॉलेज में नियुक्त थीं। दर्दनाक बात यह है कि मानसी के पति हरीश वर्मा की भी भूस्खलन में मौत हुई है। हरीश का शव एक दिन पहले ही बरामद कर लिया गया था। ये दम्पति समरहिल के एमआई रूम में रह रही थी। सोमवार को जल चढ़ाने के लिए दम्पति मंदिर पहुंचे और भूस्खलन ने फंस गए। बचाव कर्मियों ने एक अन्य महिला रेखा का भी शव बरामद किया है। बिलासपुर निवासी रेखा के पति पीएल शर्मा भी हिमाचल यूनिवर्सिटी में गणित विभागाध्यक्ष हैं।


पति और बेटा अभी तक लापता
मृतक रेखा के पति और बेटा भी हादसे के बाद से ही लापता हैं। इस हादसे में हिमाचल यूनिवर्सिटी से दो होनहार प्रोफेसर छीन लिए हैं। घटनास्थल से बरामद एक पुरुष के शव की अभी तक पहचान नहीं हो पाई है। शिमला के उपायुक्त आदित्य नेगी ने बताया कि अब तक 11 शव मलबे से निकाले जा चुके हैं। सोमवार को आठ शव बरामद किए गए थे। देर शाम घटनास्थल पर फ्लड आने से रेस्क्यू ऑपरेशन रोकना पड़ा था। करीब एक दर्जन से ज्यादा लोग अभी भी लापता हैं। जो हादसे के वक्त मंदिर में मौजूद थे।
भूस्खलन और बाढ़ की चपेट में मंदिर हो गया था ध्वस्त
सोमवार की सुबह करीब सवा सात बजे भूस्खलन और बाढ़ की चपेट में आने से शिव बावड़ी मंदिर ध्वस्त हो गया था। भूस्खलन इतना खतरनाक था कि मंदिर का नामो-निशान ही मिट गया। मंदिर में मौजूद दो दर्जन से अधिक लोगों को बच निकलने का समय तक नहीं मिला। राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने घटनास्थल पर पहुंचकर हालात का जायजा लिया था।

इस दर्दनाक हादसे ने दो मासूम बच्चियों सहित सात लोगों के एक परिवार को मौत की नींद सुला दिया। अन्य मृतकों की शिनाख्त संतोष (58) पत्नी पवन, अमन (34) पुत्र पवन, शेयशा (4) पुत्री अमन, सुयशा (2) पुत्री अमन, किरण (55) पत्नी प्रदीप, संजय ठाकुर (48) पुत्र मोहन सिंह, अमित ठाकुर (48) और हरीश वर्मा (43) के तौर पर हुई है। करीब 150 साल पुराना यह मंदिर लोगों की आस्था का केंद्र रहा है। श्रावण के महीने में मंदिर में शिव भक्तों का तांता लगा रहता था। पिछले कल सोमवार का दिन होने के चलते मंदिर में हवन यज्ञ और खीर के प्रसाद की तैयारी चल रही थी। इससे पहले भूस्खलन ने मंदिर को ध्वस्त कर दिया।
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