Gurugram News: रामप्रस्था बिल्डर पर कोर्ट का ‘हंटर’

दिल्ली NCR

नीलम सिंह चौहान, ख़बरीमीडिया

Gurugram News: बड़ी ख़बर गुरुग्राम सेक्टर 37 D स्थित रामप्रस्था सिटी सोसाइटी(Ramprstha Society) से आ रही है। जहां 200 खरीददारों को फ्लैट देर से मिलने की वजह से अब 20 करोड़ रुपए दिए जाएंगे। आपको बता दें सोसाइटी के RWA के साथ मिलकर के खरीददारों ने साल 2018 में राष्ट्रीय उपभोक्ता फोरम अदालत(NDRC) अदालत में मामला दर्ज कराया था।

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फ्लैट खरीददारों को कब्जा देने में देरी शुल्क देने के लिए सितंबर 2022 में उनके पक्ष में बिल्डर को आदेश हुआ था, लेकिन भुगतान के लिए बिल्डर ने हवाला दिया कि उनके पास पैसे नहीं है।

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आरबीडब्लूए ने बिल्डर से उतने पैसों का ही फ्लैट मांगा। इसके बाद बिल्डर ने साल मई – जून के महीने में सोसायटी के आठ फ्लैट की आरबीडब्लूए के नाम रजिस्ट्री भी कर दी है। इस फ्लैट में दो से लेकर के चार बेडरूम हैं। अब आरबीडब्लूए इन फ्लैट्स को बेचकर खरीददारों के पैसे को वापस करेगा।

साल 2018 में एनसीडीआरसी में मामला किया दायर

करीबन 200 घर खरीददारों ने सेक्टर 37 डी परियोजना के लिए बिल्डर रामप्रस्थ प्रमोटर्स एंड डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ रामप्रस्था सिटी आरबीडब्लूए के चलते साल 2015 में एनसीडीआरसी अदालत में मामले को दायर किया था।

खरीददारों का आरोप ये था कि साल 2012 में फ्लैट का पजेशन मिला था, लेकिन बिल्डर ने साल 2018 में पजेशन दिया। कोर्ट ने सितंबर 2022 में उनके पक्ष में निर्णय दिया। इस फैसले के बाद अब जब आरबीडब्लूए ने भुगतान के लिए बिल्डर से संपर्क किया, तो बिल्डर का कहना था कि उनके पास विलंब शुल्क का भुगतान करने के लिए नगद अमाउंट नहीं है।

बिल्डर ने बनाया हर तरह का दबाव

आरडब्लूए विलंब शुल्क अमाउंट का भुगतान करने का दबाव डाला। बिल्डर ने अदालत में मामले को आगे की ओर बढ़ाने की कोशिश की। खरीददारों से लेकर आरडब्लूयूए पर हर तरीके का दबाव बनाया गया। यहां तक कि कुल 200 खरीददारों की रजिस्ट्री तक अभी नहीं करवाई, लेकिन वहीं खरीददार बिल्डर से पैसा वापस लेने के लिए झुकने के लिए तैयार नहीं है।

5 से लेकर 20 लाख रुपए का देना होगा शुल्क

फ्लैट खरीददार गौरव हांडा का कहना है कि शुरुआत में विश्वास नहीं हो रहा था, अब सभी फ्लैट की रजिस्ट्री हो गई है। हमने कब्जा भी ले लिया है, तब अहसास हुआ कि ये सपना सच जैसा है। देर से ही सही लेकिन हमें न्याय मिला।

सभी को दिए जाएंगे पैसे

सोसाइटी के आरडबल्यूए अध्यक्ष प्रदीप राही का कहना है कि वे कभी नहीं चाहते थे कि बिल्डर को जेल जाना पड़े। परियोजना के विकास के काम में बाधा डाले। बिल्डर ने अदालत में सुनवाई के दौरान बताया कि उनके पास घर के खरीदारों को 20 करोड़ रुपए से ज्यादा का भुगतान करने के लिए नगद पैसा नहीं है। वहीं, बिल्डर ने एसोसिएशन के नाम पर 20 करोड़ रुपए के 8 फ्लैट की रजिस्ट्री कर दी है। प्रदीप राही का कहना है कि मार्केट में फ्लैटों को उच्च अमाउंट पर बेचकर सभी सदस्यों को पैसा वितरित करने की योजना भी बनाई जा रही है।

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