CJI: देश के सुप्रीम कोर्ट के वर्तमान मुख्य न्यायाधीश भूषण गवई जल्द ही सेवानिवृत्त होंगे।
CJI: देश के सुप्रीम कोर्ट के वर्तमान मुख्य न्यायाधीश भूषण गवई (Bhushan Gawai) हैं। महाराष्ट्र से ताल्लुक रखने वाले गवई जल्द ही सेवानिवृत्त होंगे। उनका मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यकाल 23 नवंबर को समाप्त होगा। चीफ जस्टिस गवई ने 14 मई 2025 को इस पद की शपथ ली थी। मुख्य न्यायाधीश भूषण गवई के बाद जस्टिस सूर्यकांत (Justice Suryakant) कार्यभार संभालेंगे। हरियाणा से जुड़े जस्टिस सूर्यकांत की नियुक्ति को लेकर प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और पूरे देश में उनकी चर्चा जोरों पर है। पढ़िए पूरी खबर…

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जस्टिस सूर्यकांत भारत के अगले सीजेआई?
आपको बता दें कि प्रधान न्यायाधीश भूषण रामकृष्ण गवई (Bhushan Ramakrishna Gawai) ने केंद्र सरकार से जस्टिस सूर्यकांत को अगला मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice) नियुक्त करने की सिफारिश की है। मौजूदा सीजेआई गवई के बाद सुप्रीम कोर्ट के दूसरे सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश, जस्टिस सूर्यकांत 24 नवंबर को देश के 53वें प्रधान न्यायाधीश के रूप में पदभार ग्रहण कर सकते हैं।
23 नवंबर को रिटायर हो रहे सीजेआई गवई
सुप्रीम कोर्ट के वर्तमान मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई (BR Gawai) 23 नवंबर को रिटायर होंगे। सूत्रों के अनुसार, इस साल 14 मई को प्रधान न्यायाधीश के रूप में शपथ ग्रहण करने वाले जस्टिस गवई ने केंद्रीय विधि मंत्रालय से अगले चीफ जस्टिस के रूप में न्यायमूर्ति सूर्यकांत के नाम की सिफारिश की है। इसके साथ ही नए सीजेआई को लेकर आगे की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
जस्टिस सूर्यकांत का कार्यकाल और अनुभव
जस्टिस सूर्यकांत (Justice Suryakant) को 24 मई 2019 को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया था। अगर वे अगले मुख्य न्यायाधीश बनते हैं, तो उनका कार्यकाल एक साल दो महीने से अधिक का होगा। उनका कार्यकाल 9 फरवरी 2027 तक रहेगा। सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति की आयु 65 वर्ष निर्धारित है।
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कैसे होती है सीजेआई की नियुक्ति?
भारत में मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति एक संवैधानिक और परंपरागत प्रक्रिया के तहत होती है। सेवानिवृत्ति से लगभग एक महीने पहले, कानून मंत्रालय मौजूदा सीजेआई से उनके उत्तराधिकारी का नाम मांगता है। इसके बाद मुख्य न्यायाधीश औपचारिक रूप से सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश को ‘पद संभालने के लिए उपयुक्त’ मानते हुए सिफारिश करते हैं। मेमोरेंडम ऑफ प्रोसीजर (MoP) के तहत यही प्रक्रिया लागू होती है, जिसके आधार पर राष्ट्रपति नए मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति करते हैं।

कौन हैं जस्टिस सूर्यकांत?
जस्टिस सूर्यकांत शर्मा (Justice Suryakant Sharma) का जन्म 10 फरवरी 1962 को हरियाणा के एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ। उन्होंने 1981 में हिसार के गवर्नमेंट पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज से स्नातक की डिग्री और 1984 में महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, रोहतक से कानून की डिग्री प्राप्त की। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत हिसार जिला न्यायालय से वकालत करते हुए की और बाद में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट, चंडीगढ़ में प्रैक्टिस शुरू की।
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हरियाणा के सबसे कम उम्र के एडवोकेट जनरल
जस्टिस सूर्यकांत (Justice Suryakant) 7 जुलाई 2000 को हरियाणा के सबसे कम उम्र के एडवोकेट जनरल बने। मार्च 2001 में उन्हें सीनियर एडवोकेट के रूप में नामित किया गया। 9 जनवरी 2004 को उन्हें पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट का स्थायी न्यायाधीश नियुक्त किया गया। उन्होंने 5 अक्टूबर 2018 को हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश का पद संभाला और 24 मई 2019 को सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत हुए। 12 नवंबर 2024 से वे सुप्रीम कोर्ट लीगल सर्विस कमिटी के अध्यक्ष भी हैं।

