Car: गाड़ी रखने वालों के लिए सामने आई जरूरी खबर, 1 अप्रैल से होने जा रहा यह नियम लागू
Car: गाड़ी रखने वाले लोगों के लिए बड़ी और अहम खबर है। आपको बता दें कि अगर आपका भी वाहन की पंद्रह साल की आयु पूरी हो गई है और उसके रजिस्ट्रेशन (Registration) को आगे की अवधि के लिए बढ़ाया भी नहीं गया है तो उसे अब घर पर भी रखना गैरकानूनी होगा। इसको लेकर वाहन स्क्रैपिंग (Vehicle Scrapping) के नए नियमों के तहत आयु पूरी कर चुके वाहनों को 6 महीने यानी 180 दिनों के अन्दर पंजीकृत स्क्रैपिंग (Registered Scrapping) या संग्रहण केंद्रों पर अनिवार्य रूप से जमा करना होगा। ऐसा न करने पर वाहन मालिक के खिलाफ मोटर व्हीकल एक्ट के तहत जुर्माना, वाहन के रजिस्ट्रेशन रद्द (Registration Cancelled) करने और दूसरी बड़ी कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है। यह नया नियम देशभर में 1 अप्रैल से लागू हो जाएगा।
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पेश करना होगा स्क्रैपिंग का प्रमाण पत्र
इसके साथ ही वाहन उत्पादनकर्ता (Vehicle Manufacturer) को भी हर साल एक तय मानक के तहत वाहनों की स्क्रैपिंग का प्रमाण पत्र पेश करना होगा, तभी उन्हें नए वाहनों के उत्पादन की भी अनुमति प्रदान की जाएगी। इन नियमों से कृषि कार्य में लगे वाहनों को पूरी तरह छूट दी गई है।
वाहनों के उत्पादनकर्ता (Manufacturer) के लिए हर साल एक तय मात्रा में वाहनों की स्क्रैपिंग को अनिवार्य बना दिया गया है। हालांकि यह उन्हें खुद नहीं करना होगा, बल्कि देश के अधिकृत स्क्रैपिंग केंद्रों (Authorised Scrapping Centres) से उसके प्रमाणपत्र खरीदकर पेश करना होगा। इसके बाद ही उन्हें नए वाहनों के उत्पादन की अनुमति दी जाएगी।
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तय किए गए निर्धारित मानक
नए स्क्रैपिंग नियमों के अनुसार वाहनों की स्क्रैपिंग का अर्थ है बेकार वाहनों से स्टील को स्क्रैप करना। ऐसे में स्क्रैपिंग के लिए जो मानक बनाए गए हैं वह वाहनों में प्रयोग किए गए स्टील की मात्रा पर आधारित है। फिलहाल वाहन उत्पादनकर्ता को बताना होगा कि किस साल वाहनों के उत्पादन में उनकी तरफ से कितनी स्टील प्रयोग में लाई गई थी।
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आरटीओ की देखरेख में फिटनेस की होगी जांच
ऐसे में मंत्रालय ने साल 2025-26 के लिए वाहनों उत्पादनकर्ताओं के लिए स्क्रैपिंग के जो लक्ष्य तय किए हैं वह गैर-परिवहन वाहनों के लिए साल 2005-06 के आधार पर और परिवहन वाहनों के लिए साल 2010-11 के आधार पर तय किए गए हैं।
ऐसे में सभी वाहन उत्पादनकर्ता को इन सालों में वाहनों में प्रयोग की गई स्टील में से न्यूनतम आठ प्रतिशत की स्क्रैपिंग करानी होगी।
साथ ही वाहन उत्पादनकर्ता और राज्यों को वाहनों की स्क्रैपिंग को प्रोत्साहित करने के लिए नए-नए उपाय और जागरूकता कार्यक्रम चलाने के लिए भी निर्देश दिया गया है।
सभी प्रदेशों ने वाहनों की आयु अपने-अपने हिसाब से तय की है। दिल्ली-एनसीआर में जहां पंद्रह साल से अधिक के पेट्रोल और दस साल से अधिक के डीजल वाहनों के संचालन पर रोक है।
वहीं बाकी राज्यों में मोटर व्हीकल एक्ट के तहत वाहन अगर फिट है तो वह पंद्रह साल के बाद भी सड़कों पर दौड़ सकता है, लेकिन पंद्रह साल के बाद प्रत्येक 5 साल में इसके फिटनेस की आरटीओ की देखरेख में जांच करानी होगी।
जानिए क्या है नई स्क्रैपिंग नीति में
आपको बता दें कि नई स्क्रैपिंग नीति के तहत अगर वाहन फिट पाया जाता है तो उसके रजिस्ट्रेशन को पांच साल की अवधि के लिए बढ़ाया जा सकता है। फिलहाल मंत्रालय ने नई स्क्रैपिंग नीति में वाहनों की जो औसत उम्र निर्धारित की है, वह परिवहन वाहनों के लिए अधिकतम 15 साल और गैर-परिवहन वाहनों के लिए 20 वर्ष रखी है।

