Bihar News: बिहार बीजेपी के पूर्व डिप्टी सीएम और कद्दावर नेता सुशील कुमार मोदी को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। सुशील कुमार मोदी पिछले 6 महीने से कैंसर जैसी बड़ी बीमारी से लड़ रहे है जिसकी जानकारी उन्होंने ने X पर दी।
ये भी पढ़ेः Delhi में विपक्ष की महारैली..तेजस्वी, अखिलेश समेत तमाम नेता केंद्र सरकार पर बरसे
ख़बरीमीडिया के Whatsapp ग्रुप को फौलो करने के लिए tau.id/2iy6f लिंक पर क्लिक करें
सोशल मीडिया पर उन्होंने स्पष्ट लिखा कि पिछले छह माह से कैंसर से संघर्ष कर रहा हूं। अब लगा कि लोगों को बताने का समय आ गया है। लोकसभा चुनाव में कुछ कर नहीं पाऊंगा। प्रधानमंत्री को सब कुछ बता दिया है। देश, बिहार और पार्टी का सदा आभार और सदैव समर्पित।
दरअसल, 6 महीने पहले उन्होंने गले में खराश की जांच कराई थी, रिपोर्ट के मुताबिक कैंसर डिटेक्ट हुआ। तब, उन्होंने इसकी जानकारी बीजेपी के कुछ वरिष्ठ नेताओं को दी लेकिन कार्यकर्ताओं को बीमारी के बारे में जानकारी नहीं दी। पहले की तरह ही पार्टी और संगठन के लिए काम करते रहे। अब जबकि लोकसभा चुनाव में प्रचार जोर पकड़ चुका है तो कैंसर की वजह से सुशील कुमार मोदी की तकलीफ भी बढ़ गई है, लिहाजा उन्होंने वरिष्ठ नेताओं को बता दिया कि लोकसभा चुनाव में भाग नहीं ले सकते।
नीतीश कुमार और सुशील मोदी बिहार में 70 के दशक के जेपी आंदोलन की उपज हैं। आरएसएस से जुड़े रहे सुशील कुमार मोदी की छात्र राजनीति की शुरुआत 1971 में हुई।
करीब 34 साल से राजनीति में सक्रिय सुशील कुमार मोदी राज्यसभा, लोकसभा, विधान परिषद और विधानसभा यानि चारों हाउस के सदस्य रह चुके हैं। इसके अलावा सुशील मोदी बिहार विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष के तौर पर सत्ताधारी दल को सदन के भीतर और बाहर पुरजोर तरीके से घेर भी चुके हैं। सुशील कुमार मोदी के पहले सिर्फ लालू प्रसाद यादव और नागमणि ही चारों सदनों के सदस्य रह चुके हैं।
सुशील कुमार मोदी 1990 में पहली बार पटना सेंट्रल से विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की थी। 2004 में वो भागलपुर सीट से लोकसभा के सदस्य के तौर पर चुने गए। लेकिन 2005 में एनडीए की सरकार बनने के बाद सुशील कुमार मोदी को बिहार विधानमंडल दल का नेता चुना गया तो उन्होंने लोकसभा से त्यागपत्र दे दिया। वहीं, 2012 विधान परिषद सदस्य के तौर पर निर्वाचित हुए। इसके बाद सुशील कुमार मोदी को 2018 में राज्यसभा भेजा गया।