मौसम परिवर्तन के प्रभाव को कम करने की पहल, बच्चों को प्राकृतिक पर्यावरण से जोड़ने पर जोर
Punjab News: मौसम परिवर्तन के कारण खाद्य सुरक्षा पर होने वाले असर के बारे में देश की राजधानी नई दिल्ली के डॉक्टर अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सेमिनार आयोजित किया गया। इस सेमिनार में पंजाब राज्य खाद्य आयोग के चेयरमैन बाल मुकुंद शर्मा ने भाग लिया।
इस सेमिनार को संबोधित करते हुए चेयरमैन बाल मुकुंद शर्मा ने कहा कि मौसम परिवर्तन पूरी दुनिया के लिए एक बहुत बड़ी चुनौती के रूप में उभर रहा है। उन्होंने कहा कि मौसम परिवर्तन के कारण जल संकट पैदा हो रहा है क्योंकि पृथ्वी का तापमान तेजी से बढ़ रहा है और ग्लेशियर पिघल रहे हैं।
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उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार जल स्रोतों और मौसम को बचाने के लिए कई कदम उठा रही है, जिसके तहत टिकाऊ खेती, विविधीकरण और कम पानी की खपत वाली फसलों की बुवाई को प्राथमिकता दी जा रही है। उन्होंने कहा कि पूरे देश का पेट भरने के लिए पंजाब ने अपने प्राकृतिक संसाधनों का दोहन करके बहुत कष्ट भोगा है, खासकर धान की खेती से भूजल स्तर, मिट्टी के स्वास्थ्य के अलावा ग्रीन गैसों और कार्बन की अधिक उपज के माध्यम से पर्यावरण का काफी नुकसान झेला है।
चेयरमैन बाल मुकुंद शर्मा ने कहा कि मौसम परिवर्तन के प्रभाव से बचने के लिए पंजाब सरकार द्वारा कई प्रयास किए गए हैं, जिनकी प्राप्ति के लिए जंगल उगाने के अलावा धान की सीधी बुवाई के लिए विशेष वित्तीय सहायता, बीटी कॉटन के बीजों पर 33 प्रतिशत सब्सिडी और 500 करोड़ रुपये पराली प्रबंधन मशीनों की खरीद पर खर्च किए जा रहे हैं।
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उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि खाद्य सुरक्षा के साथ-साथ अब पोषण सुरक्षा के लिए भी हम सभी को मिलकर काम करना चाहिए और इस दिशा में एक अभियान तैयार किया जाए, जिसके माध्यम से स्कूलों और आंगनवाड़ियों में सब्जियों, फलों और हर्बल पौधों पर आधारित “पोषण उद्यान” तैयार किए जाएं, जहां बच्चे छोटी उम्र में ही पोषण के भोजन में महत्व के बारे में जागरूक होंगे, वहीं ये गुणकारी सब्जियां और हर्बल पौधे जैसे करी पत्ता, पुदीना, सहजन आदि उन्हें दिए जाने वाले मिड डे मील का भी हिस्सा बन सकें।

